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पैसे के बारे में हमें सही क्यों नहीं सिखाया गया?

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क्या आपको भी कभी लगता है कि आपके घर वालों ने,आपके शिक्षकों ने आपको कभी पैसों के बारे में सही इस्तेमाल करना नहीं सिखाया?

लगभग वह प्रत्येक व्यक्ति इस बारे में सोचता होगा जो कभी अपने जीवन में सफल नहीं हो पाया या फिर जिसे लगता है जीवन में अमीर या संपन्न नहीं बन पाया

ऐसे ज्यादातर लोगों का मानना होता है कि उन्हें पैसों के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई इसलिए उन्हें पैसे का इस्तेमाल करना आज तक समझ नहीं आ सका, याद रहे Having conversations about money builds children’s confidence.

और इस चीज का जिम्मेदार अमूमन वे अपने घर के सदस्यों, टीचर्स को या अपनी एजुकेशन सिस्टम को जिम्मेदार ठहराते हैं।

परंतु यह सभी विचार गलत हैं क्योंकि हमारे माता-पिता और टीचर हमें हमेशा अच्छा ज्ञान देने की वह हर एक कोशिश करते हैं जिसके कारण हमारा जीवन बेहतर बन सके।

परंतु जब बात आती है पैसे की तो, वित्त से संबंधित सही सलाह को बेहद कम लोग अपनाते है। आइए पहले हम कुछ ऐसे ही कारण हम जानते हैं जिनके कारण हमें लगता है कि बचपन से हमें पैसों के बारे में सही नहीं सिखाया गया है।

How to teach kids financial literacy - Parenting

पैसे के बारे में सही ज्ञान न होने का कारण~

1. हमें हमारे स्कूल में पैसों के बारे में कभी सही नहीं सिखाया गया

ज्यादातर लोगों का मानना होता है उन्हें कभी पैसे के इस्तेमाल की सही जानकारी स्कूल की किसी भी किताब में नहीं मिली।

जिसकी वजह से कक्षा के सभी विषयों का अच्छे से अध्ययन करने के बावजूद भी उन्हें आज तक पैसे के बारे में ज्ञान हासिल नहीं हुआ।

जिसकी वजह से वे अपनी जिंदगी में सफल नहीं हो पाए।

परंतु पैसे का सही उपयोग कैसे किया जाए? यह सीख हमें न तो प्रायः किसी टीचर से मिलती है और ना ही किसी स्कूल से।

असल जिंदगी में देखा जाए तो पैसों का सही इस्तेमाल करना भी एक कला ही है और ऐसी कला हमें खुद ही सीखने पड़ती है।

2. हमारे अभिभावकों ने हमें पैसों के बारे में सही जानकारी नहीं दी

वह लोग जो अपने जीवन में सफल नहीं होते अपनी असफलता का कारण सिर्फ अपने माता-पिता को बताते हैं, उनका मानना होता है कि उन्हें पैसों का सही इस्तेमाल करने की जानकारी कभी दी ही नहीं गई।

और यह अधिकतर गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवारों में रहने वाले लोगों की शिकायत होती है।

उन्हें लगता है कि अमीर परिवारों में जन्म लेने वाले बच्चों को पैसे के बारे में अच्छी शिक्षा दी जाती है। जिससे कभी भी उन्हें पैसे की तंगी का सामना नहीं करना पड़ता।

उन्हें लगता है मध्यम वर्गीय परिवार में बचपन से ही बच्चों को पैसे के बारे में कुछ बताया नहीं जाता, बस हमें पैसे के बचत करने की सलाह दी जाती है

हालांकि लोग कभी भी इस बात पर गौर नहीं करते कि माता पिता द्वारा कभी अपने बच्चों को गलत नहीं बताया जाता अर्थात माता-पिता जो भी बताते हैं वह हमारे जीवन में हमें सफल बनाने लायक होता है।

अगर किसी व्यक्ति को बचपन में स्कूल भेजा जाता है और आज वह शिक्षित है तो अगर पैसे की प्रति उसके अंदर जानने की रूचि है तो वह आज भी सीख सकता है।

3. स्कूल में सिर्फ जॉब करना सिखाया जाता है, बल्कि हम मालिक (Entrepreneur, Startup) बनना चाहते हैं

जो भी व्यक्ति पैसों का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता और ना ही वह अपने जीवन में अच्छे खासे पैसे कमाने की हिम्मत जुटा पाता है, उसे लगता है कि उसके विद्यालय में उसे कभी ज्यादा से ज्यादा पैसे कमा कर खुद मालिक बनने की प्रक्रिया सिखाई नहीं।

इसीलिए वह सिर्फ अपने गुजारे के लिए जॉब करने के लिए मजबूर है उसे मालिक बनने की इच्छा कभी आई ही नहीं, वह सिर्फ जॉब करके अपना गुजारा कर पाता है।

परन्तु एक सफल व्यक्ति जो खुद मालिक बन जाता है। वह कभी अपने विद्यालय को दोषी नहीं ठहराता क्योंकि एक बडा बिजनेस करके खूब धन इक्कठा करना जैसी बातें भले विद्यालयों में नहीं सिखाई जाती है।

लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं कि विद्यालय में गुरुजनों द्वारा दी गई शिक्षा करियर में आगे बढ़ने के लिए आधार होती है।

लेकिन जीवन में व्यापार करने हेतु व्यक्ति के अंदर विश्वास और जुनून होना अत्यंत आवश्यक है। न कि किसी के द्वारा ज्ञान देकर अपने जीवन में सफल होने के लिए बिजनेस करना चाहिए ।

4. माता-पिता द्वारा पढ़ो- लिखो और नौकरी करो

बच्चे अपने जीवन में माता पिता को दोषी ठहराते हुए यही बात बताते हैं कि उनके माता-पिता ने उन्हें आज तक सिर्फ पढ़ो- लिखो उसके बाद नौकरी करो का ज्ञान दिया है।

इस कारण वे लोग सिर्फ नौकरी करने के लिए ही अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं ना कि अपने जीवन में सफल और एक अच्छा बिजनेसमैन बनने के लिए! इसी कारण ज्यादातर बच्चे शिक्षा से अधिक जीवन में नौकरी को महत्व देते हैं और एक अच्छी नौकरी की तलाश में कई जगह भटकते फिरते हैं।

लेकिन पैसे के संबंध में यह बात कही जाती है कि हमें सबसे पहले अपना पैसा शिक्षा में इन्वेस्ट करना चाहिए ताकि हम ज्ञान के उपयोग से और ज्यादा कमाई कर सके।

लेकिन अधिकतर परिवारों में उनके घर के सदस्य के किए एक अच्छी नौकरी पाना ही लक्ष्य होता है, भले ही वह नौकरी उन्हें कोई भी कार्य करके प्राप्त क्यों ना हो जाए ।

5. पैसे बचाओ, निवेश करने का जोखिम न उठाएं

आज भी अधिकतर गरीब या मध्यमवर्गीय परिवारों में रहने वाले सदस्यों को यह सलाह दी जाती है कि अधिक से अधिक पैसा कमाए।

अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए भी पैसा खर्च करते समय उन्हें बचत करने का ख्याल आता है। लेकिन असल जिंदगी में वह उस पैसे को सही जगह इन्वेस्ट कर उसे बढ़ाने में बहुत भरोसा करते हैं।

आज भी अधिकतर लोगों को निवेश करना जोखिम भरा लगता है, उन्हें लगता है कहीं मेरा पैसा डूब ना जाए या कम ना हो जाए और इसी सोच की वजह से आगे चलकर बच्चों को पैसा सही जगह इन्वेस्ट करने की सोच नहीं मिल पाती।

और ज्यादातर लोग अपने घरवालों को ही दोष देते हैं कि उन्हें जीवन में पैसे को सही जगह खर्च करने का तरीका नहीं बताया गया।

इस लेख में अब हम उदाहरण के तौर पर कुछ कहावतें आपके साथ साझा कर रहे हैं जो हमारा दावा कि पैसे के बारे में हमें बचपन से सही नहीं सिखाया जाता? के कथन को सत्य कर देती है।

1. जब माता-पिता द्वारा बच्चों से कहा जाता है कि पैसों के पेड़ नहीं लगते

अधिकतर मध्यम वर्गीय परिवारों में जब बच्चे अपनी ख्वाइश/ इच्छा पूरी करने के लिए किसी चीज की मांग करते हैं तो जवाब में उन्हें सुनने को मिलता है कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते? इन्हें कमाने के लिए मेहनत लगती है।

और यह कथन असल मायने में सही भी है, परंतु बच्चों में जब इस तरह से पैसे को लेकर मानसिकता जगाई जाती है। तो उन्हें पैसा कमाना कई बार फिर कठिन लगता है, या फिर वह सही जगह पैसा खर्च नहीं करते क्योंकि उन्हें पैसा डूबने का भय लगता है।

2. जितनी चादर है उतने ही पैर फैलाओ

इस मुहावरे का अर्थ यह नहीं है कि हमारे पास जितने पैसे हैं हमें उसी के हिसाब से अपने कार्यों को करना चाहिए इसका मतलब यह है कि हमें सिर्फ उतने ही पैसे खर्च करने चाहिए जितने से हमारा काम बन जाए।

परंतु लोग इसको गलत उपयोग में ला रहे हैं उनका मानना है कि हम कभी ज्यादा पैसे कमा ही नहीं सकते? अर्थात जितने पैसे हमारे मां-बाप के हैं हमें उसी हिसाब से पैसा खर्च करना है और उसी हिसाब से हम पैसे कमा सकते हैं।

लेकिन यह कहीं भी नहीं लिखा है कि हमें हमारी जरूरत के हिसाब से ही पैसे कमाने चाहिए। क्योंकि एक इंसान अपनी खूबी और जुनून के कारण पैसे कमा कर अपने जीवन में एक सफल व्यक्ति बन सकता है परंतु उसके लिए सकारात्मक विचार होने अत्यंत आवश्यक है ।

विचार~

हमें अपने जीवन में कभी भी अपने माता-पिता और शिक्षकों को इस बात का दोषी नहीं ठहराना चाहिए कि उन्होंने हमें पैसों का अच्छा इस्तेमाल करने के लिए कभी जागरूक किया ही नहीं।

असल में यदि देखा जाए तो पैसे से संबंधी कई सारी चीजें वाकई में स्कूल और घरवालों द्वारा गलत बताई जाती है। लेकिन अगर इंसान अपनी बुद्धि का प्रयोग करें और इस हकीकत को देख पाए की पैसे का ज्ञान किताबों से नहीं बल्कि खुद की रूचि और अध्ययन से मिलता है तो पैसे के संबंध में उनकी राय बदल सकती है।

हमारे परिवार और गुरुजनों द्वारा दी गई सीख संभव है कि उनके नजरिए से सच हो, परंतु समय बदल रहा है यह बेहतर होगा कि स्कूलों में सिर्फ विज्ञान, राजनीति जैसे विषयों का अध्ययन करवाने के साथ-साथ पैसे की शिक्षा दी जाए तो इससे फाइनेंस को मैनेज करना छात्रों के लिए आसान हो जाएगा।

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