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हमें किस प्रकार की बातें सुननी चाहिए?

हम मनुष्य जैसे वातावरण, संस्कृति में रहते हैं वैसे ही हमारे जीवन का भी विकास हो जाता है, जैसा व्यवहार हम अपनी आंखों से देखते हैं वही व्यवहार हम अपने जीवन में उतारते हैं।

इसका एक बेहतरीन उदाहरण है एक बच्चा जो यदि बचपन में अपने आसपास के लोगों को बुरी बात करते सुनता है तो वह भी वैसी ही बात करने लग जाता है।

यही से हमें बोध हो जाता है कि अगर हमें अपने जीवन में बड़ा लक्ष्य या मंजिल हासिल करनी है तो हमें अपना जीवन अच्छे लोगों की संगति में गुजारना होगा।

लेकिन बच्चे कैसे वातावरण में रह रहे हैं यह उनकी जिम्मेदारी नहीं है? यह जिम्मेदारी सिर्फ बच्चों के माता-पिता की है, कि वे अपने बच्चों को किस वातावरण में पाल रहे और उनको आने वाले भविष्य में इससे कितना फायदा मिल रहा है?

क्योंकि जब कोई बच्चा अपने बचपन में अच्छी बातें अच्छी आदत अपनाते हैं तो उनका भविष्य भी अच्छा ही नजर आता है।

हमारे जीवन की नीव सिर्फ हमारा बचपन ही है, हमारा बचपन भविष्य की दिशा तय करता है हम जिस मार्ग पर चलते हैं वैसे ही भविष्य हमारा वन जाता है।

अब यह बात सिर्फ हमारे बचपन के वातावरण पर निर्भर करती है कि हम खुद के जीवन में किस प्रकार की नियुक्तियां अपनाते हैं और यह रास्ता हमें कहां तक ले जाने में सहायता करता है।

अर्थात तात्पर्य यही है कि हमें अपने भविष्य में सिर्फ वही बातें सुननी चाहिए जो हमारे भविष्य को सुनहरी बना सकें अर्थात हम बचपन में जैसा सुनते हैं वैसा ही अपनाते हैं।

इसका मतलब यह कदापि नहीं कि हमें बुरी बातों के वक्त अपने कान बंद कर लेने चाहिए। इसका मतलब यही है कि हमें वह प्रत्येक बातें सुननी तो चाहिए जो लोग हमें सुनाते हैं।

परंतु ध्यान सिर्फ उन्हीं बातों में रखना चाहिए जो बातें हमारे काम के लिए उपयोगी हो अर्थात हमें अपने दिमाग़ से बेवजह की बातें निकाल देनी चाहिए।

जो हमारे भविष्य में काम आ सके और हमें उन बातों का अनुभव मिल सकेl हम अपने जीवन में प्रत्येक बात को समझ कर उसका एकदम सटीक अर्थ अपनाना चाहिए।

कई बार लोग हमारी काम की बातें कह देते हैं और हम उन बातों को समझ तक नहीं पाते, हमें बाद में एहसास होता है कि शायद उस बात को हम उस समय ध्यान से सुन लेते (Listening Habits), तो इस वक्त वह बात हमारे काम आ जाती, हमें आज इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

हमें अपने जीवन में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन बातों को ध्यान से सुनना चाहिए। वह प्रत्येक बात हम आज इस लेख में आपको बताने जा रहें हैं । ये बातें जानने के लिए आप इस लेख को पूरा जरूर पढे और हमें उम्मीद है कि आप इन बातों को अपने जीवन में मनन करते हुए आगे बढ़ पाएंगे।

Listen Notice Observe Success

1. हमें अपने से बड़ों की प्रत्येक बातें ध्यान से सुननी चाहिए

बड़े लोगों की बातों को ध्यान से सुनने का मतलब यह नहीं है कि वह प्रत्येक बात सुने जो हमारे लायक नहीं भी हो।

इसका मतलब सिर्फ यह है कि जो लोग उम्र में हमसे बड़े होंगे उन्हें शायद ही हम से ज्यादा अनुभव होंगे और वे प्रत्येक बात को अनुभव के साथ बोलेंगे।

इसलिए हमें बड़ों की इन बातों पर ध्यान देना चाहिए जो बात हमारे काम के लायक हो और उन बातों से हमें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए बहुत सारे अनुभव भी मिल सकते हैं।

कई बार हमसे बड़े लोग बेमतलब की बातें बोलते हैं जिन बातों से हमें बिल्कुल भी फायदा नहीं होता इसलिए हमें ऐसी बातों में ध्यान नहीं देना चाहिए। जो बातें व्यर्थ होती है।

हालांकि हमें प्रश्न पूछना कभी भी बंद नहीं करना चाहिए? हमें वक्त रहते अपने से बड़ों से कुछ ऐसे सवाल पूछने चाहिए जो हमारे हित में हो।

कई बार ऐसा होता है कि कुछ बातें किताबों में भी नहीं मिलती। इसलिए हमें वह बातें अपने से बड़े लोगों के साथ साझा करनी चाहिए। तभी हम उन बातों को अपने जीवन में अच्छी तरीके से समझ पाते हैं।

2. हमें हमेशा अपने माता-पिता की बात सुननी चाहिए

हमें उम्र भर अपने माता-पिता की बातें आंख बंद करके सुननी चाहिए क्योंकि हमारे माता-पिता हमारे भविष्य के बारे में, हमारी जिंदगी के बारे में कभी गलत नहीं सोच सकते।

हमें अपने मां-बाप की प्रत्येक बात बड़ी ध्यान से सुननी चाहिए और उन बातों का अपने जीवन में उपयोग करना चाहिए। हमारे माता-पिता हमें हमेशा अच्छी बातें ही बताते हैं। जिस कारण हम आगे बढ़ सकते,इन्हीं बातों से हम अपने जीवन में खुश रहने के कारणों को ढुढ़ सकते हैं।

हमारे जीवन में हमारी सफलताओं के कारण हम से यह सारी दुनिया जलती है भले ही हम अपने जीवन में सफल ना हो परंतु एक सफल कार्य को करते देख दुनिया वाले हमें ऐसी बातें बताते हैं, जिसके कारण हम कभी सफल ही नहीं हो पाते।

दुनिया में लोगों की बातों को अहमियत नहीं देनी चाहिए और ना ही उन बातों को सुनने की आदत डालनी चाहिए। हमेशा अपने माता-पिता की बातों को ध्यान से सुन कर सफलता की तरफ कदम बढ़ाने चाहिए।

जो लोग माता-पिता की बात सुनकर घर की जिम्मेदारियां सर पर लेते हैं असल में वही जीवन में सफल बन पाते हैं और एक आदर्श व्यक्ति के रूप में अपना जीवन आदरणीय बना पाते है।

आज तक प्रत्येक व्यक्ति की सफलता का राज अपने माता-पिता की बातों को ध्यान से सुनना, उनका सम्मान करना ही रहा है। हमें अपनी माता-पिता की बातों को सुनने के साथ-साथ उनकी बातों का सम्मान करना चाहिए। हमारे माता पिता द्वारा कही गई बात हमारे लिए कभी गलत नहीं हो सकती।

3. अपने मन की बातें

हमें हमेशा अपने मन की बातें सुननी चाहिए। क्योंकि हमें खुद से ज्यादा कोई नहीं जान सकता इसीलिए जब भी हमारा मन हमारे बारे में कुछ सोचता है तो अच्छा ही सोचता होगा।

हमारा मन हमारे शरीर को कभी भी समस्याएं और परेशानियां नहीं दे सकता इसीलिए हमें सबसे ज्यादा खुद के मन की बातों पर ध्यान देना चाहिए।

कई बार हमारा मन हमसे कुछ बोलता है परंतु हम उसकी बातों पर ध्यान ही नहीं देते और अन्य लोगों के कहने पर उनकी बात मान जाते हैं। जिस कारण हमें बड़ी-बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

और वह प्रत्येक समस्या हमारे लिए बहुत हानिकारक साबित होती हैं। इसलिए हमें लोगों की बातों को सुनने से पहले एक बार खुद के मन से बात कर लेनी चाहिए कि हमारा मन इन बातों से सहमत है या नहीं।

जब भी हमारे साथ कुछ गलत होने जाता है तो हमारा मन हमें वैसे कार्य को करने से रोक लेता है। परंतु हमें उसकी बातों में ध्यान नहीं आता और हम ऐसे कार्यों को करने के लिए उतावले हो जाते हैं इनसे हमें नुकसान पहुंचता है।

हमें अपने भविष्य में कुछ अच्छे कार्य करने हेतु सबसे पहले अपने मन से उस कार्य को करने की अनुमति लेनी चाहिए यदि हमारा मन हां बोलता है तो वह कार्य अवश्य ही हमारे लिए अच्छा साबित होगा।

यदि हमारा मन उस कार्य को करने से मना करता है तो हमें यह सोच लेना चाहिए कि वह कार्य हमारे लिए हानिकारक साबित होने वाला है इसलिए हमें अपने मन की बातों को समझना चाहिए और उसकी मर्जी से ही कार्यों को करना प्रारंभ करना चाहिए।

4. अपने शिक्षकों की बातें

हमारे जीवन में एक शिक्षक ही ऐसे होते हैं जो हमें हजारों अच्छी बातें बताते है, परंतु फिर भी उनकी बातें समझने के बाद भी वह हमारे उपयोग में नहीं आ पाती।

हमें अपने शिक्षकों की प्रत्येक छोटी से बड़ी बात को बड़े ही ध्यान से समझना चाहिए। क्योंकि हमारे टीचर हमारे लिए हमेशा ही कुछ न कुछ नए उदाहरणों के साथ नई बातों को रखते हैं ।

पर उदाहरण के साथ हम उन बातों को समझ तो जाते हैं परंतु अपने जीवन में उन्हें उतार नहीं पाते। इसका कारण यहीं है कि हम अपने शिक्षकों को वास्तव में एक शिक्षक की नजर से नहीं देखते। इस कारण हमें अपने टीचरों की बातों को अपने जीवन में उतारने का मौका नहीं मिलता ।

परंतु एक सफल जीवन के लिए गुरु का मार्गदर्शन अत्यंत जरूरी है। जिस प्रकार
एक घने जंगल में सही रास्ता बताने के लिए किसी का होना जरूरी है। उसी तरह जीवन में अच्छे पथ पर चलने के लिए अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए गुरु की देख देख जरूरी है।

बचपन से ही गुरु हमें एक आदर्श और अनुशासित जीवन जीने की सीख देते हैं लेकिन अधिकांश लोग उनकी बातों पर गौर नहीं करते, परंतु जो कुछ लोग करते हैं वह जीवन में बड़ी कामयाबी हासिल करते हैं। और कामयाबी के शिखर पर पहुंचने के बाद गुरु के महत्व को समझाते हैं।

अर्थात-

हमें अपने एक अच्छे जीवन के लिए सिर्फ उन्हीं बातों को सुनना चाहिए जिन बातों को सुनकर हमें फायदे हो सके हमें उन बातों से अच्छा जीवन जीने के लिए अनुभव मिल सके।

हमें ऐसी बातें कभी भी नहीं सुननी चाहिए जिन बातों में हमारा फालतू का वक्त बर्बाद हो और उन बातों से हम सीखने के लिए कुछ भी ना मिलता हो ।

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