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“वर्क फ्रॉम होम” कितना फायदेमंद है?

Work From Home Benefits & Advantages in Hindi
आज इस आर्टिकल में हम “वर्क फ्रॉम होम के फायदों” के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि वर्क फ्रॉम होम कैसे हमारी लाइफ को आसान बनाता है।

कोरोना वायरस आने के बाद से लोगों को अपना सारा काम घर से ही करना पड़ा। यह एक मुश्किल परिस्थिति थी, क्योंकि सभी कंपनियां अपने ऑफिस बंद कर रही थी। ऐसे में काम को आगे बढ़ाने और देश की अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार लाने के लिए सरकार ने वर्क फ्रॉम होम स्कीम चलाई।

कुछ लोगों के लिए वर्क फ्रॉम होम असहज था, तो वहीं कुछ लोगों के लिए यह काफी फायदेमंद रहा। वर्क फ्रॉम होम के इन्हीं फायदों को देखते हुए अधिकतर लोग लॉकडाउन खुलने के बाद भी वर्क फ्रॉम होम करना पसंद करते हैं, आने वाले समय में वर्क फ्रॉम होम हमारा भविष्य हो सकता है, क्योंकि आज अधिकतर चीजे डिजीटल हो गई है।

यहां तक की पैसा कमाने और काम करने का तरीका भी डिजीटल होता जा रहा है। ऐसे में कई कम्पनीयां वर्क फ्रॉम होम को स्थायी रूप से लागू करने के बारे में सोच रही है।

कोरोना वायरस के बाद Work From Home का ट्रेन काफी चला। यहां तक की भारत सरकार खुद इसे प्रोमोट कर रही थी। वर्क फ्रॉम होम ना सिर्फ कर्मचारियों के लिए बल्कि कंपनियों के लिए भी फायदेमंद है।

कई कॉरपोरेट कंपनिया जैसे, याहू इंडिया अमेज़न, सेल्फार्स, डेल इंडिया, इत्यादि कई कंपनिया अपने कर्मचारीयों को शुरू से ही वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन दे रही है। आज के युग मे इन्टरनेट की स्पीड काफी बेहतर हो गई है और कई ऐसे वेबसाइट और ऐप्स है, जो Work From Home को और भी आसान बना देते हैं।

जैसे Zoom मीटिंग के लिए, Skype वीडियो कॉलिंग के लिए और Google इन्फॉर्मेशन और डॉक्युमेंट्स भेजने के लिए इत्यादि तरीको से वर्क फ्रॉम होम को काफी आसान करते है।

तो चलिए अब बात करते है, वर्क फ्रॉम होम के फायदों के बारे में, Work from home benefits in Hindi

वर्क फ्रॉम होम के फायदे [Work From Home Benefits in Hindi]

1. काम और निजी जीवन में बेहतर संतुलन [Work and life balance in Hindi]

Work From Home Benefits and Challenges

वर्क फ्रॉम होम से आप अपने काम और निजी जीवन के बीच बेहतर संतुलन बना सकते हैं। आपको कब अपना काम करना है? कब बाहर जाना है? फैमिली के साथ कितना टाइम बिताना है ? आदि चीजें आप खुद मैनेज कर सकते है।

आप अपना शेड्यूल बना सकते हैं, जिसमें आप काम को शुरू और समाप्त करने के बारें मे लिख सकते है। इसमें आप छोटे- छोटे ब्रेक ले सकते हैं, जो आपको ऑफिस स्पेस में नही मिलता है। आप जल्दी काम खत्म करके दूसरी चीजों पर फोकस कर सकते है।

जैसे, नई स्किल्स सीखना, किताबे पढ़ना, कोई खेल खेलना, बाहर घूमने जाना, अपने परिवार और बच्चो को समय देना आदी चीज़ों पर ध्यान दे सकते है। वर्क फ्रॉम होम में आप अपना ख्याल बेहतर ढंग से रख सकते है और अपनी सोशल लाइफ को सही ढंग से मैनेज कर सकते है।

2. अतिरिक्त खर्च मे बचत [Save Extra Cost in Hindi]

जब आप अपना सारा काम घर से करने लगते है, तो आप अपने अतिरिक्त खर्च मे बचत कर सकते हैं। भारत में घर से ऑफिस तक जाने का किराया या फिर यात्रा करने का खर्च अधिकतर कर्मचारीयों के लिए एक बड़ा खर्च होता है।

इसके अलावा अगर आप गाड़ी से ऑफिस जाते हैं, तो पेट्रोल या टॉल टैक्स और अन्य चीजों पर अतिरिक्त खर्च आपको अपनी जेब से देना पड़ता हैं। वर्क फ्रॉम होम में आप इन खर्चों में बचत कर सकते है और इन पैसों को अपने आप को बेहतर बनाने या फिर कहीं इन्वेस्ट करने में उपयोग कर सकते है।

इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम से कम्पनियां भी अपने अतिरिक्त खर्च बचाती है। जैसे, मेंटेनेंस चार्ज, सिक्योरिटी चार्ज, किराया, मशीनरी, फर्नीचर इत्यादि बड़े खर्चे में बचत होती है। ऐसे सभी अतिरिक्त खर्चों को वर्क फ्रॉम होम ने सीमित कर दिया है।

3. काम करने की आजादी [Freedom of Work in Hindi]

एक सामान्य ऑफिस के माहौल में आप अपने आप को काम के बीच बहुत ज्यादा व्यस्त पाते है। लेकिन वर्क फ्रॉम होम में आपके ऊपर कोई प्रेशर नहीं होता है।

आप खुद अपना टाइम मैनेज कर सकते हैं और आप अपने काम के बारें मे अधिक आजादी रखते हैं।

इस तरह से काम करने की आजादी आपको अपने काम में बेहतर बनाने और काम को प्राथमिकता (Priority) देने मे मदद करती है।

4. फोकस और प्रोडक्टिवीटी बढ़ती है [Increase your Focus and productivity in Hindi]

घर से काम करने वाले कई कर्मचारी बताते है कि वर्क फ्रॉम होम में आने-जाने का खर्च कम होता है, जिसे हम अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में और अपने इंप्रूवमेंट लगा सकते हैं। इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम में ध्यान भटकाने वाली चीजं कम होती है, जो कि ऑफिस या कार्यालयों में आम हैं।

लेकिन वर्क क्रॉम होम मे भी कर्मचारीयों को इस बात का खास ध्यान रखना पड़ता है कि कहीं उनका फोकस काम से तो नही रहा, क्योंकि घर में शोर अधिक होता है। इसलिए कर्मचारी को काम करने के लिए एक शांत जगह का चुनाव करना चाहिए। इससे एकाग्रता बढ़ती है और पूरा ध्यान काम में लगा होता है।

अधिकतर ऑफिस में कर्मचारी ईधर-उधर की बातें और पॉलिटिक्स करते ही है। ऐसे में काम पर फोकस करना और अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ा पाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन वर्क क्रॉम होम में आप अकेले काम करते हैं।

आपको परेशान करने वाला कोई क्लीग या बॉस नहीं होता है। इससे आप अपना पूरा फोकस काम पर लगा पाते है।

5. जगह की आजादी [Location Independence in Hindi]

वर्क फ्रॉम हॉम में आप अपने अनुसार जगह का चुनाव करते हैं। इसमें आपको केवल एक जगह पर बैठकर काम करने जरूरत नहीं है, आप जहाँ चाहे वहां बैठकर आराम से काम कर सकते हैं। अधिकार लोग जो अपने घर या शहर से दूर कही नौकरी करते हैं, वे लोग भी वर्क फ्रॉम होम में अपने घर पर बैठ कर काम कर सकते है।

साईंकोलॉजी के अनुसार लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठकर काम करने से व्यक्ति में उत्साह कम हो जाता है। लेकिन वर्क फ्रॉम होम में आप अपनी मनपसंद जगह पर काम कर सकते है, और समय-समय पर अपनी जगह बदल सकते हैं। इससे आप के अंदर काम के प्रति उत्साह बना रहता है।

वर्क फ्रॉम होम के काफी फायदे है। लेकिन इसके फायदों के साथ-साथ इसके कई नुकसान भी है।

जैसे, दिनचर्या का बिगड़ जाना, घर पर कोई जरूरी काम होना, शोर-गुल, मदद के लिए किसी का ना होना इत्यादि। अगर आप वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, या करना चाहते है, तो इन बातों का खास ध्यान रखे।

कभी-कभी इनसे काम और प्रोडक्वीटी पर काफी बुरा असर पड़ता है। इसलिए वर्क फोम होम को केवल फायदे देखकर ही नहीं बल्कि इसकी दोनों साइड (फायदे और नुकसान) को देखकर ही चयन करे।

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