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भूतनी की ममता

Horror Hindi Kahani

श्यामा जो बहुत ही अच्छी लड़की थी और उसकी शादी माधवपुर में रहने वाले विक्रम से हो जाती हैं। दोनों पति-पत्नी बहुत खुशी-खुशी अपना जीवन आगे बढ़ाते हैं। यूं तो विक्रम का घर एक गांव में था जहां ज्यादा सुविधाएं नहीं थी।

उसके बावजूद भी श्यामा ने बहुत अच्छे से अपनी गृहस्थी संभाल रखी थी। विक्रम जब भी काम में चला जाता तो श्यामा पूरे घर को संभालती साथ ही साथ पड़ोसियों के साथ भी उसने बहुत अच्छे संबंध बनाकर रखे थे कि हर कोई उसकी तारीफ ही करता था।

लगभग 2 साल बाद विक्रम और श्यामा का एक बेटा हुआ जिसका नाम उन्होंने रवि रखा। श्यामा अपने बेटे से बहुत प्यार करती थी। जब भी वह उससे कहीं दूर हो जाता तो वह उसे खोजने लग जाती। ऐसे में कभी-कभी पड़ोसी मजाक बनाते थे कि कल को अगर वह अपने बेटे से दूर हो गई ऐसे में वह क्या करेगी? तब श्यामा हंसते हुए कहती हैं- अरे ऐसा कुछ नहीं होगा, मैं हमेशा अपने बेटे के पास रहूंगी।

पड़ोस में रहने वाली विमला, श्यामा की बहुत अच्छी सहेली बन गई थी और दोनों एक दूसरे के साथ अपनी बातों को साझा किया करती थी।

एक दिन जब श्यामा और विक्रम किसी काम की वजह से गांव से दूर जाते हैं और उनके साथ में रवि भी होता हैं। वापस आने में घना अंधेरा हो जाता हैं और ऐसे में विक्रम के लिए बाइक चला कर वापस आना मुश्किल हो रहा होता हैं। श्यामा उसे रुकने के लिए कहती हैं लेकिन वह नहीं मानता और फिर वह घने अंधेरे को चीरते हुए ही वापस आने लगता हैं।

एक खतरनाक मोड़ पर उसे सामने से आता हुआ ट्रक दिखाई नहीं देता और अचानक उसकी बाइक का एक्सीडेंट हो जाता हैं और दोनों पति-पत्नी कहीं दूर जाकर गिर जाते हैं। विक्रम को होश आता हैं, तो वह दौड़कर श्यामा के पास जाता हैं लेकिन उसे मायूसी ही हाथ लगती हैं क्योंकि अब श्यामा इस दुनिया को अलविदा कह चुकी थी।

अब रवि लगभग 3 साल का हो चुका हैं। 1 दिन आधी रात को जब विक्रम की नींद खुलती हैं, तो उसे बड़ी अजीब सी आवाज सुनाई देती हैं लेकिन वह कुछ समझ नहीं पाता और वह दोबारा से सोने की कोशिश करता हैं। लगभग आधे घंटे के बाद उसे ऐसा महसूस होता हैं कि किसी ने उसके सिर के ऊपर हाथ रख दिया हो लेकिन नींद खुलते ही उसे कोई भी दिखाई नहीं देता और वह चुपचाप आंखों को बंद कर लेता हैं।

आज की रात उसे बड़ी ही भयानक और लंबी महसूस हो रही थी क्योंकि लगातार उस आहट की वजह से उसे नींद आने में दिक्कत महसूस हो रही थी।

दो रात के बाद उसे फिर से अजीब अजीब सी आवाज आने लगती हैं और वह नींद से जागकर लगभग चिल्लाते हुए कहता हैं- कौन हैं यहां? हिम्मत हैं तो मेरे सामने आओ।

तभी एक भयानक आवाज सुनाई देती हैं-  मेरा बेटा कहां हैं?

विक्रम – [ डरते हुए ] किसका बेटा?

तभी अचानक विक्रम को महसूस होता हैं कि यह आवाज तो श्यामा की हैं। आज उसे गए लगभग 2 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी उसकी आवाज मानो कुछ बयां कर रही हो। विक्रम बाहर निकल कर देखता हैं तो उसे महसूस होता हैं कि घर के बाहर लगे हुए पीपल के पेड़ से आवाज आ रही हैं और उसका बेटा रवि उस पेड़ की तरफ चला जा रहा हैं।

विक्रम चिल्लाते हुए कहता हैं- बेटा रवि वहां कहां जा रहे हो? वापस आ जाओ।

तभी अचानक घर का दरवाजा बंद हो जाता हैं और विक्रम अंदर ही रह जाता हैं। यह देखकर विक्रम डर जाता हैं क्योंकि इतनी रात को उसका बेटा रवि अकेले बाहर उस पीपल के पेड़ की तरफ चला जा रहा था।

रवि-  मां.. मां..

विक्रम खिड़की से ही देख कर डर जाता हैं क्योंकि अब वह रवि को उस पीपल के पेड़ के ऊपर देख पाता हैं जहां वह बैठा होता हैं और यह देखकर विक्रम बहुत ज्यादा डर जाता हैं।

थोड़े ही दिनों में यह बात सब जगह फैलने लगती हैं कि श्यामा अब वापस आ चुकी है और अब रात भर अजीब अजीब सी आवाज से पूरे गांव वालों को ही चिल्लाने लगी थी और जिस वजह से गांव के लोग डर के कारण विक्रम से कहने लगते हैं कि अब विक्रम को यह गांव छोड़कर चले जाना चाहिए।

अब यह बात रोज की हो जाती हैं, जब वह आधी रात को श्यामा की आवाज सुनता था। कभी तो श्यामा घर के अंदर आकर लाल-लाल आंखों के साथ उससे अपने बेटे के बारे में पूछने लगती तो कभी जोर-जोर से दरवाजा खटखटाने लगती जिससे पूरे गांव वाले ही डरने लगते थे।

विक्रम अच्छे से जानता था कि श्यामा सिर्फ उसके बेटे के लिए ही आती हैं। ऐसे में जब वह काम में जाता तो वह रवि को पड़ोसन विमला के पास देकर जाता था ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ ना होने पाए। एक दिन जब विक्रम को आने में देर हो गई तो विमला रवि को लेकर घर के अंदर चली गई।

यह बात श्यामा को बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी और वह बड़ी ही भयानक आवाज में लाल आंखों को करते हुए विमला से कहने लगी- तूने मेरा बच्चा क्यों ले लिया? क्या तुझे नहीं पता रवि मेरा बेटा हैं।

विमला डर के मारे कांपने लगी और उसे कुछ समझ नहीं आया कि आखिर वह क्या जवाब दें? जल्दी से कमरे के अंदर जाकर दरवाजा अंदर से बंद कर लेती हैं लेकिन अब उसे दरवाजा जोर जोर से खटखटाने की आवाज सुनाई देती हैं और अचानक खिड़की भी खुल जाती हैं जिसमें से ठंडी हवा अंदर की ओर आ रही होती हैं।

ऐसा भयानक मंजर विमला ने कभी देखा नहीं था और वह बुरी तरह से डरने लगती हैं अचानक खिड़की के रास्ते से श्यामा, विमला के सामने आकर खड़ी हो जाती हैं और उसकी आंखों से खून टपकने लगता हैं और वह आंखों को बड़ी करते हुए कहती हैं- दे दे मेरे बेटे को वरना तेरा बहुत बुरा हश्र होने वाला हैं।

जल्दी ही वहां विक्रम आ जाता हैं और वह दौड़ कर दरवाजा खोलता हैं और विमला को अपने घर जाने के लिए कहता हैं। जैसे ही वह मुड़कर देखता हैं, तो रवि फिर से उसी पीपल के पेड़ के ऊपर पहुंच जाता हैं जहां वह अकेला बैठा होता हैं और रवि की आंखों से भी लाल खून बहने लगता हैं।

यह सब देखकर विक्रम बहुत डर जाता हैं और वह रवि को कुछ दिनों के लिए उसकी नानी के घर भेज देता हैं। जैसे ही रात होती हैं, तो जब श्यामा रवि को नहीं देखती तो बहुत विचलित होने लगती हैं और वह चिल्ला चिल्ला कर अपने बेटे के बारे में पूछती हैं।

सभी गांव वाले डर की वजह से अपने घरों में दुबके रहते हैं। तभी अचानक वह पीपल का पेड़ अचानक जोर जोर से हिलने लग जाता हैं और दरवाजे में वह श्यामा अपने बेटे को याद करते हुए खटखटाने लगती हैं। जब वह अपने बेटे को नहीं देख पाती, तो वह अपना आपा खो बैठती हैं और रोते हुए कहती हैं। अरे मैं तो रोज अपने बेटे को देखने आती हूं उससे मिलने आती हूं।

न जाने तुम लोगों ने उसे कहां छुपा कर रख दिया हैं? उसे देखे बिना मैं यहां से नहीं जाऊंगी और वह ऐसा भयानक रोने लगती हैं कि पूरा गांव छुप-छुप कर उसे देखने लगता हैं।

जैसे ही सूर्य उदय होता हैं, वह गायब हो जाती हैं और अब विक्रम जल्दी से जाकर रवि को वापस ले आता हैं ताकि श्यामा अपने बेटे को देख ले और अब वहां से चली जाए। जब रात होती हैं तो श्यामा फिर से रोते हुए आती हैं लेकिन इस बार वह अपने बेटे रवि को देखकर बहुत खुश होती हैं रवि भी दौड़ कर अपनी मां के पास आता हैं जिससे श्यामा उससे दूर हट जाती हैं और कहती हैं- मैं तो तुझसे मिलने आती थी मेरे बच्चे।

अगर मेरी वजह से तुझे खतरा हैं, तो फिर मैं कभी नहीं आऊंगी लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा तेरे साथ रहेगा।

ऐसा बोलकर श्यामा वहां से चली जाती हैं और फिर वापस कभी भी नहीं आती हैं। इस बात को लगभग 10 साल बीत चुके हैं लेकिन गांव वाले आज भी उस बात को याद करते हुए सिहर उठते हैं और विक्रम भी उस बात को भुला नहीं पाया हैं। अब रवि अपनी पढ़ाई में ध्यान देने लगा हैं और वह अपने स्कूल में बहुत ही अच्छा विद्यार्थी बन चुका हैं।

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