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डिजिटल मार्केटिंग की जरूरत, फायदे और नुकसान

डिजिटल मार्केटिंग क्या है? फायदे और नुकसान

जब से आधुनिकीकरण और नई तकनीकों ने विश्व द्वार पर दस्तक दी है, दुनिया एक गांव में तब्दील हो गई है। प्रौद्योगिकी ने जीवन के हर पहलू में, खासकर व्यापार के क्षेत्र में, जिन्दगी को बहुत सरल और आसान बना दिया है। पुराने ज़माने में लोग व्यापार के उद्देश्य से पैदल यात्रा करते थे, फिर जब आधुनिकता ने दस्तक दी, तो स्वचालित वाहनों ने उनकी जगह ले ली।

फिर एक दौर ऐसा भी आया कि व्यापार के क्षेत्र में एक जबरदस्त क्रांति ने अपने कदम रख दिए। इस क्रान्ति के बाद अब घर बैठे ही व्यापार के बारे में ढेरों महत्वपूर्ण सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग भी ऐसा ही एक मंच है जहां घर बैठे आप अपने ग्राहकों आराम से आश्वस्त कर सकते हैं और उनसे उचित लाभ हासिल कर सकते हैं। लेकिन हर मामले में फायदे और नुकसान के पहलू छिपे होते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग के जहां अनेक फायदे हैं, तो वहीं कुछ नुकसान भी हैं, जिससे हर उस मार्केटर को बचना चाहिए जो व्यापार की दुनिया में अपनी एक नई पहचान कायम कर जबरदस्त रिकॉर्ड बनाना चाहता है।

Digital Marketing क्यों है फायदेमंद

1. लोगों को मिलते हैं रोज़गार के अवसर

पहले जब इंटरनेट नहीं था, तो कंपनियां अपने ब्रांड या उत्पादों को बेचने के लिए समाचार पत्रों, हैंडबिल या बड़े होर्डिंग का इस्तेमाल करती थीं। लोग उन पर काफी ध्यान भी देते थे लेकिन अब हालात और समय काफी बदल गया है।

लोग अपना ज्यादातर समय इंटरनेट पर बिताने लगे हैं। यही कारण है कि कंपनियों ने भी इन प्लेटफॉर्म्स पर ही अपने विज्ञापन शेयर करने शुरू कर दिए हैं। इस तरह कंपनियों के साथ-साथ कई वेब पोर्टल और वेबसाइटों को भी ज़बरदस्त फायदा हुआ। इस तरह, वैश्विक पहुंच के कारण अधिकांश लोगों को रोजगार के अवसर मिल गए।

2. व्यवसाय हो गया है आसान

आपका सोशल मीडिया या वेब पोर्टल ऑनलाइन मार्केटिंग के दौरान आपकी वेबसाइट पर ग्राहकों और आगंतुकों की पसंद और प्रतिक्रियाओं को ट्रैक करना आसान बनाता है। Web Analytics और Online Metric Tools ने इन सभी चीजों को काफी आसान बना दिया है।

डिजिटल मार्केटिंग की मदद से आप अपने उत्पादों या सामग्री को ब्रांडिंग के माध्यम से लोकप्रिय बना सकते हैं। सौभाग्य से, आप दुनिया भर में एक ब्रांड के रूप में एक नई पहचान बना सकते हैं। लेकिन इसके लिए शर्त यह है कि यदि आपने मार्केटिंग से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (Frequently Asked Questions, FAQs), उत्पाद समीक्षाओं (Product Reviews) और सामग्री विवरण (Content Descriptions) के बारे में सही जानकारी दी है, तभी आप इस क्षेत्र में सफलता को गले लगा सकते हैं।

इस क्षेत्र में आप Blog Writing, Affiliate Marketing, Email Marketing, Freelancing, Search Engine Marketing, Social Media Marketing और YouTube के जरिए न सिर्फ अपनी जेबों का वजन बढ़ा सकते हैं, बल्कि एक उज्जवल और खुशहाल भविष्य की ओर भी कदम बढ़ा सकते हैं।

इसके आलावा आप Amazon और Flipkart पर भी प्रोडक्ट्स को अपने ग्रहकों के बीच ले जाकर बेच सकते हैं। यह भी Digital Marketing का ही एक हिस्सा है।

क्या हैं नकारात्मक पहलू?

1. निवेश (Investments) को खोने का जोखिम बरकरार

आमतौर पर दुनिया में कोई भी व्यवसाय शुरुआत में लागत की मांग करता है। लागत या निवेश का सीधा सा मतलब है खोने का जोखिम! यही कारण है कि अधिकांश लोग डिजिटल मार्केटिंग व्यवसाय का साहस नहीं जुटा पाते हैं। शुरुआत में पैसे का निवेश करने का मतलब है कि आपको उस पैसे को उचित लाभ रिटर्न (Reasonable Profit Return) के साथ वापस पाने के लिए बहुत सारे मार्केटिंग रिसर्च करना होगा।

साथ ही आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आप सही सोशल प्लेटफॉर्म का चुनाव कर रहे हैं या नहीं। यदि आप ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो हो सकता है कि आप अपना मार्केटिंग प्रयास (Marketing Effort), लागत (Cost) और कीमती समय बर्बाद कर रहे हों।

2. सही सोशल प्लेटफॉर्म चुनने का भ्रम

एक व्यवसाय के मालिक को डिजिटल मार्केटिंग के लिए सही सोशल प्लेटफॉर्म चुनना मुश्किल हो सकता है। प्रारंभ में, किसी मालिक या प्रोपराइटर के लिए यह निर्धारित करना अत्यंत भ्रमित करने वाला होता है कि उसके आदर्श ग्राहक किस सामाजिक मंच पर अपना अधिकांश समय व्यतीत करते हैं।

यह एक कठिन कार्य है जो समय और अनुभव की मांग करता है। एक मालिक के रूप में, जब तक आप यह तय नहीं कर लेते, तब तक आपको ग्राहकों को अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ने के लिए टीवी, समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और रेडियो का सहारा लेना पड़ सकता है, जो बहुत महंगा और खर्चीला कदम साबित होगा।

3. कम विज्ञापन चलाने की चुनौतियाँ

कोई भी वेबसाइट, ज्यादातर मामलों में, केवल विज्ञापनों के माध्यम से चलती है। लेकिन विज्ञापनों की बहुत अधिक आमद किसी को भी चिड़चिड़ी बना सकती है, भले ही वे आपके ग्राहक हों। जब भी प्रचार विज्ञापन स्क्रीन पर आते हैं, तो अधिकांश लोगों के मोहभंग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

इस दौरान आपके दर्शक या श्रोता आपको बीच में छोड़कर इंटरनेट पर किसी दूसरी समग्री की तलाश में निकल सकते हैं।

4. बदनामी के खतरे को कम करना चुनौतीपूर्ण हैं

दुनिया के किसी भी व्यवसाय में ग्राहकों की वरीयताओं और प्रतिक्रिया को जानना सबसे महत्वपूर्ण और रोमांचक विषय है। सोशल मीडिया हमेशा डिजिटल मार्केटिंग पर फीडबैक की इस प्रक्रिया को प्रचारित करने का प्रयास करता है।

यदि कोई ग्राहक आपसे संतुष्ट नहीं है और आपके ब्रांड को पसंद नहीं करता है, तो बदनामी का खतरा बढ़ जाता है। हो सकता है कि वह अपने सोशल अकाउंट या ब्लॉग या कमेंट सेक्शन के माध्यम से अपनी निराशा व्यक्त कर दे जिससे आपके ब्रांड का नाम खराब हो सकता है और आपके व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

5. Technology पर ही है सम्पूर्ण आधार

Digital Marketing का पूरा दारोमदार टेक्नोलॉजी पर है। मतलब ये कि जब तक तकनीक है, तब तक कारोबार है। जिस दिन दुनिया से तकनीक का खात्मा हो गया, समझो आपके कारोबार का भी खात्मा हो गया। अगर आपका सोशल अकाउंट किसी बड़ी तकनीकी गड़बड़ी का शिकार होकर बंद हो गया तो Digital Marketing में आपके लिए जबरदस्त कठिनाइयां खड़ी हो सकती हैं।

आप हाथ पर हाथ धरे बैठे रह कर डिप्रेशन में भी जा सकते हैं। यही नहीं बल्कि सोशल प्लेटफार्म पर आप ग्राहक के तौर पर कोई बारगेनिंग भी नहीं कर सकते।

6. Digital Marketing के नाम पर ठगी है सबसे बड़ा खतरा

हर व्यापारी की चाहत होती है कि उसके ब्रांड्स से संबंधित तमाम छोटी बड़ी जानकारियां दूर दूर तक मशहूर (Viral) हो जाएं। इन जानकारियों की शोहरत अब ज्यादातर मामलों में ऑनलाइन तकनीकों से जुड़ गई हैं।

आपने भी देखा होगा कि Emails या Social Networking Sites का इस्तेमाल करते हुए आपके फोन की स्क्रीन पर कुछ लुभावने विज्ञापन आते हैं जिस पर क्लिक करते ही आप सीधे कंपनी की वेबसाइट में दाखिल हो जाते हैं। लेकिन इन्हीं असानियों के बीच खतरे भी पनपते हैं।

एक दौर था जब ठग किसी को बाजारों में सामने से ठगते थे। इस आधुनिक तकनीकी युग में ऑनलाइन ठगी अब अपने शबाब पर पहुंच चुकी है। दुनियाभर में लाखों लोग इंटरनेट पर ठगी का शिकार हो जाते हैं।

लालची Hackers और Scammers ने ऑनलाइन ठगी को शिखर पर पहुंचा दिया है। कभी कभार तो ऑफिस और सस्ते दामों की मोह माया में पढ़कर कुछ लोग Scammers के बिछाए हुए जाल में फस जाते हैं और मेहनत से कमाए अपने हजारों रुपए जल्दबाजी में ठगों की जेब में रख आते हैं।

इस सिलसिले में Cyber Security Expert रक्षित टंडन का कहना है कि वैसे तो Online Scammers अपने शिकार की तलाश में साल भर सक्रिय रहा करते हैं लेकिन त्योहारों के सीज़न के दौरान यह लोग और अधिक सरगर्म हो जाते हैं। यह लोग पहले तो Flipkart या Amazon की नकली वेबसाइटों की रचना करते हैं और फिर उपभोक्ताओं को बिला वजह का लालच देकर गुमराह करते की कोशिश करते हैं।

यहां तक कि लाखों की कीमत के Smartphones या अन्य उपकरणों को महज 10 से 15 हज़ार में खरीदने पर आमादा करते हैं। यह लोग आपको इनबॉक्स मैसेज भी भेज सकते हैं।

जैसे- “बधाई हो आपने फलां चीज जीत ली है या फिर आप की लॉटरी लग गई है या फिर ज्यादातर मामलों में यह कि आपने मुफ्त में एक कार जीत ली है।” यही शातिराना चालें ठगों का सबसे बड़ा हथियार होती हैं जिसके बल पर वह लोगों को लूटते फिरते हैं।

Facebook और Instagram जैसे भीड़भाड़ वाले ऑनलाइन क्षेत्रों पर इंटरनेट के ठग अकसर डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर बिजनेस पेज बनाते हैं और जब तक चंद जागरूक लोग फेसबुक इंस्टाग्राम को शिकायतें भेजें, यह लोग अपना काम तमाम कर रफूचक्कर हो चुके होते हैं।

इंटरनेट पर ठगने के भी अनेक तरीके हैं जिनमें से कुछ खास फिशिंग, यूपीआई लिंक फ्रॉड, सोशल मीडिया स्कैम, फ्री वाईफाई स्कैम, बैंक चेकिंग अकाउंट फ्रॉड, व्हाट्सएप कॉल्स, फेक वेबसाइट, फेक चैरिटी, फेक रिटेलर्स आदि शामिल हैं।

इन ठगों से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है कि जिस किसी आधुनिक प्लेटफार्म पर आप मौजूद हों, उसके बारे में बिल्कुल सटीक जानकारी और जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करते रहें और किसी भी अजनबी शख्स को अपनी जानकारी या विवरण उपलब्ध न कराएं।

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