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अंधविश्वास फैलने की मुख्य वजह

कोई भी मान्यता या रिवाज जिसे मानने के पीछे न तो कोई पुख्ता सबूत होता है और न ही कोई सही तर्क उसे अंधविश्वास कहा जाता है।

भारत में अंधविश्वास (Superstition) का यह चलन काफी पुराना है आज भले ही लोग हमें मॉडर्न मानते हो परंतु अंधविश्वास की यह विचारधारा आज भी लोगों में व्याप्त है, Superstition examples in Hindi

जैसे-जब कभी किसी रास्ते में गुजरते समय बिल्ली हमारा रास्ता काट देती है तो हमारे मन में अपशगुन होने का ख्याल आता है।

परंतु हमने कभी भी इस बात को अजमाया नहीं, हमने यह बात सिर्फ सुनी है और उन पर विश्वास करना शुरू कर दिया

हमने कभी भी रास्ते के बीच में बिल्ली की गुजरने की स्थिति को विवेकता पूर्ण तरीके से सोचा ही नहीं!

इसलिए हमारे मन में पहले ही ख्याल आ जाता है कि बिल्ली के कटे हुए रास्ते में आगे जाना समस्याओं से भरा है।

यही नहीं बड़े से बड़े लोगों का यही मानना होता है कि अगर छींक आ जाए तो कुछ पल के लिए हमें वहां पर रुक जाना चाहिए। ऐसी ही बातों पर हम आंख बंद करके विश्वास करते हैं और यही हमारा अंधविश्वास है।

आज हम इस लेख के माध्यम से अंधविश्वास नामक इस रूढ़िवादी सोच के पीछे के कारणों पर गौर करेंगे। साथ ही अंधविश्वास को रोकने के उपायों पर भी चर्चा करेंगे अतः इस लेख में अंत तक बने रहे, Let’s know about superstition in Hindi.

अंधविश्वास फैलने के मुख्य कारण

Science and superstitions

1. लोगों द्वारा झूठ पर विश्वास करना

झूठ पर विश्वास करना ही अंधविश्वास फैलने का सबसे मुख्य कारण है हम खुद पर कभी विश्वास नहीं करते परंतु अन्य लोगों की छोटी बातों पर विश्वास करना हमें बहुत जल्दी आ जाता है।

क्योंकि मन होता ही ऐसा है खुद पर तो विश्वास करने के लिए हमें मजबूर नहीं करता और अन्य लोगों की बातों को बहुत जल्दी समझ जाता है और उनमें विश्वास करके हमें अंधविश्वास की ओर धकेल देता है।

हमें लोगों की उन बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए जिन बातों को हम अपनी आंखों से नहीं देखते क्योंकि अक्सर वह बातें झूठी होती हैं जिन्हें हम कान से सुनते हैं इसलिए हमें हमेशा पहले अपनी आंखों से किसी कार्य,घटना को देखना चाहिए तब जाकर उसमें शत-प्रतिशत विश्वास करके उसे सही मानना चाहिए।

जब तक हम बिना देखे किसी भी बात पर विश्वास करने लगते हैं तो हम अंधविश्वासी बन जाते हैं। अक्सर लोगों द्वारा कही गई झूठी बातें ही हमारे समाज में अंधविश्वास को फैलाती हैं और समस्या यह है कि एक बार कोई व्यक्ति किसी चीज पर अंधविश्वास करता है तो उसके साथ लाखों लोग भी उसी चीज पर भरोसा करने लग जाते हैं।

2. लोगों का कम पढ़ा लिखा होना

अंधविश्वास का दूसरा मुख्य कारण लोगों का कम पढ़ा लिखा होना है क्योंकि वे लोग अंधविश्वास पर ज्यादा विश्वास करते हैं जो कम पढ़े लिखे होते हैं।

वे लोग ही अन्य पढ़े लिखे लोगों को भी इन बातों को मानने के लिए मजबूर कर देते हैं उनका मानना होता है कि भगवान श्रद्धा से हमारी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं तो क्यों ना हमें भी उनके बनाए गए नियमों को मानना चाहिए।

भले ही यह बड़े-बड़े अंधविश्वास जैसे बिल्ली का रास्ता काटना, नजर न लगने के लिए काला टीका लगाना तथा रात में नाखून काटना मनुष्य ने खुद अपनी मजबूरियों के हिसाब से बनाएं हो।

परंतु अंत में लोग इन सभी मान्यताओं को भगवान द्वारा बनाए गए नियम बताते हैं कम पढ़े लिखे लोगों का यही कारण रहा कि वे लोग आज भी अंधविश्वासी हैं वे फालतू की बातों पर विश्वास करते हैं।

यही भावना उन लोगों के मन में भी जगा देते हैं परंतु हमें एक समझदार और पढ़ा लिखा व्यक्ति होने के नाते ऐसे अंधविश्वासी बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए यह बात सिर्फ काल्पनिक है।

जैसे बिल्ली कभी हमारा रास्ता काटती है तो हम उस रस्ते से आगे नहीं बढ़ते ये बात हमने सिर्फ सुन रखी हैं ना कि अपनी आंखों से देखी हैं।

यदि हम उसे रास्ते से आगे बढ़ जाते हैं तो हमें कोई नुकसान नहीं होता यह सिर्फ काल्पनिक बातें हैं जिन्हें सुनकर हम भी इन बातों पर विश्वास करने लग जाते हैं और कम पढ़े लिखे लोग ही इनके मुख्य जिम्मेदार हैं।

3. पौराणिक प्रथाओं को मानना

आज के वर्तमान युग में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो पौराणिक प्रथाओं को मानते हैं और उन्हीं के हिसाब से वे अपना जीवन यापन करते हैं और प्रत्येक कार्य करने से पहले उन पौराणिक कथाओं की पूजा करते हैं।

पौराणिक प्रथाएं (Rituals) केवल पौराणिक समय के लिए ही बनी थी, आज के लिए नहीं परंतु आज के लोग उन कथाओं में विश्वास करते हैं और उन्ही के बलबूते में अपना जीवन यापन करने की सोचते हैं।

यह सब गलत है क्योंकि वह सिर्फ समय के हिसाब से हालातों को देखकर बनाए गए थे। बल्कि आधुनिक समाज और आज के समाज में जमीन और आसमान का फर्क बन चुका है, तो क्यों ना हम उनको अपने जीवन में कम ही उतारें।

क्योंकि उन प्रथाओं से हमें आज के वर्तमान जीवन में बहुत सारे नुकसानों को झेलना पड़ता है। और हम सहमें, डरे रहकर उन रुढ़िवादी बातों पर विश्वास करके अपने कार्यों को अच्छी तरीके से नहीं कर पाते।

यदि हमें अपने जीवन में सफलता के साथ कोई कार्य करना हैं तो सबसे पहले उन बातों पर विश्वास नहीं करना होगा जो बातें आधुनिक समय के लिए आधुनिक नियमों के हिसाब से बनाई गई थी ।

4. खुद के कार्यों पर विश्वास न करना

खुद पर विश्वास न करना भी अंधविश्वास का मुख्य कारण रहा है क्योंकि लोग अपने कार्य पर कभी विश्वास नहीं करते यदि हमारे द्वारा किया गया कार्य हमारी गलती के कारण थोड़ा सा भी हमसे गलत हो जाता हैं तो अन्य लोगों द्वारा कहना होता है कि यह कार्य इस प्रकार गलत हुआ और तुम्हें इस बात पर विश्वास करना चाहिए।

इस कारण हम उसकी बातों को सुनकर उस पर विश्वास करने लगते हैं और खुद के विश्वास को दबा देते हैं, हम भी अपनी आंखें बंद करके उन अंधविश्वासों पर विश्वास करने लग जाते हैं जिनका हमारे जीवन से कोई संबंध ही नहीं होता।

यह कार्य खुद हमारी कमी में हमारी कम मेहनत के कारण गलत हो जाते हैं इस प्रकार हमें खुद पर विश्वास नहीं होता और हम अंधविश्वास में फंस जाते हैं और लोगों के कहने पर तरह-तरह के तंत्र मंत्र करने के लिए लोगों को अपने घर में बुलाते हैं।

जिसमें कई बार समय और धन दोनों का नुकसान होता है और ना ही हम अपने महत्वपूर्ण कार्यों को वक्त से पहले कर पाते हैं।

5. अन्य लोगों की बातों पर ज्यादा ध्यान देना

हम खुद की बातों पर कभी भी ध्यान नहीं दिया करते परंतु अन्य लोगों की झूठी-मुठी प्रत्येक बात पर हमें बहुत गहराई से ध्यान देने के लिए समय मिल जाता है। इस कारण हम लोगों की छोटी मोटी बातों को भी सच मानने लग जाते हैं।

और उस बात को आगे भी अन्य लोगों तक पहुंचाने में हमारा सहयोग उन लोगों द्वारा किया जाता है। ऐसे ही कई बार हम उन झूठी बातों के शिकार बन जाते हैं जो बातें हम अपनी आंखों से नहीं देख पाते और लोगों द्वारा कहकर उन्हें सिर्फ सुन पाते हैं।

ऐसे ही हमारे जीवन में कई बार हमारे साथ ऐसा होता है कि झूठी बातों को लोगों तक पहुंचा देते हैं परंतु उसका कोई भी परिमाण हमारे पास नहीं रहता और हम अंधविश्वास में खुद का जीवन भी समर्पण कर देते हैंl

6. किस्मत के भरोसे रहना

किस्मत के भरोसे रहना भी सबसे बड़ा अंधविश्वास है क्योंकि कई बार बहुत सारे लोग मेहनत तो करते नहीं और ना ही मेहनत करना जानते हैं परंतु लोगों के कहने पर उनकी बातों में आ जाते हैं कि वे लोग कुछ तंत्र मंत्र के कारण इनकी किस्मत खोलेंगे, यह लोग बिना मेहनत किए ही अपने जीवन में सफल हो सकते हैं।

परंतु यह अंधविश्वास है कि हम कभी भी बिना मेहनत किए सफल नहीं हो सकते इसीलिए हमें हमेशा मेहनत करनी चाहिए और कभी भी अपनी किस्मत के सहारे नहीं बैठना चाहिए।

क्योंकि यह सबसे बड़ा अंधविश्वास है कि कोई हमारी किस्मत खोल सकता है हम सिर्फ अपनी मेहनत के बल पर ही अपनी किस्मत को खोल सकते हैं और मेहनत ही हमारी किस्मत की चाबी होती है इसलिए हमें कभी भी किस्मत के भरोसे नहीं रहना चाहिए और ना ही लोगों की बातों पर विश्वास करना चाहिए।

 

अंधविश्वास फैलने से कैसे रोके

अंधविश्वास के कारणों को जानने के बाद अब हम इस समस्या के समाधान पर प्रकाश डालेंगे ताकि वर्तमान पीढ़ी अंधविश्वास की वजह से अपनी आत्मविश्वास में कमी लाने की बजाय अच्छी सोच विकसित कर बेहतर कार्यों में ध्यान केंद्रित कर सकें।

1. खुद पर विश्वास करके

स्वयं पर विश्वास करके हम अंधविश्वास को फैलने से रोक सकते हैं क्योंकि हम ऐसा करने से सिर्फ उन्हीं बातों पर यकीन करेंगे जिन बातों को अपनी आंखों से देखेंगे और जो बातें हमें विश्वास दिला सकती हैं कि यह वास्तविकता है।

इसलिए हमें अंधविश्वास को फैलने से रोकने के लिए खुद पर विश्वास करना चाहिए और वही कार्य करने चाहिए जो हमारे जीवन के लिए सही हो सकते हैं ।

2. लोगों की कहीं बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए

हमें खुद पर इतना विश्वास होना चाहिए कि हम कभी भी लोगों की बातों पर विश्वास ना कर सके क्योंकि लोग अक्सर झूठी बातों पर हमें विश्वास करने के लिए मजबूर कर देते हैं और हम भी उनकी झूठी बातों को आगे फैलाते रहते हैं और खुद अंधविश्वास के सहयोगी बन जाते हैं इसलिए हम अंधविश्वास को रोकने के लिए अन्य लोगों की कहावतों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

3. अधिक से अधिक पढ़ा-लिखा बनना

हम एक अच्छे पढ़े लिखे इंसान बनकर श्रेष्ठ सोच के साथ अंधविश्वास को रोकने के बहुत सारे उपायों को अपना सकते हैं। इसलिए हम अपने जीवन में शिक्षा हासिल करनी चाहिए ताकि न सिर्फ हम अंधविश्वास की इस घोर अंधकार को अपने जीवन से हटा सकें बल्कि दूसरों का भी सही मार्गदर्शन कर सके।

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