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टेलीफोन के आविष्कारक एलेग्जेंडर ग्राहम बेल का जीवन परिचय

Alexander Graham Bell is most famous for his invention of the telephone

टेलीफोन का आविष्कार करने वाले अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का नाम विज्ञान के क्षेत्र में कभी ना मिटने वाली स्याही से लिखा गया है‌। एलेग्जेंडर ग्राहम बेल एक महान वैज्ञानिक खोज कर्ता और इंजीनियर थे। यह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने टेलीफोन का आविष्कार किया था, इतना ही नहीं उन्होंने 1885 में American telephone and telegraph company की भी नीव रखी थी। बाद में ऐलेक्ज़ैन्डर ग्राहम बेल ने ऑप्टिकल दूरसंचार, हाइड्रोफॉइल, और वैमानिकी (aeronautics) के क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया था।

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल वैसे तो विज्ञान के क्षेत्र में बहुत ही ऊंचा स्थान रखते हैं लेकिन बहुत से लोग आज भी इनसे अनभिज्ञ हैं। इनके जीवन के बारे में जानने के लिए इनकी जीवनी को जरूर पढ़ें।

ग्राहम बेल जीवनी

वर्ष 1847 में 3 मार्च को पैदा हुए एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने वैसे कई आविष्कार किए, परंतु इन्हें मुख्य तौर पर टेलीफोन का आविष्कार करने के कारण पूरी दुनिया भर में जाना जाता है और दुनिया के लगभग सभी देशों में टेलीफोन के आविष्कारक के तौर पर एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के बारे में स्कूलों में पढ़ाया जाता है।

इसके अलावा इन्होंने ऑडियो मीटर की भी खोज की थी, साथ ही उन्होंने मेटल जैकेट और मेटल डिटेक्टर का भी आविष्कार किया था। डायबिटीज की समस्या के कारण इनकी मृत्यु साल 1922 में हो गई।

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल का व्यक्तिगत परिचय

पूरा नाम अलेक्जेंडर ग्राहम बेल
जन्म 3 मार्च, 1847
जन्म स्थान एडिन्बुर्ग, स्कॉटलैंड
माता-पिता एलिजा ग्रेस सिमोंड्स बेल – अलेक्जेंडर मेलविल्ले बेल
पत्नी माबेल हब्बार्ड (1877)
बच्चे चार
जाने जाते है टेलीफोन के अविष्कार के लिए
प्रोफेशन वैज्ञानिक, प्रोफेसर, अविष्कारक
धर्म ईसाई

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल का प्रारंभिक जीवन

टेलीफोन के आविष्कारक के तहत पूरी दुनिया भर में विख्यात अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का जन्म स्कॉटलैंड में 3 मार्च को साल 1847 में हुआ था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के पिता का नाम एलेग्जेंडर मेल्विले बेल था, जो कि प्रोफेसर का काम करते थे।

वहीं इनकी माता का नाम एलिजा ग्रेस सीमोंड था, जोकि घर का कामकाज संभालने का कार्य करते थे अर्थात् यह गृहणी थी। अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के माता-पिता की कुल तीन संतान थी, जिसमें एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के अलावा उनके दो अन्य भाई थे। एलेग्जेंडर ग्राहम बेल की माताजी को कान से सुनाई नहीं देता था अर्थात वह बहरी थी।

अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के भाइयों के नाम मेल्विले जेम्स बेल और एडवर्ड चार्ल्स वेल था परंतु अज्ञात बीमारी के कारण इनके भाइयों की काफी कम उम्र में ही मृत्यु हो गई थी। अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के पिताजी बहरे और गूंगे बच्चों को टीचिंग देने का काम करते थे और उन्होंने गूंगे बच्चों के लिए विजिबल सिस्टम को भी क्रिएट किया था, ताकि गूंगे बच्चे बोल सकें।

ग्राहम बेल अपनी माता जी को अपना गुरु मानते थे। इनकी माताजी भले ही कान से बहरी थी परंतु वह बहुत ही अच्छा पियानो बजा लेती थी, साथ ही एक अच्छी पेंटर भी थी।

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल की शिक्षा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने स्कूल में अधिक शिक्षा हासिल नहीं की थी। वह अपनी शिक्षा हासिल करने के लिए एडिनबर्ग रॉयल हाई स्कूल में गए थे, परंतु 15 साल की उम्र में ही इन्होंने इस स्कूल को छोड़ दिया था।

फिर इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए अलेक्जेंडर ग्राहम बेल सबसे पहले यूनिवर्सिटी आफ एडिनबर्ग गए। इस यूनिवर्सिटी को छोड़ने के बाद वह लंदन और इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी में भी गए, परंतु कहीं पर भी उनका ध्यान पढ़ाई में नहीं लगा।

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल का बचपन

जब एलेग्जेंडर ग्राहम बेल छोटे थे, तभी से इन्हें दुनिया के बारे में जानने की अजीब जिज्ञासा थी। इनके मन में हमेशा से ही दुनिया को करीब से देखने और समझने की इच्छा थी।

इसीलिए वह अपने बचपन में यहां-वहां घूम कर के अलग-अलग प्रकार की वनस्पतियों के सैंपल को इकट्ठा करते थे और उनके ऊपर एक्सपेरिमेंट करते थे। ग्राहम बेल अपने बाल्यकाल से ही अपनी माताजी के काफी करीब थे और उन्होंने अपनी माताजी को ही अपना गुरु बनाया था।

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि ग्राहम बेल की माताजी कान से सुन नहीं सकती थी, इसीलिए एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने अपनी माता जी से बात करने के लिए हाथ के इस्तेमाल के द्वारा इशारे से बात करने की कला सीखी‌।

ग्राहम बेल की पूरी फैमिली बहरे लोगों को टीचिंग देने का काम करती थी और इसीलिए उन्होंने बहुत सारे आविष्कार भी किए थे, जिसे आज भी दुनिया में प्रयोग किया जाता है।

अपने दादाजी के साथ अलेक्जेंडर ग्राहम बेल, स्कूल की पढ़ाई छोड़ने के बाद लंदन चले गए लंदन में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ऐसे स्कूल में जाते थे, जहां पर बहरे लोग पढ़ते थे। इसीलिए उन्हें बहरे लोगों के जीवन के बारे में काफी करीब से जानने का मौका मिला।

जब साल 1870 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के दोनों भाइयों की मृत्यु हो गई, तो इसके बाद इनकी पूरी फैमिली कनाडा रहने के लिए चली गई, जहां पर वह अपने पिताजी के साथ काम करने लगे और यहीं पर एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने ट्रांसमिटिंग टेलिफोनिक मैसेज में कार्य करना स्टार्ट कर दिया।

एलेग्जेंडर ग्रैहम बेल का पहला अविष्कार

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के सबसे अच्छे दोस्त का नाम बेन हेर्डमैन था, जो कि एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के घर के बगल में ही रहता था और उनकी एक आटा पीसने की मशीन मिली थी। इसीलिए अक्सर एलेग्जेंडर ग्राहम बेल अपने दोस्त से इस बात की जानकारी हासिल करने के लिए सवाल पूछते थे कि आखिर फ्लोर मिल में कौन सी चीजों की आवश्यकता पड़ती है, तब उनका दोस्त एलेग्जेंडर ग्राहम बेल को यह जवाब देता था कि लेबर की सहायता से गेहूं का भूसा तैयार किया जाता है और फिर उसे आटा पीसने की मशीन में पीसा जाता है।

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने सिर्फ 12 साल की Age में ही अपने घर पर घूमने वाले दो स्ट्रांग पहियो को आपस में जोड़ करके एक ऐसी मशीन को तैयार किया, जिसके द्वारा गेहूं की पिसाई काफी आसान हो गई। एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के द्वारा तैयार की गई इस गेहूं पीसने की मशीन का इस्तेमाल आगे चलकर कई सालों तक हुआ।

गेहूं पीसने की मशीन की खोज करने के बाद एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के फ्रेंड के पिता ने एलेग्जेंडर ग्राहम बेल और उसके दोस्त को एक वर्कशॉप भी प्रदान की।

एलेग्जेंडर ग्रैहम बेल के द्वारा किए गए आविष्कार

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के द्वारा किए गए आविष्कार में सबसे महत्वपूर्ण आविष्कार था टेलीफोन का आविष्कार, जिसका अविष्कार एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने साल 1874 में मई के महीने में किया था। टेलीफोन का आविष्कार करने के कारण पूरी दुनिया भर में आज अलेक्जेंडर के बारे में किताबों मे पढ़ाया जाता है।

आगे चलकर के एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने एक ऐसी मशीन को तैयार करने की योजना बनाई,जो स्वर की लहरों को दिशा प्रदान कर सके और वह इस योजना में कामयाब भी हुए।इस योजना में कामयाबी उन्हें साल 1875 में 2 जून को मिली, जिसके द्वारा इस बात की इंफॉर्मेशन प्राप्त हुई कि टेलीफोन से हम साउंड को ट्रांसफर भी कर सकते हैं। अपनी इस खोज का पेटेंट एलेग्जेंडर ने साल 1876 में 7 मार्च को करवा लिया।

साल 1877 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने 11 जुलाई के दिन अपनी फर्स्ट टेलीफोन कंपनी को स्थापित किया और इसी साल में उन्होंने विवाह कर लिया, ग्राहम बेल ने जिनसे विवाह किया था, उनका नाम मबेल हब्बार्ड था।

टेलीफोन का आविष्कार करने के साथ ही साथ एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने मेटल जैकेट, मेटल डिटेक्टर और फोनोग्राफ तथा ऑडियो मीटर की भी खोज की। इस प्रकार उन्होंने अपने नाम पर तकरीबन 18 पेटेंट दर्ज करवाएं। एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के द्वारा की गई खोज के कारण उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान भी प्राप्त हुए।

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल को प्राप्त अवार्ड और उनकी अचीवमेंट

फ्रांस गवर्नमेंट के द्वारा साल 1880 में टेलीफोन को क्रिएट करने के बदले में ग्राहम बेल को वोल्टा प्राइस से नवाजा गया था।

इसके अगले ही वर्ष यानी की साल 1881 में “लीजन ऑफ ऑनर” का अवार्ड फ्रांस की गवर्नमेंट के द्वारा अलगजेंडर ग्राहम बेल को दिया गया।

सोसाइटी ऑफ आर्ट ऑफ लंदन, जोकि इंग्लैंड देश में स्थित है, इस संस्था के द्वारा टेलीफोन का आविष्कार करने के बदले में अल्बर्ट मेडल से साल 1902 में ग्राहम बेल को सम्मानित किया गया।

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल को जॉन फ्रिट्ज मेडल साल 1907 में प्राप्त हुआ।

एलियॉट क्रिसन मेडल वर्ष 1912 में एलेग्जेंडर ग्राहम बेल को मिला। इसके अलावा भी दुनिया की कई यूनिवर्सिटी ने एलेग्जेंडर ग्राहम बेल को विभिन्न अवार्ड से नवाजा है।

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल की मृत्यु

अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में एलेग्जेंडर ग्राहम बेल को डायबिटीज की समस्या हो गई थी और डायबिटीज की प्रॉब्लम के कारण ही 75 साल की उम्र में 2 अगस्त को साल 1922 के दिन एलेग्जेंडर ग्राहम बेल की मृत्यु नोवा स्कॉटिया में हो गई।

इस प्रकार विभिन्न प्रकार के आविष्कार करने वाले एक महान वैज्ञानिक ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने इंसानों के लिए उपयोगी जिन जिन चीजों की खोज की थी, आज उसका काफी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल पूरी दुनिया भर में हो रहा है। इसलिए पूरी दुनिया को अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का एहसानमंद होना चाहिए।

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