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सच्चा साथ | रिश्तो की अहमियत समझाने वाली Hindi Kahani

Best real love stories in hindi

Love Relation अवनी और राहुल का सच्चा साथ, रिश्तो की अहमियत समझाने वाली Story in Hindi, Love Stories

आज अवनी बहुत खुश है, जिसे वह बचपन से अपना सच्चा दोस्त माना करती थी, आज वही उसका हमसफर बनने वाला था। बचपन की ना जाने कितनी यादें हैं, जो उसने राहुल के साथ सांझा की थी और जिन्हें दोनों याद करके खुश हुआ करते थे।

एक साथ स्कूल जाना, पढ़ाई करना, नए नए खेल खेलना और शरारत करना बहुत पसंद आता था। राहुल मस्त मौला लड़का था, जो किसी भी बात को कभी सीरियस नहीं लेता था लेकिन अवनी राहुल की दोस्ती में ही खुश रहती थी। अक्सर ऐसा होता रहता है।

जैसे ही अवनी की उम्र 22 वर्ष हुई, तो घरवाले उसके लिए तरह-तरह के रिश्ते देखने लगे, जिनमें डॉक्टर इंजीनियर, प्रोफेसर भी शामिल थे लेकिन आखिर कोई और अवनी को कैसे पसंद आता क्योंकि उसने तो बचपन से ही राहुल को पसंद कर रखा था। लेकिन जैसे ही उसने अपने लिए रिश्ते में आई फोटो में राहुल की फोटो देखी तो मन ही मन लड्डू फूटने लगे जिसे उसकी सहेली राधा ने भी महसूस किया।

राधा- क्या बात है आज तो खुशी पूरे चेहरे पर ही नजर आ रही है। कल तक बड़े गुस्से में थी तू तो।
अवनी- अरे गुस्सा किस लिए रहूंगी?
राधा छेड़ते हुए- अरे बेटा हमसे तो मत छुपाओ, हमें तो सब कुछ पता है।

बस उसी वक्त अवनी शर्म से लाल हो जाती है और दौड़ कर अपने कमरे में चली जाती हैं।

राहुल को कभी भी इस बात से फर्क नहीं पड़ा कि उसकी शादी अवनी से हो या किसी और से? वह तो अपने दोस्तों के साथ ही खुश रहता था और कभी भी घर परिवार की तरफ ध्यान देता ही नहीं था।

देखते ही देखते वह दिन भी आ गया जब अवनी और राहुल की धूमधाम से सारे रस्मो के साथ शादी हो गई और अवनी अपने नए घर में आ जाती है।

शादी को 15 दिन हो गए लेकिन राहुल का व्यवहार बिल्कुल नहीं बदला। अभी भी वह खुद को शादी के बंधन में बांधने को तैयार नहीं था और जानबूझकर अवनी से वह दूर रहने का रास्ता खोजने लगा। शुरू शुरू में तो अवनी इस बात को समझ नहीं पाती लेकिन धीरे-धीरे उसने भी महसूस किया कि राहुल अब उसके बचपन वाला दोस्त नहीं रहा बल्कि वह काफी बदल चुका है।

वह रात को देर से घर आता और अब तो वह अवनी से ज्यादा बातें भी नहीं करता था इस बात से अवनी दुखी रहने लगी थी।

1 दिन अवनी कहती है- राहुल तुम्हारे अंदर बहुत बदलाव है, अब तो तुम मुझे देखते भी नहीं और मुझसे बातें भी नहीं करते हो।

राहुल-[ गुस्सा करते हुए] देखो अवनी मैं मानता हूं कि हम बचपन में अच्छे दोस्त थे लेकिन अब हम छोटे बच्चे नहीं हैं।

मैंने शादी तुमसे इसलिए की है क्योंकि मेरे पापा मम्मी को लगता है कि तुम घर संभालने के लिए परफेक्ट रहोगी लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अपनी आजादी तुम्हारे हाथों में दे दूं, यह तुम्हारी सबसे बड़ी गलतफहमी होगी।

अवनी- तुम मुझे गलत समझ रहे हो मैं तो यह जानना चाहती थी कि आखिर तुम यह कर क्यों रहे हो?

राहुल- तुम्हें यह सब जानने की जरूरत नहीं है बस अपने काम पर ही ध्यान लगाओ।

ऐसा बोलकर राहुल वहां से निकल जाता है और अवनी की आंखों में आंसू भर जाते हैं। अब तो अवनी की आदत हो चुकी है अपमान सहन करने की। ना चाहते हुए भी उसे राहुल का प्यार नहीं मिल पाता और अवनी दुखी रहने लगी जिसका असर उसकी तबीयत पर भी पड़ा लेकिन राहुल ने उस पर ध्यान ही नहीं दिया।

1 दिन राहुल के ऑफिस के कुछ दोस्त उसके घर में लंच के लिए आते हैं जिसमें अवनी तरह-तरह के पकवान बनाती है लेकिन राहुल उसे किचन से बाहर आने के लिए मना करता है और अपने दोस्तों को खाना परोस कर खुद खिलाने लग जाता है। ऐसा करने पर दोस्त कहते हैं

दोस्त- अरे क्या बात है भाभी जी कहां है?
राहुल- अरे यार उसकी तबीयत ठीक नहीं है। देखो खाना तो उसी ने बनाया है लेकिन अभी वह आराम कर रही है।
दोस्त- अरे कोई बात नहीं हम भाभी से बाद में मिलेंगे लेकिन उन्हें यह जरूर बता देना कि उनका बनाया खाना हमें बहुत पसंद आया

दोस्तों की ऐसी बातें सुनकर अवनी की आंखों में फिर से आंसू आ जाते हैं और अब वह और ज्यादा बेज्जती महसूस करने लगती है। वह हर कोशिश करती है जिससे राहुल उसे पसंद करने लगे लेकिन न जाने क्यों राहुल को उसमें कोई भी दिलचस्पी नहीं होती?

एक दिन सुबह राहुल सो कर उठता है, तो उसे कहीं भी अवनी नजर नहीं आती, लेकिन पास में ही उसे एक डायरी मिलती है जिसमें

अवनी के शब्दों में कुछ लाइन लिखी होती हैं-

‘’डियर राहुल मैंने तुमसे इसलिए शादी की थी क्योंकि मुझे ऐसा लगता था कि तुम भी मुझे पसंद करते हो। मैंने हर कोशिश की जिससे तुम खुश रहो और तुम्हारा पूरा ध्यान रख सकूं। लेकिन लगता है मुझे में ही कोई कमी है इस वजह से मैं कभी भी तुम्हारे करीब ना आ सकी।

शादी से लेकर अब तक मैंने अपने अंदर कई बदलाव किए जो तुम्हें पसंद आते लेकिन तुमने तो कभी ध्यान ही नहीं दिया। तुम्हें पता है मुझे चाय पीना बिल्कुल पसंद नहीं लेकिन इसीलिए चाय पीना शुरू कर दिया है क्योंकि तुम्हें चाय पीना पसंद है। मैं तुम्हारी हर पसंद को अपनाना चाहती थी लेकिन मेरा यहां रहना ठीक नहीं होगा।

अपना ख्याल रखना और हमेशा खुश रहना।’’

उस डायरी को पढ़कर पहली बार राहुल को यह एहसास हुआ कि आज तक उसने अवनी के साथ जैसा भी व्यवहार किया था वह सब गलत था। अवनी ने तो उससे ज्यादा कुछ मांगा भी नहीं है। अब राहुल जल्दी जल्दी तैयार होकर अवनी के घर पहुंच जाता है। जैसे ही अवनी दरवाजा खोलती है।

अवनी [आश्चर्य से]- तुम यहां?

राहुल- मैं तुम्हें लेने आया हूं।

अवनी [हंसते हुए] – क्या तुम मजाक कर रहे हो?

राहुल- नहीं अवनी तुम्हारे जाने के बाद मुझे तुम्हारी कमी महसूस हुई। जाने अनजाने मुझसे कई सारी गलतियां हुई हैं और अब मैं उन सारी गलतियों को सुधारना चाहता हूं, लेकिन पहले तुम्हें मेरे साथ चलना होगा।

राहुल की ऐसी बातें सुनकर अवनी मन ही मन मुस्कुराती है और राहुल के साथ चलने के लिए हामी भर देती है।

दोस्तों, कई बार हमारे साथ ऐसा होता है कि कोई खास हमारे आस-पास ही होता है लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं होता और हम उस खास इंसान का दिल दुखा बैठते हैं। इसीलिए हमेशा उस इंसान की कदर करो, जो आप की कदर करता हो।

राहुल और अवनी की कहानी हम सबको बहुत कुछ सिखाती है। इनसे हम बहुत सीख सकते है।

इससे कहानी से हम कुछ नोट्स ले सकते है।

1. इंसान का ऐसा फितरत है कि जो उसे आसानी से मिल जाता है, वो उसकी value नहीं करता है, हमारे दिमाग की कंडशनिंग ऐसे की गई है कि हमें अक्सर ऐसा लगता है कि जो हमारे पास है उसकी कोई value नहीं है, जो दूसरे के पास है उसकी बहुत value है। राहुल और अवनी के केस में भी कुछ ऐसा ही होता है।

2. इस कहानी से हम सबसे बड़ा रिलेशनशिप सीख सकते है, कभी किसी के पीछे एक तरफा नहीं भागना चाहिए। सिर्फ अपनी तरफ efforts नही करना चाहिए. सामने वाले को भी मौका देना चाहिए कि वो भी efforts दिखाए. वो भी चीजों को सीरियसली ले।

किसी के पीछे एक दम नहीं पड़ना चाहिए। किसी को अपनी value realise कराते कराते अगर आप थक गए सब कुछ try कर लिया है, बस अब बहुत हुआ। छोड़ दीजिए, कभी कभी किसी को पकड़े रहने से बेहतर होता है, उसे छोड़ देना।
छोड़ दीजिए।

3. किसी भी रिलेशनशिप में प्यार बहुत जरूरी होता है। प्यार ही किसी रिलेशनशिप की बुनियाद होती है, लेकिन प्यार से भी ऊपर होता है, अपना self respect. अपना self respect मत गंवाइए। माना प्यार रिश्तों का आधार है, तो self respect खुद की लाइफ का मूल तत्व है, self respect हमें self worth को बेहतर बनाता है।

इस कहानी में भी अवनी ने भी self respect को ऊपर रखा। उससे जितना कुछ बन सका, उसने वो सब try किया है, लेकिन एक हद के बाद उसने वो सब छोड़ दिया है, और चली जाती है। आखिर को राहुल को उसकी अहमियत पता ही चल जाता है।

4. रिश्तों में अपनी पसंद मायने रखती है, लेकिन कभी कभी ये बहुत जरूरी हो जाता है कि हम अपनी अपने पार्टनर के लिए थोड़ा सा एडजस्ट कर लें। ऐसा करने से self respect कम नहीं होता है। जबकि ये प्यार के आधार को काफी मजबूत कर देता है।

दो दो अलग अलग परिवेश में बड़े होने के कारण पसंद अलग हो जाता है। लेकिन इस बदलाव में भी एक हल्की सी लकीर है। आप खुद को बदलें, एक लिमिट में। खुद को इतना ना बदल लें कि खुद को ही खो दे, क्युकी प्यार खुद को खुद से मिलने का यात्रा है, ना कि खुद को खो देने का नाम है। अगर आप को लगे कि आप खुद को खो रहे है, तो बस रुक जाइए वो इससे ज्यादा खुद को बदलने की कोई जरूरत नहीं है, आगे बढ़े।

5. समय रहते अपनी गलती स्वीकार करना भी ये कहानी हमको सिखाती है। राहुल से गलती ही रही थी, उसने अपनी गलती पहचान लिया और जल्दी से अवनी से sorry बोला, अवनी को उसके हिस्से का प्यार दिया।

आशा करते है कि इस छोटी सी कहानी से आपको थोड़ा सा ही सीखने को जरूर मिला होगा।

कहानी पसंद आने पर लाइक, कमेंट और शेयर करना ना भूले।

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