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तबियत मेरी बिगड़ती थी और खाना तुम छोड़ देती थी

Missing Her Love Poem in Hindi

कभी एक फ्रेम में दो मुस्कुराते चेहरे होते थे
एक तुम्हारा होता था, एक मेरा होता था

तुमको भी याद होगा
वो नुक्कड़ वाली पुचके की दुकान
और सन्डे सन्डे का एक साथ घूमने जाना
उस खामोश फिजां में जो आवाजें होती थी
एक तुम्हारी होती थी, एक मेरी होती थी।

जब तुम मेरी पसंद ओढ़
लिया करती थी
जैसे मेरे पसंद का नेल पॉलिश
मेरी पसंद वाली शर्ट
मेरे पसंद की जींस
मेरे पसंद के कान में बालिया
तुम्हारे बालों में दो रंग के क्लिफ होते थे
एक तुम्हारे पसंद के, एक मेरे पसंद के होते थे

मैं तुम्हारी पसंद में खुश था
फिर भी तुम मुझसे मेरी पसंद पुछती
तो मुझे अच्छा लगता
यह भी सच था कि
मैं तुझे कभी इनकार नहीं करता
लेकिन तुम भी तो
मेरी हर बात मान लेती थी
दो अलग अलग पसंद एक हो गए थे
तुम्हारी पसंद मेरी हो गई थी, मेरी पसंद तुम्हारे हो गए थे

तबियत मेरी बिगड़ती थी
और खाना खाना तुम छोड़ देती थी
कहती थी तुम्हारा दर्द
मुझे महसूस होता है
फिर तुम दूर क्यों गई
वापस आ जाओ ना

फिर एक डेस्क पर दो कप होंगे
एक तुम्हारा होगा, एक मेरा होगा
फिर एक कागज पर दो नाम होंगे
एक तुम्हारा होगा, एक मेरा होगा
फिर एक फ्रेम में दो चेहरे होंगे
एक तुम्हारा होगा, एक मेरा होगा

~ Raj “राज”

 

Pyar Bhari Kavita

जब बाहर बारिश में
पेड़ पौधे के साथ में
मौसम भींग रहा होता है,
जब चीखते आसमान के साथ
पत्ते कांप रहे होते है,

तब जब हम सिर्फ बारिश को निहार रहे होते है,
तब जब एक भीगी भीगी हवा आती है,
जिस्म को छू जाती है।
और हम सिहर जाते है
थोड़ी तुम मुझसे नाराज़ हो,
थोड़े मेरी गलतियां है
कुछ गलतफहमियां है
बरसते बारिश में
सब एक साथ धूल जाते है जैसे
तुम्हारी नाराजगी भी भीग जाती है,
मुझे पता हैं
तुम्हारे चेहरे पर जो गुस्सा है वह नकली है
तुम मन से माफ कर चुकी हो
छोड़ो इन बातों को,
चलो
कुछ दूर साथ टहलते है
बूंदों के छम छम धुनों पर थोड़ा संभलते है
तुम भी अपनी हथेलियां आगे करो
मैं भी अपनी हथेलियां आगे करता हूं
नेलपॉलिश लगे नाखून और यह ब्लैक कलर का wrist watch
सबको भीगने दो,
चेहरे पर बूंदों को गिरने दो

बरसते बादलों को थोड़ा जीते है
मुझे पता है
तुमको चाय नहीं पसंद है
फिर भी आज थोड़ी चाय पीते है।

~ Raj “राज”

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