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मृत्यु के बाद साथ कौन देता है?

आखिर मृत्यु के बाद साथ कौन देता है? इस कथन के पीछे बहुत सारी मान्यताएं हैं परंतु इनमें से किसी पर भी यकीन करना लोगों के मुश्किल हैं।

कई लोगों का मानना है मृत्यु के पश्चात हमारी आत्मा को यमराज अपने साथ यमलोक ले जाता है तथा 24 घंटे बाद हमारी आत्मा को फिर वही पहुंचा जाता है जहां से हम अपने शरीर को छोड़ते हैं।

लेकिन यह सब अनदेखी व अनसुनी बातें हैं इसलिए इन बातों पर कोई भी विश्वास नहीं कर पाता क्योंकि ऐसी बातें कहने वाले लोग यह बात दूसरों को साबित नहीं कर पाते।

अतः हम कह सकते हैं कि आज तक कोई भी आत्मा अपने शरीर को छोड़ने के बाद वापस उस शरीर में प्रवेश नहीं कर पाई ।

क्योंकि आत्मा एक बार शरीर को छोड़कर वापस नहीं आती यही मुख्य कारण है कि आज तक इस बात का पता किसी भी व्यक्ति को नहीं चल पाया कि आखिर मृत्यु के बाद हमारी आत्मा कहां जाती है और कौन हमारा साथ देता है?

परंतु हम आज आपको कुछ ऐसी ही अनदेखी अनसुनी बातों पर यकीन करने के लिए मजबूर कर देंगे और वास्तविकता भी यही प्रदर्शित करती है कि आखिर मरने के बाद हमारा साथ कौन देता है और कितने वक्त तक हमारे साथ रहता है। तो यदि आपको भी इस बात को समझना है कि मरने के बाद हमारा साथ कौन देता है तो इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।

मृत्यु के बाद आखिर हम कहां जाते हैं?

After Death

यह सवाल हर किसी के जहन में उठता होगा कि आखिर मृत्यु के बाद हम कहां जाते हैं? क्योंकि हर कोई जानना चाहता है कि मृत्यु के बाद हमारे साथ होता क्या है? और हम क्या करते हैं? हमारा साथ कौन-कौन देता है?

जब हम मरते हैं, हमारे शरीर को हमारी आत्मा छोड़ देती है तब हमारा शरीर सिर्फ एक वस्तु की तरह रह जाता है परंतु हमारी आत्मा को यमराज अपने साथ यमलोक ले जाता है और कहां जाता है कि यमराज हमारी आत्मा को यमलोक ले जाकर हमारे अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब लगाता है।

तब जाकर वह हमारे कर्मों को देखकर हमें एक नया जीवन देने के लिए किसी अन्य शरीर में प्रवेश कराता है। परंतु हम जिस रूप में जन्म लेंगे यह हमारे कर्मों द्वारा निर्धारित किया जाता है यदि हमारे द्वारा किए गए कर्म अच्छे हो तो हमें एक अच्छे प्राणी के रूप में इस पृथ्वी में भेजा जाता है तथा हम एक संपन्न परिवार में जन्म लेते हैं ताकि हमारा जीवन भी आसानी के साथ गुजर सके।

परंतु यदि हमारे कर्म यमलोक में भगवान को पसंद नहीं आते तो वह हमें कुछ ऐसा नवजीवन देते हैं जहां हम ना सुख चैन से जी पाते हैं और ना ही अपना जीवन यापन कर पाते हैं, बुरे कर्मों के कारण ऐसा जन्म धारण करते हैं, जहा दुखों का पहाड़ हमेशा टूटता रहता है इसीलिए मृत्यु के बाद हम आते तो इस पृथ्वी पर ही हैं परंतु हम किस रूप को धारण करके नया जन्म लेते हैं यह सिर्फ हमारे कर्म ही तय कर पाते हैं।

कितने समय पश्चात हमारा पुनर्जन्म होता है?

लोगों की विभिन्न मान्यताओं के अनुसार पुनर्जन्म का समय भी भिन्न भिन्न बताया जाता हैं कुछ लोगों का मानना रहता है कि 24 घंटे के अंदर ही हम पुनर्जन्म धारण कर लेते हैं।

तो कुछ लोगों की मान्यता है कि हम तब तक पुनर्जन्म नहीं ले पाते जब तक हमें हमारे बुरे कर्मों का फल यमलोक में नहीं मिल पाता। जो लोग पृथ्वी पर अच्छे कर्मों को करके आते हैं वे लोग यमलोक में जाकर बहुत जल्दी पुनर्जन्म धारण कर लेते हैं तथा पृथ्वी पर आते हैं।

वे लोग जो बुरे कर्मों के साथ यमलोक में जाते हैं उन्हें अत्यधिक समय बाद ही पुनर्जन्म मिल पाता है। वे लोग सालों बाद नया जन्म धारण करके इस पृथ्वी पर वापस आते हैं।

हालांकि किसी के पास भी इस मान्यता का शत-प्रतिशत प्रमाण नहीं है।

क्योंकि यह बातें सिर्फ सुनी हुई है ना कि आज तक किसी ने देखी फिर भी कुछ लोग इन बातों पर यकीन करते हैं तो कुछ लोगों का मानना होता है कि इंसान मृत्यु को प्राप्त होने के पश्चात उसे पुनर्जन्म मिलता ही नहीं।

इसीलिए मनुष्य का पुनर्जन्म कितने समय पश्चात होता है? इस बात का सही अनुमान आज तक किसी व्यक्ति द्वारा नहीं लगाया गया भले ही इस बात का शोध आज भी चल रहा है परंतु ऐसी बातों पर आज तक किसी को यकीन नहीं हो पाया।

पुनर्जन्म क्यों होता है?

कई लोग मानते है पुनर्जन्म हमारे अगले जन्म के अधूरे कामों को पूरा करने के लिए होता है तो कुछ लोग कहते हैं कि हमारे मानव जन्म में किए गए अच्छे कर्मों का फल हमें पुनर्जन्म में फिर से इंसान बनने का मौका देता है।

ऐसी बहुत सारी बातें आज लोगों के सामने रखी जाती है। परन्तु हमारे अनुसार पुनर्जन्म मानव का सिर्फ अच्छे कर्मों के अनुसार ही हो पाता है इंसान बुरे कर्म करता है तो कहा जाता है कि उसे मानव रूप धारण करना अधिक मुश्किल पड़ जाता है।

जो व्यक्ति अपने मानव रूप में अच्छे कर्म करता है वह अगले जन्म में भी मानव रूप धारण कर पाता है परंतु जो व्यक्ति मानव रूप में अच्छे कर्म नहीं कर पाता वह व्यक्ति अगले जन्म में कुछ अन्य जीव धारियों का रूप धारण करके अपने सारे दुखों को वही व्यतीत करता है।

पुनर्जन्म तो अवश्य ही होता है परंतु किस रूप में होता है यह जानना थोड़ा मुश्किल हो जाता है परंतु फिर भी कुछ मान्यताओं के अनुसार मानव पुनर्जन्म में भी मानव के रूप में ही धारण कर पाता है, उसके लिए अच्छे कर्मों का होना अत्यंत आवश्यक है।

क्या मृत्यु के बाद भी कोई हमारा साथ देता है?

अगर यह सवाल किसी से पूछा जाए तो उसका कहना होगा की मृत्यु के बाद कोई हमारा साथ नहीं देता है परंतु हमारी मृत्यु के पश्चात भले ही कोई इंसान हमारा साथ ना दे सके परंतु हमारे द्वारा अपने संपूर्ण जीवन में किए गए अच्छे कार्य हमेशा हमारे साथ रहते हैं।

अतः अच्छे और बुरे कार्य हमारी मृत्यु के पश्चात हमारा साथ देते हैं इसलिए यदि हमें अपने जीवन में मृत्यु के बाद भी इंसान के रूप में पुनर्जन्म हासिल करना है, तो हमें अपने जीते जीवन में अच्छे कार्यों को करने की जरूरत है।

जो मनुष्य अपने जीवन में अच्छे कार्य करते हैं तो उन्हें शानदार पुनर्जन्म की संभावना रहती है यदि वह बुरे कार्य करते हैं तो अवश्य ही एक बुरा पुनर्जन्म हासिल करते हैं।

मृत्यु के बाद हमारे कर्म साथ क्यों देते हैं?

यह निश्चित रूप से हर किसी को पता है कि मृत्यु के बाद सिर्फ हमारे कर्म ही हमारा साथ देते हैं। अतः उन कर्मों (Karma) के आधार पर ही हम अपने जीवन का भोग और त्याग कर पाते हैं।

क्योंकि हमारे अच्छे -बुरे कर्म (Karma) ही हमारे पुनर्जन्म(Rebirth) को निर्धारित कर पाते हैं और कितने समय बाद हमें पुनर्जन्म मिलेगा यह भी हमारे कर्म ही निर्धारित करते हैं इसीलिए यदि हमें अपना पुनर्जन्म जल्दी और अच्छा प्राप्त करना है तो अपने मानव जीवन में अच्छे कार्यों को करते हुए प्रत्येक व्यक्ति को कोशिश करनी चाहिए, जिसके कारण हमारे कर्मों की रूपरेखा अच्छी हो सके।

हमारी मृत्यु के बाद सिर्फ हमारे कर्म ही हमारा साथ देते हैं क्योंकि मृत्यु के पश्चात हम अपने शरीर को छोड़ जाते हैं। यदि हमें मृत्यु के समय उम्र भर बड़ी आशा और मेहनत से कमाई गई उन वस्तुओं को साथ ले जाने का मौका दिया जाए तो यमलोक में भगवान हमारी उन वस्तुओं को हमसे नहीं छीन सकते हैं।

इसलिए वे हमारे सिर्फ अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब लगाकर ही हमें उनका फल देना चाहते हैं

मानव जीवन में भले ही हमारे पास कितनी ही धन दौलत क्यों ना हो परंतु हमारे अच्छे कर्म पुनर्जन्म के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

मृत्यु के बाद शरीर नहीं देता है हमारा साथ?

मृत्यु के बाद शरीर साथ नहीं देता यह वास्तविक बात है और इस बात को प्रत्येक व्यक्ति अपनी आंखों से भी देखता है और समझता है।

क्योंकि हमारा शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है और उसे अंत में उन्ही पांच तत्वों में विलीन हो जाता है।

इसीलिए एक मानव का शरीर मृत्यु के बाद उसका साथ नहीं दे पाता क्योंकि ये संसार का हैं।

नियम ही हैं जहां से किसी चीज का जीवन शुरू होता है उसे वहीं पर समाप्त भी होना है भले ही बीच की प्रक्रिया कितनी ही शानदार क्यों ना हो परंतु अंत में वह प्रक्रिया खत्म हो ही जाती है।

ऐसा ही हमारे साथ हमारे शरीर का भी होता है जो कभी हमारा होता ही नहीं और हम उसे अपना समझ बैठे हैं।

इसी शरीर के खातिर हम जीवन में घमंड, लालच ,त्याग इत्यादि करते हैं परंतु अंत में वह शरीर खुद हमारा साथ नहीं देता, जिसके लिए हम उम्र भर इतने सुख और दुखों का उपभोग खुद के जीवन में करते हैं।

इसीलिए हमें अपने जीवन में वास्तविकता जानते हुए अच्छे कर्मों की ओर प्रेरित होना चाहिए इसके कारण हमारा प्रत्येक जन्म अच्छा व सरलता के साथ व्यतीत हो सके।

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