Site icon AchhiBaatein.com

Hindi Kahani: मैच में दाव-पेच के अलावा ज़ज्बा और आत्मविश्वास भी काम आता हैं

Image kushtiwrestling.blogspot.in द्वारा साभार ली गई हैं

Hindi Kahani, Best Motivational Stories in Hindi, Short Inspirational Hindi Story Hindi Kahani
एक पहलवान अपने गुरुजी से रोज़ कुश्ती सीखता था और रोजाना नए-नए दाव-पेच सीख कर वह गांव का बड़ा पहलवान बन गया। उसके गुरूजी उसे जो भी कुछ सीखाते, वह बड़ी ही लगन से उसे सीखता और यह सब करके, वह एक बड़ा महारथी (perfect) हो गया अब उसे कोई हरा नहीं पाता था तथा अपने नए दाव-पेच को आजमा कर वह सामने वाले पहलवान को बहुत जल्द ही चित कर देता था। इससे वह बहुत खुश था, और उसके गाँव के हर व्यक्ति भी।

जहाँ-जहाँ दंगल में वो जाता, हर अखाड़े में, जीत उसी के नाम होती, जिस गांव में भी वह जाता, वहा जीत के आता था। एक दिन उसके गुरुजी ने कहा कि अब तुमने कुश्ती सीख ली है और हर गांव में काफी नाम भी कमा लिया है। अब तुम्हें स्टेट लेवल competition में भाग लेना है। पहलवान ने अपने गुरु जी की बात मान ली।

वह स्टेट लेवल की तैयारी में जुट गया। Daily कुश्ती सीखता दिन बीते गए और वह दिन आ गया, जिस दिन स्टेट लेवल के मैच की लीग स्टार्ट होनी थी और वहां भी उसने अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा और मैच पर मैच जीतता गया। उस पहलवान ने उस लीग के सारे मैच जीत लिए। अब वह गुरु जी से मिला और कहा गुरु जी आपकी ही वजह से मैं यह State Level Competition जीत गया हूँ और अब मैं और आगे जाना चाहता हूँ, अब मैं वर्ल्ड चैंपियनशिप मे भाग लेना चाहता हुँ तो गुरु जी ने कहा ठीक हैं।

कल से तुम सुबह अखाडे मे आ जाना, पहलवान बोला ठीक है, गुरु जी मै कल आ जाऊगा। अब पहलवान घर जाने लगा लेकिन रास्ते में एक बहुत बड़ा हादसा हो गया। उसका accident हो गया और उस एक्सीडेंट की वजय से उसका left hand काटना पड गया। वो निराश हो गया और उसे अपने सारे सपने मिटटी में मिलते हुए से प्रतीत होने लगे। वो डर गया कि कैसे मैं world championship जीतुंगा, केवल एक हाथ से कैसे दाव पेच का इस्तेमाल कर पाऊंगा। इसके अलावा उसे अपनी ज़िन्दगी से भी नफरत सी होने लगी, उसे लगा कैसे मैं बिना पहलवानी के जी पाऊंगा और ये सब सोच सोच कर वह निराशा के बादलो में खो सा गया। उसे लगा एक बार गुरूजी से जाकर मिलना चाहिए, हो सकता हैं उनके पास कुछ उपाय हो और अगर उपाय नहीं भी हो तो भी मिलकर आने में कोई हर्ज़ नहीं हैं।

इसी कसमकस में वो एक दिन गुरू जी के पास गया और अपनी सब बातें बताईं। अपना दर्द बताया, ज़ज्बा बताया अपनी इच्छाएं बताईं और बताया कि मुझे नहीं लगता कि मैं पहलवानी के बिना जिंदा भी रह पाऊंगा। और कहा कि गुरू जी अब मै क्या करू? तो गुरू जी ने कहाँ सबसे पहले तो तुम अपने पर भरोसा रखो। सब हो जायेगा तुम बस कल से training start करों।

पहलवान ने कहा गुरूजी बिना हाथ के मैं कैसे कर पाऊंगा। गुरूजी ने बताया बेटा मैच में दाव-पेच के अलावा ज़ज्बा और अपना विश्वास भी काम आता हैं और वो तुम्हे सबसे पहले अपने अन्दर वापस लाना हैं और हाँ याद रखो मन के हारें हार हैं और मन के जीते जीत

पहलवान ने दोबारा से training start कर दी और वो रोज आता और गुरु जी एक ही दाव सिखाते। पहलवान सोचने लगा कि गुरू जी मुझे एक ही दाव क्यो सिखाते है? पर वह कभी पुछता नही और रोज एक ही दाव सिखता।

एक दिन गुरू जी बोले word championship खेलने का समय आ गया हैं। तुम जाओ खेलने, तो पहलवान चला गया और करिश्मा होने लगा और बड़े बड़े पहलवानों को हराने लगा, वो हर मैच जीत रहा था। अब semi final में पहुच गया   और semi final भी जीत गया। अब उसने सोचा कि एक हाथ से  final कैसे जीतुंगा। और जैसा कि गुरु जी को विश्वास था वो final भी जीत जाता है, ऊसको अपने आप पर विश्वास नही हो पा रहा था। और वह अपने गुरुजी से पूछता है गुरु जी यह सब कैसे हुआ? मैं कैसे जीत गया आपने मुझे जबकि एक ही दाव तो सिखाया था, तो गुरुजी ने बोला तुम्हें हराने के लिए दूसरे प्रतिभागी को तुम्हारा दूसरा हाथ पकड़ना पड़ता था इसलिए वह तुम्हारा हाथ नहीं पकड़ पाता, जिससे वह तुम्हे चित्त नही कर पाता और तुम उसे चित्त कर देते।  पहवान खुश हुआ और गुरुजी को धन्यवाद कहा।

दोस्तों, यह कहानी हमें यह सीख देती हैं कि हमें कभी हार नहीं मानना चाहिए, चाहे जैसी परिस्थिति आ जाए।

यह कहानी हमें सूरज जी ने भेजी हैं
Thanks, Suraj Yadav
सूरज जी, अपने ब्लॉग के माध्यम से Motivational Post, Inspirational Stories, Hindi Quotes और अच्छी अच्छी जानकारियां हिन्दी में देते हैं।
We are grateful to Suraj Ji for sharing such a good “Motivational Hindi Story” / पहलवान की Inspirational Hindi Kahani with our readers. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

दोस्तों ऐसी ही और कहानियां पढने के लिए नीचे दिए गए links पर click करें

Exit mobile version