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स्मार्टफोन की लत (Mobile Addiction) से पाएं छुटकारा

Effective ways to get rid of smartphones addiction

मोबाइल की लत दूर करने के उपाय, How to get rid of mobile addiction while studying

अगर इस समय की बात की जाए और आप से एक सवाल पूछा जाए कि आप इस दुनिया में सबसे ज्यादा किससे जुड़े? वो कौन है, जिसके बिना आपका नींद, चैन, सुबह, रात, यहां तक जिंदगी तक भी रुकी रुकी लगती है?

अगर एक दिन भी आपको उससे दूर कर दिया जाए, तो लगता है कि ऑक्सीजन की थोड़ी सी कमी हो गई हो 😂

ये कुछ और नहीं, बस ये है हमारे आपका स्मार्टफोन, जो इस समय भी हमारे हाथ में हैं। आज के दौर में मोबाइल ने लोगों के आम जिंदगी में इतना दखल दे दिया है कि मोबाइल के बिना सांस लेना भी कठिन हो गया है। आज के youngsters mobile में इतना घुसे रहते है कि मोबाइल को वह अपने साथ washroom तक लेकर जाते है।

इन सब को देखते हुए कई सारे researchers का कहना है कि एक नए तरह का addiction सामने आया है। ये नया addiction MOBILE ADDICTION

पहले लोग तम्बाकू, दारू और सिगरेट का addicted होते थे और अब लोग WhatsApp, Facebook आदि के addicted हो रहे है।

Mobile addiction आज के समय में एक नए तरह के चैलेंज के रूप में सामने आया है. इस seriously से लेना पड़ेगा। Mobile addiction के लिए एक ख़ास बात ये है कि लोग अब तक इसे एडिक्शन के रूप में देखना शुरू नहीं किए है। लेकिन समय रहते इससे चेतना बहुत जरूरी है।

Mobile Addiction के bad effects

1. Kill time

मोबाइल हमारे कई तरह के काम के लिए टाइम बचाने का काम करता है। पहले जिस संदेश को भेजने के लिए हमें डाक का सहारा लेना पड़ता था, और एक पत्र का एक जगह से दूसरे जगह तक जाने में बहुत लंबा समय लग जाता था, और उधर से जवाब आने में तो महीनों लग जाता था।

अब mobile revolution के चलते अब सेकंड्स में मैसेज send होता है, और उधर से reply तक आ जाता है। ये सब मोबाइल के कारण से इतना सरल हो पाया है। लेकिन फिर भी मोबाइल लोगों का जिंदगी खा रहा है।

आज किसी से फोन पर बात करने के बाद जब WhatsApp पर स्टेटस लगाने और दूसरे का स्टेटस देखने का जो दौर शुरू हुआ है, इससे लोगों का समय बर्बाद होता है। जिन सारे सोशल प्लेटफॉर्म्स का इजाद लोगों को जोड़ने के हुआ था, आज उन सब का इस्तेमाल उस पर लोग शॉर्ट्स वीडियो देखते है।

और इतने इतने उसमें खो जा रहे है कि उनको पता तक नहीं चलता है कि कब 3-5 घंटा बीत जाता है। जिन स्टूडेंट्स को अपना एग्जाम की तैयारी करनी चाहिए, वो सब मोबाइल addicted हुए बैठे है।

2. नींद में अनियमितताएं

सोने का अपना अलग नियम है। नींद हमारे स्वस्थ जिंदगी के लिए बहुत जरूरी है। नींद हमारे जीवन का एक parts है लेकिन अब नींद में डाका पड़ गया।

बड़ी बड़ी कंपनियां जैसे FreeFire, PubG, Netflix ECT इनका algorithm ऐसा है कि लोग कम से कम सोए और ज्यादा से ज्यादा इनके प्लेटफॉर्म पर एक्टिव रहें।

Netflix के CEO REED Hastings ने कहा भी था कि SLEEP IS OUR COMPETITION.

आज के समय में ज्यादातर लोग सोने जाते है, तो वो मोबाइल को अपने साथ ही लेकर जाते है, और कितने ऐसे भी लोग है, जिनको बिना मोबाइल का नींद तक नहीं आता है।

और सुबह से उठते ही समय पहले आज कल के लोग अपना फोन ही चेक करते है। कभी आलम ऐसा होता है कि लोग सोए हुए भी अपना फोन खोजते है और sleep cycle पूरा भी नहीं होता है और बीच में नींद टूट जाता है।

मोबाइल फोन से नींद में अनियमितता बढ़ती जा रही है।

3. चिड़चिड़ापन

ये तो आज आम बीमारी ही बन गई है। लोग छोटे छोटे बात पर आज कल irritate हो जाते है। लॉगिन में सब्र की कमी देखने को मिल रही है। किसी को इंतेज़ार करना पसंद नहीं है। मोबाइल दिमाग की कंडीशनिंग ऐसे कर दिया है कि हर चीज हमको तुरंत चाहिए। वह भी सेकंड्स में। किसी भी चीज के लिए रुकना ये संभव ही नहीं।

चिड़चिड़ापन बढ़ने का कारण है, नींद पूरा ना होना।

मोबाइल की वजह से sleep cycle बिगड़ जाता है। जिसकी वजह से दिमाग पूरी तरह से आराम नहीं कर पाता है, इस वजह से आज कल चिड़चिड़ापन ज्यादा देखने को मिल रहा है।

4. EYE PROBLEM

फोन ज्यादा use करने से आंख को सबसे ज्यादा नुकसान पड़ता है। मोबाइल से निकलने वाली blue light से eye problem होती रहती है। इस light का इंसानों के आंखों में बहुत बुरा प्रभाव देखने को मिलता है, इससे देखने की क्षमता तक भी का सकती है।

आंख हमारी पांचों ज्ञानेंद्रियां में सबसे नाजुक और सुखवार अंग है। इसको बचाना और इसका ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है।

मोबाइल के रेडियेशन से आंखें बहुत तरीके से प्रभावित होती है।
Screen पर ज्यादा समय बिताने से समय बीतने के साथ eye problem भी देखने को मिल सकते है।

5. दुर्घटना की संभावना

मोबाइल की वजह से आज बहुत सारी दुर्घटना हो रही है। कई बार लोग फोन पर बात करते हुए सड़क क्रॉस कर रहे होते है और उनको दिखाई भी नहीं देता है कोई आने वाली गाड़ी का शिकार बन जाते है और अपने जान से हाथ धो बैठते है। इससे बचना बहुत जरूरी है। ये हमारे bad habbits का नतीजा है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए।

Mobile addiction से बचने के उपाय

1. काम करते समय मोबाइल बन्द रखिए

ज्यादातर लोगों की यह आदत होती है कि वह खाना खाते समय भी मोबाइल में डूबे रहते है। उनका ध्यान खाना पर कम मोबाइल स्क्रीन पर ज्यादा रहता है। इस से खाना भी वह अच्छा से नहीं खा पाते है।

आज कल के यूथ मोबाइल के इतने ज्यादा addicted हो गए है कि वाशरूम जाते समय भी मोबाइल को अपने साथ लेकर जाते है। वह वहां पर भी reels और शॉर्ट्स देखते रहते है। यह एक गंभीर समस्या है। इससे जितना जल्दी समाधान पा लें, उतना ही बढ़िया है।

इसलिए जिस टाइम पर जरूरी हो, उस टाइम पर फोन इस्तेमाल करें। इस तरह से आप mindfulness को भी फॉलो कर सकते है।

2.अपने लक्ष्य पर काम करें।

मोबाइल addicted ज्यादातर वैसे बच्चे है, जो अपने लाइफ को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं है। यहां तक उनका लक्ष्य भी निर्धारित नहीं होता है। इस माइंड में लक्ष्य स्पष्ट नहीं होने के कारण वह अपने बहुमूल्य समय को यूं बर्बाद कर रहे है। अगर आप parents है, और यह आर्टिकल पढ़ रहे है, तो आप अपने बच्चे के साथ उनके भाषा में बात कीजिए।

उनके साथ दोस्त के जैसा पेश आइए।
उनसे पूछिए, उनका विचार क्या है? उनको अचानक से ज्ञान की बात मत कीजिए। धीरे धीरे उनको दिमाग में अच्छी बातें डालनी शुरू कीजिए और समझाइए कि लाइफ अनमोल है।

समय बहुमूल्य है। उनको बताइए कि लाइफ में सफल होना और कुछ कर गुजरना बहुत जरूरी है।
धीरे धीरे उसके दिमाग में ये बातें बैठ जाएगा।

अगर आप स्टूडेंट्स है, और यह आर्टिकल पढ़ रहे है, तो “बाबू, तुमसे एक ही बात कहूंगा, फोन पर ज्यादा टाइम मत बिताओ

पहले कहते थे किसी को बर्बाद करना हो, तो उसे शराब का नशा लगा दो और अब कहा जात हैं किसी को बर्बाद करना हो, तो उसे मोबाइल फोन और महीने का डाटा प्लान दे दो।

मोबाइल का इस्तेमाल अल्कोहल जितना ही खतरनाक है।

आप मोबाइल का इस्तेमाल कीजिए, लेकिन अपने काम के लिए कीजिए। पढ़ने के लिए कीजिए। उसके बाद रख दीजिए। और मूड refresh करना हो, तो फोन नहीं, बाहर घूम लीजिए। मम्मी पापा से बात कीजिए।

3. मोबाइल का इस्तेमाल creativity boost करने में करें

मोबाइल फोन के कई सारे नुकसान होने के बावजूद भी आज के जमाने में मोबाइल का बहुत सारे सकारात्मक इस्तेमाल भी है। कहा भी जाता है कि सारी दुनिया आज फोन में ही समाई हुई है। इस फोन में मदद आप अपनी क्रिएटिविटी भी boost कर सकते है।

आप अगर अच्छा लिखते है, तो आप अपना आर्टिकल फोन में टाइप कर सकते है। अपना खुद का ब्लॉग स्टार्ट कर सकते है। फ्रीलांसिंग भी कर सकते है।

पोस्ट लिख सकते है। इसके अलावा आप अच्छा editing करते है, तो भी आप मोबाइल का इस्तेमाल कर सकते है।

आप फोटोग्राफी में अच्छे है, तो कई सारे tools मिल जाएंगे, कई free tutorial मिल जाएंगे। जहां से आप सीख सकते है। और अपना काम कर सकते है।

मोबाइल का इस्तेमाल कीजिए, लेकिन मोबाइल द्वारा खुद इस्तेमाल मत होइए।
मोबाइल का लत मत लगाइए।

इसके अलावा आप अच्छे कंटेंट कंज्यूम कीजिए, अच्छे पॉडकास्ट सुनिए, उनका नोट बनाईए और अपने जीवन में उनको apply कीजिए। Corsera, udemy, skillshare जैसे प्लेटफॉर्म से आप जो सीखना चाहते है, उन सबको अच्छे एक्सपर्ट्स से सीख सकते है।उसको अपने काम में लगाएं।

और कई तरीके से मोबाइल का सही इस्तेमाल कर के productivity को boost किया जा सकता है।

मोबाइल ज़िन्दगी बदल सकता है, अगर आप मोबाइल का सही इस्तेमाल करते है।

FINAL WORD

मोबाइल फोन टेक्नोलॉजी की देन है। और technology को मानवता के भलाई के लिए बनाया गया है। लेकिन आगे चल कर कई लोग उसका इस्तेमाल अपने लालच, मुनाफे में करने लगते है।

इस लालच के चलते कई सारे लोगों की ज़िंदगी बर्बाद होने लगती है। आज भी यही हुआ मोबाइल के साथ।

मोबाइल का काम इंसान का टाइम बचाने और चीजों को आसान और सुलभ बनाने के लिए किया गया था। लेकिन बीतते समय के साथ कई सारी Tech कम्पनियों ने इसका इस्तेमाल लोगों का attention खींचने में करने लगे।

हर tech कम्पनियां यही चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनका प्लेटफार्म में एक्टिव रहे । इस आपसी प्रतिस्पर्धा के करना वह आकर्षक चीजें दिखा कर mind hack करने लगे। लोगों की डाटा का इस्तेमाल कर के किसी के दिमाग में क्या चला रहा है. यह जानने लगे। हर users को अपने प्लेटफॉर्म का लत कैसे लगे, इस पर वो ध्यान देने लगे।

इस टॉपिक पर बनी डाक्यूमेंट्री the social dilemma आप देख सकते है। जो एक्सपर्ट्स के विचारों को रखा गया है।
इसके अलावा इस गंभीर समस्या पर संदीप सर ने भी The web caught नाम की सीरीज बनाई है, उसको भी आप देख सकते है।

इस समय मोबाइल के बिना जीवन संभव नहीं है, लेकिन उसके बाहरी की खूबसूरत दुनिया भी आपका इंतजार कर रही है। उसका भी आंनद लीजिए।

Addiction का मतलब क्या होता है? जिसकी जितनी जरूरत है, उसको उतना इस्तेमाल करना। सिर्फ मोबाइल ही नहीं आप किसी भी वस्तु का आवश्यक्ता से अधिक इस्तेमाल करेंगे, तो नुकसान पहुंचाने लगती है।

Let’s enjoy your life

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