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जीवन में Motivation क्यों जरुरी है?

Be motivated Be Successful

किसी भी सफल व्यक्ति के जीवन की गहरी पड़ताल करने पर हमें मालूम होता है कि उसने यह सफलता किसी न किसी अन्य सफल व्यक्ति से प्रेरणा लेकर ही हासिल की है।

इसीलिए कहा जाता है कि मोटिवेशन या प्रेरणा लेना इसी तरह जरूरी है जैसे गाड़ी के लिए पेट्रोल!

आप मोटिवेशन के बिना जीवन में सफलता के मार्ग पर बहुत ज्यादा देर तक टिक नहीं सकते और अपनी मंजिल से करीब पहुंचकर कहीं इधर उधर भटक जाते हैं। वैसे तो सफलता के लिए कोई एक खास कारण नहीं होता बल्कि इसके अनेकों कारण गिनाए जाते हैं, लेकिन इनमें से एक मोटिवेशन भी शुमार किया जाता है।

क्योंकि बिना प्रेरणा लिए अपने जीवन में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहना खासा मुश्किल हो जाता है। अगर आप अपने जीवन में बिना कोई लक्ष्य निर्धारित किए आगे बढ़ रहे हैं तो आपकी जिन्दगी बेमतलब सी लग सकती है लेकिन अगर आपने उसी समय सोच विचार कर जीवन का एक मकसद चुन लिया और उस पर गतिशील होकर तेज कदमों के साथ चलने लगें तो सफल व्यक्तियों के अनुभव के अनुसार आप अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं और आपको बीच रास्ते की कठिनाइयां काफी हद तक आसान नज़र आने लगेंगी।

आइए! जानते हैं कि किस तरह अपने जीवन में मोटीवेशन के जरिए आप खुद को हर्षोल्लास और उमंग से भर सकते हैं

प्रेरणा लेकर बनते हैं बिगड़े काम

जिंदगी में जब हम किसी सफल व्यक्ति से प्रेरणा लेते हैं तो इसका मतलब यह हुआ कि हम उसकी कार्यशैली और विशेषताओं से हृदय तल से प्रभावित हैं और उसी के समान बनने की अपने दिल में चाहत भी रखते हैं।

प्रेरणा लेने के तरीकों पर गौर करना सबसे जरूरी होता है क्योंकि मोटिवेशन से हमें अपने व्यवहार को बदलने, अपनी महारत को बढ़ाने, रचनात्मक बनने, लक्ष्य को निर्धारित करने अपनी दिलचस्पी को बढ़ाने और योजना बनाने के साथ अपनी प्रतिभा को विकसित करने में मदद मिलती है।

प्रेरणा लेने से बिगड़े काम भी संवर जाते हैं। मोटीवेशन से हमारे शरीर में कुछ ऐसी सकारात्मक ऊर्जा और विचारों की उत्पत्ति होती है जो अपनी मंजिल के रास्तों को तय करने के दौरान हमें साहस और आत्मविश्वास से ओत प्रोत रखती है।

इस प्रकार हमें हौसले और आत्मविश्वास के चलते टेढ़े काम या कठिन मार्ग भी आसान प्रतीत होने लगते हैं।

जीवन का एक लक्ष्य बनाकर उसे पाने के लिए डट जाएं

हमने ऊपर बता दिया है कि लक्ष्य के बिना किसी भी शख्स की जिन्दगी फिजूल सी लगती है। जब तक आपने लक्ष्य निर्धारित नहीं किया तो मान लीजिए कि जीवन की कोई सही दिशा आपने अब तक नहीं चुनी।

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो मन में यह विचार भी रखते हैं कि ज़िन्दगी जैसे चल रही है, चलने दो, आगे भविष्य में जो होगा देख लिया जाएगा। ऐसे लोग वास्तव में अपनी जिन्दगी से खिलवाड़ कर अपने लिए खुद असफलता की राह बना रहे होते हैं।

इसे साहस और चतुराई का नाम बिल्कुल नहीं दिया जा सकता बल्कि इसे एक प्रकार की बुजदिली या दुस्साहस करार दिया जाए तो कुछ भी बेजा न होगा। जब आप अपने जीवन का एक मनपसंद टारगेट चुनते हैं तो उस टारगेट को हासिल करने के लिए आपका मन बेचैन रहा करता है।

आप जीवन के उस मुकाम तक पहुंचने की चाहत रखते हैं। आप उसी टारगेट की नींद सोते और दिन में भी उसी सपने को साकार करने की कोशिश करते हैं। इस तरह आपके भीतर एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार होता रहता है जो अपने लक्ष्य की ओर तेज कदमों से चलने में आपकी भरपूर मदद करता है।

इसलिए अगर आपने अगर अब भी जीवन में कोई लक्ष्य या टारगेट नहीं चुना है तो अभी इसी वक्त उसे निर्धारित कर जी जान से उसे पाने की कोशिश में रहिए।

तारीफ से भी मिलता है मोटीवेशन

इंसानी प्रवृत्ति है कि जब वह अपनी तारीफ सुनता है तो अंदर से फूले नहीं समाता। लोगों के जरिए अपने प्रति सकारात्मक बातों और विचारों पर वह उसी रास्ते पर चलते रहने की कोशिश करता है जिस पर चलकर उसमें लोगों के बीच उपलब्धि और सम्मान हासिल किया है।

जब भी आप कोई काम करते हैं और उस काम पर लोग आपकी तारीफ कर देते हैं तो इससे आपके आत्मविश्वास में इजाफा होता है और आप उस काम को और अधिक मेहनत और लगन के साथ अंजाम देकर उसे नई बुलंदियों पर ले जाते हैं।

इसलिए जब भी कोई काम करें तो उसमें मन लगाकर अपना पूरा समय दें ताकि लोग ताकि वह काम लोगों को पसंद आए और वह आपके प्रति सकारात्मक विचार रखते हुए आपकी तारीफ करें क्योंकि तारीफों से भी आदमी अंदर से प्रेरित होता है और उस काम को करते रहने की ओर आकर्षित होता है।

इस तरह उस काम में उसका मन भी लगता है और जिस काम में इंसान का मन लग जाए तो उस काम में कामयाबी के चांसेस और संयोग भी आप बढ़ जाते हैं।

इसके विपरीत कोई ऐसा काम ना करें जिससे लोग आपको ना पसंद करें और आपकी शिकायत करें क्योंकि जब आप शिकायत सुनते हैं तो मानव प्रवृत्ति के ऐतबार से आपके हौसले और आत्मविश्वास को जबरदस्त ठेस पहुंचती है और फिर दोबारा उस काम में आपका दिल भी नहीं लगता। इस तरह आप भी डीमोटिवेट होकर उस काम में बुरी तरह असफल हो सकते हैं और चिन्ता और निराशा के गहरे खड्ड में उतर सकते हैं।

छात्रों के लिए भी बेहद जरूरी है मोटीवेशन

हम जब अपने स्कूल या कॉलेज के दिनों में होते हैं तो उस समय अपने कैरियर और भविष्य की चिंता हमें सबसे ज्यादा होती है। कुछ लोग इस चिंता को सकारात्मक रूप से इस्तेमाल में लाकर अपनी मंजिल तक पहुंच जाते हैं और कुछ लोग दुविधा का शिकार होकर इधर-उधर भटकते ही रह जाते हैं।

ऐसे में जीवन में एक ऐसा गाइड होना आपके लिए बेहद जरूरी है जो अपने मार्गदर्शन से आपको मोटिवेट या प्रेरित करता रहे। छात्र जीवन में एक अनुभवी गाइड की मौजूदगी में आप अपने टारगेट और रास्ते से भटकते नहीं हैं और जब कभी आप यह महसूस करते हैं कि अब आपके कदम उस रास्ते पर लड़खड़ाने लगे हैं तो वह गाइड आपको हाथ पकड़ कर मंजिल की ओर बढ़ाता है।

मतलब ये कि जीवन की हरेक राह पर एक गाइड का होना बहुत जरूरी है जो आपको जिंदगी के तंग रास्तों के चौड़ीकरण में आपकी भरपूर मदद करता रहे।

इसके अलावा जो भी छात्र किसी गुरु या मार्गदर्शक को चुनकर उसके बताए हुए रास्तों पर चलते हैं तो देखा जाता है कि ऐसे छात्र अपने जीवन में कुछ नया सीखने और कर गुजरने में दूसरे छात्रों के मुकाबले कुछ ज्यादा ही प्रभावशाली होते है।

इस तरह वे डीप लर्निंग के चरण तक पहुंच जाते हैं और अपनी योग्यताओं को काम में लाकर राष्ट्र और समाज के हित में किसी बहुमूल्य रत्न का रूप धारण कर लेते हैं। किसी ट्रेनर या गाइड की मौजूदगी में सफलता एवं सम्मान उनके भाग्य का हिस्सा बन जाती है।

यह सब कुछ वे तभी कर पाते हैं जब वे दूसरे लोगों के अनुभवों से मोटिवेट होकर उनके बताए हुए रास्तों पर चलते हैं। मोटिवेटेड छात्र के भीतर आत्मविश्वास, कुछ नया सीखने की क्षमता, डीप लर्निंग और परीक्षाओं में अच्छे अंकों की प्राप्ति के गुण दूसरे छात्रों के मुकाबले अत्यधिक होते हैं।

अपनी इन्हीं योग्यताओं को उपयोग में लाकर मोटिवेटेड छात्र भविष्य में कोई ऐसी उपलब्धि हासिल कर लेते हैं जो उनके करीबी लोगों के वहमो गुमान में भी नहीं होती क्योंकि मोटिवेशन के जरिए उन्होंने कुछ ऐसी ऊर्जा और आत्मविश्वास प्राप्त कर लिया होता है जिसकी सहायता से वह कठिन से कठिन परीक्षाओं में भी अपने अदम्य साहस और निडरता के चलते कामयाब हो जाते हैं।

जबकि डिमोटिवेटेड छात्र अभी कदम बढ़ाते भी नहीं कि मंज़िल के रास्तों पर बढ़ने से पहले ही उसके नतीजों को सोचकर सहम जाते हैं। इस तरह वह अपने जीवन में रिस्क लेने का हुनर भी नहीं सीख पाते और अपनी पहले वाली हालत पर ही बरकरार रह जाते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है सकारात्मक असर

इंसान के लिए उसका दिमाग सबसे कीमती तोहफा है। अगर दिमाग न रहे तो इंसान की कोई हैसियत और औकात नहीं रहती और लोग उसे पागल या दीवाना करार देते हैं।

जिस शख्स का जितना ताकतवर दिमाग होगा, लोग उससे उतना ही प्रेरित और प्रभावित रहा करते हैं। इसलिए दिमाग और उसके स्वास्थ्य के प्रति गंभीर रहना चतुर लोगों की आदत होती है।

लेकिन ये दिमाग बढ़ता कैसे है? इसके लिए आपको केवल अध्ययन ही नहीं बल्कि मोटीवेशन की भी आवश्यकता होती है।

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार जब आप किसी काम को प्रेरणा (Motivation) लेकर अंजाम देते हैं तो इसका सीधा असर आपके दिमाग पर पड़ता है। वह दोगुणा तेजी और क्रियाशीलता के साथ काम करने लगता है।

जब इंसान का दिमाग स्वस्थ रहता है तो जाहिर है उसके मन या बुद्धि में भी अच्छे और सकारात्मक विचार गर्दिश करेंगे जिससे वह भीतर से भी प्रेरित होता रहया है जिसे मनोविज्ञान की भाषा में भीतरी प्रेरणा (Inner Motivation) के नाम से भी पुकारा जाता है।

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