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Limitless (दिमाग की असली ताकत) Book summary in Hindi

Jim Kwik - Limitless Book Summary in Hindi

हमारा दिमाग हमारा सबसे बड़ा हथियार है। इस दिमाग के पास ऐसी कई शक्तियां छुपी हुई है जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते हैं। अगर आप अपने जीवन में Successful बनना चाहते हैं और हर उस चीज को हासिल करना चाहते हैं जो आपका सपना है तो ऐसे में आपकी इच्छा पूरा करने में आपका दिमाग आपकी मदद कर सकता है।

Limitless बुक Jim Kwik के द्वारा लिखी गई एक बहुत ही अच्छी किताब है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिम क्विक एक बहुत ही बड़े साइकोलॉजीस्ट हैं उन्होंने अब तक बहुत से लोगों को ट्रेनिंग दी है। यहां तक की Jim Kwik ने दुनिया के सबसे अमीर आदमी Elon musk को भी ट्रेनिंग दी है

इस किताब में जिम क्विक ने दिमाग से जुड़ी ऐसी चीजों के बारे में बताया है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जिम क्विक कहते हैं कि अगर कोई अपने दिमाग की असली ताकत को समझ ले तो उससे ज्यादा तेज इंसान इस दुनिया में और कोई है ही नहीं।

Chapter 1. Becoming limitless

जब Jim Kwik बच्चे थे और KG में पढ़ते थे तब एक दिन वो खिड़की के बाहर नजारा देख रहे थे। खिड़की थोड़ी ऊंची होने की वजह से वो थोड़ी ऊंचाई पर खड़े थे लेकिन फिर अचानक जिम का पैर फिसल गया और वह गिर गए।

गिरने पर जिम के सर पर बहुत जोर की चोट आई और उस समय वह छोटे थे। तो इस घटना से उनके दिमाग पर काफी गहरा असर पड़ा था।

इस एक्सीडेंट की वजह से जिम की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी अब वह न तो ठीक से पढ़ पाते थे और ना ही किसी चीज पर ध्यान लगा पाते थे। जिम की हालत बहुत खराब हो गई थी जिसके कारण वह अपने क्लास से 3 साल पीछे हो गए थे।

जिम अपनी पूरी क्लास में सबसे गंदा परफॉर्म करते थे इसकी वजह से सभी लोग उनका मजाक उड़ाते थे। लेकिन जैसे तैसे करके जिम ने अपनी पढ़ाई जारी रखी जब वह नाइंथ क्लास में पहुंचे तब उन्हें टीचर द्वारा बताए गया एक टॉपिक समझ में नहीं आ रहा था।

जिसकी वजह से जिम ने अपने टीचर को दोबारा उस टॉपिक के बारे में बताने के लिए कहा। जिम के पूछने पर उनकी टीचर उनसे कहती है “टूटा दिमाग वाला लड़का”

वैसे तो सभी बच्चे जिम का मजाक उड़ाते थे लेकिन अपने टीचर के मुंह से यह बात सुनकर उन्हें बहुत ज्यादा बुरा लगता है। टीचर की बात सुनकर Author के मन में यह बात बस गई थी कि उनका दिमाग सच में टूटा हुआ है। उन्हें यह विश्वास हो गया था कि उनका दिमाग सही ना होने की वजह से वह दूसरे से कम है और इसीलिए वह फेल हो जाते हैं।

इन सभी चीजों से परेशान होकर जब एक दिन जिम अपने दोस्त के घर डिनर पर चले जाते हैं डिनर पर जिम के दोस्त के पापा जिम से पूछते हैं कि तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है?

यह सवाल सुनते हैं जब वह दुखी हो जाते है और रोने लगते है और रोते रोते अपनी सारी प्रॉब्लम अपने दोस्त के पापा को बता देते है।

ऑथर की बातों को सुनकर ऑथर के दोस्त के पापा उनसे पूछते हैं कि बताओ तुम्हें अपनी लाइफ में क्या करना है? तुम्हारे सपने क्या है और तुम स्कूल क्यों जा रहे हो ?

ऑथर के दोस्त के पापा उन्हें एक पेज निकाल कर देते हैं।

जिम अपने सारे ड्रीम्स उस पेपर पर लिख देते हैं जिसे देखने के बाद ऑथर के दोस्त के पापा उनसे कहते हैं कि जिम

तुममें और तुम्हारे ड्रीम में बस इतना डिफरेंस है जितना तुम अपने दिमाग को कहते हो।

यह कहते हुए वह ऑथर को अपने साथ एक रूम में ले जाते हैं जहां बहुत सारी माइंडसेट से रिलेटेड किताबें होती हैं। इस रूम में ले जाने के बाद ऑथर के दोस्त के पापा उनसे कहते हैं कि तुम्हें एक वीक में एक बुक रीड करनी हैं।

ऑथर को अपने दोस्त की पापा के बातों पर यकीन नहीं होता है। इसलिए उसके दोस्त के पापा उनसे कहते हैं कि जिम तुम इस काम को चैलेंज समझ कर करो। साथ ही वो कहते हैं कि तुम्हें अपने दिमाग को ट्रेन करना होगा ताकि वह तुम्हारे कहे अनुसार काम करें। साथ ही तुम्हें अपनी लर्निंग स्पीड पर भी काम करना होगा।

जिम ने अपने दोस्त के पापा की बात मान ली और उन्होंने किताबें पढ़ना शुरू कर दिया किताबें पढ़ने के बाद उनकी जिंदगी मानो पूरी तरह बदल गई। जिम को यह समझ में आ गया था कि अब तक उन्होंने अपने दिमाग में खुद ही लिमिट सेट कर रखी थी

इसीलिए जिम कहते हैं कि अपने आप को किसी भी तरह के लिमिटेशन में बांधकर नहीं रखना चाहिए। अगर आपको लगता है कि आप कोई काम नहीं कर सकते तो आप अपने दिमाग को यह बता रहे होते हैं कि वो काम आप से नहीं होगा।

इसीलिए अपने बुक के पहले चैप्टर में ऑथर कहते हैं कि आप को खुद को लिमिटलेस बनाना चाहिए खुद को लिमिटलेस बनाने का मतलब यह नहीं है कि आप में अलग से पावर आ जाएगी बल्कि इसका मतलब है कि आप को अपने दिमाग में से किसी भी तरह का लिमिटेशन नहीं रखना है।

अपने दिमाग से लिमिटेशन हटाने के लिए ऑथर एक तरीका बताते हैं –

1. सबसे पहले आप को अपने लिमिटिंग बिलीफ्स (Limiting Beliefs) को नाम देना चाहिए। जब आप अपने बिलीफ को नाम देंगे तब वो सिर्फ सोच नहीं रहेगा। आप समझ जाओगे कि आप किस तरह से सोचते हैं। अपने Belief को नाम देने पर आप अपने थॉट से भी बात कर सकते हैं।

2. अपने थॉट को समझने के बाद आप को यह देखना होगा कि कौन सी चीज है जो आपको आगे बढ़ने से रोक रही है। इस चीज का पता लगाने के बाद आप देखिए कि दूसरे लोग भी आप जैसा ही सोचते हैं उन्होंने अपने आप को इसी से बाहर कैसे निकाला।

मान लीजिए आपको लोगों से बात करने में दिक्कत होती है। आप ऐसे लोगों के बारे में पढ सकते हैं जिन्हें आप के ही जैसे कोई परेशानी थी लेकिन उन्होंने कोशिश की और इस परेशानी को दूर कर दिया।

3. जब आप यह दोनों Step पूरा कर लेंगे तब आपको नया Belief बनाना होगा। यह प्रैक्टिकली पॉसिबल है क्योंकि आपको पता ही होगा जो हम अपने दिमाग से कहते हैं हम वैसा ही बन जाते हैं। इसीलिए आपको खुद को कहना है कि आप पहले से बेहतर इंसान है और आप हर चीज कर सकते हैं जो आप करना चाहते हैं।

Chapter 2. Motivation

इस चैप्टर में ऑथर मोटिवेशन से संबंधित कुछ बहुत ही रोचक बातें बताते हैं। ऑथर कहते हैं कि लोग मोटिवेशन के पीछे तो भागते हैं लेकिन असल में उन्हें मोटिवेशन का असली मतलब पता ही नहीं होता है।

ऑथर के अनुसार मोटिवेशन सिर्फ एक एनर्जी का रूप है जिस तरह हमें अपने दोस्त के साथ घूमने जाने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है, पढ़ाई करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है, खेलने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है, किसी बोरिंग काम को करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है। ये एनर्जी ही हमसे हमारे सारे काम करवाती है। साथ ही ऑथर हमें मोटिवेशन से संबंधित कुछ झूठ के बारे में बताते हैं जो हमने हमारे दिमाग में बैठा रखे हैं।

पहला झूठ : मोटिवेशन Fixed होती हैं जबकि असल में ऐसा कुछ भी नहीं है क्योंकि आप मोटिवेशन को अपने अनुसार बढ़ा सकते हैं बस आपको यह करना है कि जिस काम को करने के लिए आपको मोटिवेशन की जरूरत है आप उससे संबंधित सारे नॉलेज पहले ही Gain कर लीजिए।

दूसरा झूठ : ऑथर कहते हैं कि अपने दिमाग को बेवकूफ बनाने के लिए जो झूठ हम खुद को कहते हैं वह है कि मोटिवेटेड रहने के लिए हमें अपने काम को इंजॉय करना चाहिए। जबकि सच्चाई इसके बिलकुल उल्टे हैं आपको काम को इंजॉय करने की जगह उस काम को करने के लिए बड़ा रिजन ढूंढना होगा।

और जब आपके पास उस काम को करने के लिए एक बड़ा रीजन होगा तब आप उस काम को करते चले जाएंगे मोटिवेशन इसी तरह से काम करता है।

तीसरा झूठ : सबसे बड़ा झूठ जो लोग अपने मन में मोटिवेशन को लेकर रखते हैं वह है या तो लोगों को किसी काम को करने का मोटिवेशन रहता है या तो नहीं रहता। ऑथर कहते हैं कि इससे बड़ा कोई और झूठ हो ही नहीं सकता है क्योंकि मोटिवेशन ऐसी चीज है जिसे आसानी से क्रिएट किया जा सकता है।

मोटिवेशन क्रिएट करने के लिए आप जिस चीज के लिए मोटिवेटेड होना चाहते हैं उस चीज के तरफ छोटे-छोटे स्टेप्स लीजिए और यह छोटे-छोटे स्टेप्स आपको आपके काम पूरे करने में मदद करेगा और आप बिना कुछ किए ही मोटिवेट हो जाएंगे।

अगर आप मोटिवेशन के फार्मूला के ऊपर गौर करेंगे तो आपको कुछ इस तरह की चीज देखने को मिलेगी!
Motivation = Energy+ Reason+ Small steps

ऑथर कहते हैं कि अगर कोई किसी भी काम को करने के लिए इन तीन चीजों को क्लियर कर लेता है तो उसे किसी भी तरह की मोटिवेशन की जरूरत ही नहीं होगी।

आसान शब्दों में कहें तो Motivated रहने के लिए आपको एक बड़े लक्ष्य की जरूरत होती है फिर उस काम को करने के लिए आपको एनर्जी की जरूरत होती है और फिर अपने लक्ष्य के तरफ छोटे-छोटे स्टेप्स लेकर आप अपने लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं।

इसीलिए मोटिवेशन के पीछे भागने से ज्यादा लोगों को मोटिवेशन खुद क्रिएट करने के बारे में सोचना चाहिए। जिम क्विक यह भी कहते हैं कि असली मोटिवेशन बाहर नहीं बल्कि अपने अंदर होती है। और इस मोटिवेशन को पहचानने में यह तरीका सबसे अच्छा माना जाता है।

Chapter 3. Focus

फोकस के बिना सभी चीजें बेकार है। चाहे आपका दिमाग कितना भी तेज हो जाए या फिर आप कितने भी मोटिवेटेड हो जाए लेकिन अगर आप में फोकस की कमी है तो आप कभी भी लाइफ में अच्छा नहीं कर पाएंगे।

इसीलिए जिम क्विक अपनी किताब में फोकस को बहुत Important कहते हैं उनके अनुसार दिमाग का असली काम फोकस ही है। फोकस में इतनी ताकत होती है कि इसकी मदद से कोई भी आसानी से अपने सारे ख्वाब पूरे कर सकता है।

चलिए फोकस के पावर को इस Example से समझते हैं। एक बार एक इंटरव्यू में वारेन बफेट से पूछा गया कि आपने अपनी लाइफ में अब तक जो भी चीजें अच्छी की है उसके पीछे का एक रीजन बताइए?

इंटरव्यूअर के इस सवाल पर वारेन बफेट सिर्फ एक ही जवाब देते हैं और वह है फोकस!

यह सवाल फिर बिल गेट्स से भी पूछा गया था और उन्होंने भी यही जवाब दिया कि उनके सक्सेस का सबसे बड़ा सीक्रेट भी यही है। स्टीव जॉब्स भी फोकस को उतना ही जरूरी बताते हैं और कहते हैं

कि Focus का मतलब बहुत ही सिंपल है जब आप दूसरी चीजों को ना बोल कर ये Choose करते हैं कि आपको अपना समय कहां देना है तो वही आपका फोकस कहलाता है।

जिम क्विक कहते हैं कि फोकस ही सिर्फ एक ऐसी चीज है जो एक नॉर्मल परफॉर्मेंस को एक जबरदस्त परफॉर्मेंस पर अलग बनाती है।

फोकस की पावर को समझाने के लिए जिम क्विक कहते हैं कि जिस तरह मैग्नीफाइंग के गिलास को किसी कागज पर रखने पर वह सूरज की किरणों को एक जगह एकत्र करके कागज को जला देती है ठीक उसी तरह अगर आप अपना पूरा ध्यान एक चीज में लगा देते हैं तो उस चीज में आपसे बेहतर और कोई हो ही नहीं सकता।

जिम क्विक अपने बुक में फोकस बढ़ाने का बहुत ही अच्छा तरीका बताते हैं वह कहते हैं कि आप सबसे पहले कोई किताब चुनिए और 4 मिनट के लिए उसे पढ़ने के लिए बैठ जाइए।

4 मिनट पूरा हो जाने के बाद आप 4 मिनट कम करके 3 मिनट में बुक पढ़ना शुरू कीजिए। फिर आप 3 मिनट से कम करके 2 मिनट में कीजिए और उसके बाद 1 मिनट में इस तरह से अगर आप बुक रीड करने की कोशिश करेंगे तो आप फोकस करने की एक्सरसाइज प्रैक्टिस कर पाएंगे।

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