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The Power of your Subconscious Mind (पुस्तक सारांश)

Untapped potential of our subconscious mind

हम इंसान खजाने की तलाश करते रहते हैं जबकि असली खजाना तो हमारे अंदर ही छुपा हुआ है वह है हमारा सबकॉन्शियस माइंड (Subconscious Mind)

अगर आप अभी गरीब अनसक्सेसफुल अकेले और नाखुश हैं तो यह बुक आपकी मदद कर सकती है अपने उस Potential (स्थितिज ऊर्जा) को प्राप्त करने में जिसके बारे में शायद आपने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा।

“द लॉ ऑफ अट्रैक्शन” के बारे में आपने पहले सुना ही होगा जिसके अनुसार आप जो चाहते हैं वह आपको मिल जाता है। अगर आप पैसा चाहते हैं तो आपको पैसा मिल जाता है अगर आप एक अच्छी बॉडी चाहते हैं तो आपको एक बॉडी मिल जाती है।

लेकिन सोचने वाली बात तो यह है कि आखिर यह होता कैसे हैं? इस सवाल का जवाब बहुत ही सिंपल है और जवाब है हमारा सबकॉन्शियस माइंड। हमारा सबकॉन्शियस माइंड हमें वो सारी चीजें देता है जो हम उससे चाहते हैं।

यह किताब (The Power of your Subconscious Mind), जिसके Author (लेखक) Joseph Murphy हैं हर उस इंसान को पढ़नी चाहिए जो अपनी जिंदगी से बहुत दुखी है जो बहुत गरीब है और सक्सेसफुल बनना चाहता है। यह किताब उन लोगों के लिए भी है जो अपने दिमाग के अनसुलझे रहस्य को सुलझाना चाहता हैं। जोसेफ मर्फी की बुक द पावर ऑफ सबकॉन्शियस माइंड में आपको दिमाग की ऐसी ऐसी चीजों के बारे में जानने को मिलेगा जिसके बारे में शायद आपने पहले कभी सुना भी ना हो।

Introduction : The power of subconscious mind

ये किताब उन लोगों के लिए लिखी गई है जो अपने दिमाग पर भरोसा नहीं करते हैं। यह किताब हमारे दिमाग के जादुई ताकत को हमें बताने के लिए लिखा गया है। इस किताब का मकसद आपको दिमाग के काम करने के तरीके के बारे में बताया गया हैं ताकि आप उन तरीके को अपने अकॉर्डिंग यूज़ करके उससे फायदा ले सके।

हमारे दिमाग की पावर को बताने के लिए Author एक बहुत ही अच्छा Incident (घटना) शेयर करते हैं। वह कहते हैं कि एक बार एक 75 साल की औरत ने उन्हें खत लिखा और कहा कि वह फिर से शादी करना चाहती और खुश रहना चाहती हैं तब लेखक ने उनसे कहा कि आप खुद को ऐसा एहसास दिलाएं कि आप एक शादीशुदा औरत है और खुद को खुश रखिए।

लेखक के कहने पर 75 साल की बूढ़ी औरत ने ठीक वैसा ही किया। कुछ समय बाद उस औरत की मुलाकात एक फार्म के ओनर से हुई। जिससे उन्हें प्यार हो गया और अब वह एक दूसरे के साथ शादी करके खुश हैं।

ऑथर कहते हैं कि जब आप किसी टेस्ट से पहले खुद को बार-बार की याद दिलाते हैं कि आप टेस्ट में फेल हो जाएंगे तो काफी मेहनत करने के बाद भी आप उस टेस्ट में फेल हो जाते हैं चाहे आपने कितना भी पढ़ाई क्यों न किया हो।

यही वजह है कि आपको कभी भी अपने दिमाग में नेगेटिव विचारों को नहीं कहना चाहिए हमेशा खुद को अच्छी बातें कहिए क्योंकि अगर आप अपने आप को नेगेटिव और गलत बातें बोलेंगे तो आपका दिमाग उन्हीं बातों को Accept (स्वीकार) कर लेगा जिसके वजह से ना चाहते हुए भी आपके साथ से बुरा ही होगा।

लेकिन वही अगर आप अपने आप से अच्छी बातें करते हैं जैसे आप यह कहते हैं कि हां मैंने पढ़ाई तो ज्यादा नहीं किया लेकिन मेरा टेस्ट बहुत अच्छा जाएगा क्योंकि मुझे खुद पर बहुत विश्वास है तो बहुत ज्यादा चांस है कि आपका वो टेस्ट अच्छा जाए। इस तरह से हमेशा अपने आप से पॉजिटिव बातें कीजिए।

How your brain works ? – आपका दिमाग कैसे काम करता है?

एक औरत की उम्र बहुत ज्यादा हो चुकी थी उसे यह विश्वास हो गया था कि उसकी याददाश्त अब जाने वाली है लेकिन उसने बार-बार खुद को यह एहसास दिलाया कि उसकी याददाश्त नहीं जाएगी यहां तक कि उसने खुद को यह तक एहसास दिलाया कि दिन पर दिन उसकी याददाश्त बढ़ती जा रही हैं।

और उसे सारी चीजें ठीक से याद रहती हैं। उस औरत के ऐसा कहने पर उसका यह विश्वास पक्का हो गया और वही हुआ जैसा उसने कहा था उसकी याददाश्त नहीं गई क्योंकि हमारा कॉन्शियस माइंड और हमारा अनकॉन्शियस माइंड दोनों अलग-अलग है।

लेकिन फिर भी दोनों साथ में काम करते हैं जो बातें हम अपने आप से बार-बार अनकॉन्शियस माइंड में कहते हैं वह बात अनकॉन्शियस माइंड से कॉन्शियस माइंड में चला जाता है जिससे कॉन्शियस माइंड हमारी बातों पर काम करना शुरू कर देता है। अनकॉन्शियस माइंड को ही सबकॉन्शियस माइंड भी कहते हैं।

शायद आप सोच रहे हो कि यह कॉन्शियस माइंड और अनकॉन्शियस माइंड क्या है? इसका जवाब है कॉन्शियस माइंड वह माइंड है जो सोच विचार कर चीजों को करता है मतलब जो सोचता है लेकिन अनकॉन्शियस माइंड वो माइंड है जो ज्यादा सोचता नहीं है लेकिन इसमें बातें इकट्ठा रहती हैं यहां तक कि इसमें वह बातें भी स्टोर रहती है जिसके बारे में आप ध्यान से कभी सोचते भी नहीं है।

Subconscious mind के काम करने का तरीका

जब एनेस्थीसिया (संवेदना में कमी, बेहोशी का इंजेक्शन) का आविष्कार नहीं हुआ था तब डॉक्टर जेम्स जो कि स्कॉच सर्जन थे उन्होंने 400 ऑपरेशन किए थे। अगर उस समय पेशेंट (मरीज) को बेहोश करने का एनेस्थीसिया बना ही नहीं था तब डॉक्टर जेम्स ने ऐसा कैसे किया?

डॉक्टर जेम्स अपने मरीजों को मेंटल एनेस्थीसिया देते थे मतलब वह अपने मरीजों को यह यकीन दिला देते थे कि ऑपरेशन करने पर उन्हें ना तो कोई दर्द होगा और ना ही उन्हें किसी भी तरह का इन्फेक्शन होगा।

डॉक्टर के मरीज उन पर विश्वास कर लेते थे जिसकी वजह से उन्हें ऑपरेशन के समय किसी भी तरह का दर्द महसूस नहीं होता था और डॉक्टर जेम्स द्वारा किए गए ऑपरेशन भी सक्सेसफुल होते थे।

अपने मरीजों को मेंटल Anesthesia देने के लिए डॉक्टर जेम्स उनके कानों में कहते थे कि तुम्हें कुछ नहीं होगा तुम ठीक हो जाओगे और यह लाइन एक हिप्नोसिस(सम्मोहन) की तरह काम करती थी जिसकी वजह से लोग इस पर पूरी तरह विश्वास कर लेते थे। क्योंकि डॉक्टर के द्वारा कही गई बात उनके सबकॉन्शियस माइंड में जाकर बैठ जाती थी।

शायद आपको यकीन ना हो लेकिन आपका सबकॉन्शियस माइंड आपकी हर चीज को कंट्रोल करता है। आपका सबकॉन्शियस माइंड आपके खून के बहाव से लेकर आपकी सोच तक को कंट्रोल करता है। अगर आप नेगेटिव बातें सोचते हैं तो आपके दिमाग में नेगेटिव चीजें आनी शुरू हो जाते हैं।

जिससे आपकी हेल्थ पर बुरा असर होने लगता है इसलिए जरूरी है कि आप अपने दिमाग से बुरे ख्यालों को निकाल दे वरना आपको हार्ट प्रॉब्लम, मेंटल इलनेस और एंजाइटी जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

आपका दिमाग एक छोटे से पौधे जैसा है अगर आप इसे सही से रखेंगे तो यह अच्छे अच्छे फूल पैदा करेगा लेकिन अगर आप इस पर ध्यान नहीं देंगे और इसे हमेशा बुरा भला बोलते रहेंगे तो यह पौधा सूख जाएगा।

जब आप अपने दिमाग को कुछ कहते हैं तो आपका दिमाग आपकी बातों को एक्शन में बदल देता है इसीलिए अपने आपको बुरी बातें बोलने से तो अच्छा है कि आप खुद को अच्छी बातें कहिए जैसे आप अपने किसी गोल के बारे में अपने दिमाग को बता सकते हैं।

और जब आप अपने दिमाग को अपने गोल्स याद दिलाएंगे तब आपका दिमाग उनको उसको पूरा करने के लिए एक्शन लेना शुरु कर देगा इस तरह आप अपने दिमाग को सही तरह से यूज करके अपने हर लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं।

Mental healing के नए और पुराने तरीके

यह किस्सा 1910 का एक बहुत ही पॉपुलर किस्सा है। एक आदमी को Tongue paralysis हुआ था। मतलब कि उस आदमी की जुबान पर लकवा मार गया था। जब वह आदमी एक डॉक्टर के पास गया तब डॉक्टर ने आदमी के मुंह में थर्मामीटर रखा।

और उनसे कहा कि यह एक बिल्कुल नई इंस्ट्रूमेंट है। इस इंस्ट्रूमेंट को आपके जीभ पर रखने पर आपका लकवा ठीक हो जाएगा और कुछ समय बाद उसकी जीभ ठीक भी हो गई। मतलब कि वह आदमी जिसके जुबान पर लकवा मारा था अब वह अपनी जुबान को हिला पा रहा था और यह भी सब सबकॉन्शियस माइंड के हिप्नोसिस के वजह से ही हो पाया था।

अगर लोग आपको यह दिखाते हैं कि उन्हें कोई बहुत ही गंभीर बीमारी है तो कुछ समय बाद उन्हें सच में वह बीमारी हो जाती है और वही अगर कोई व्यक्ति जिसे बहुत ही गंभीर बीमारी है लेकिन वह दिखाता है कि वह स्वस्थ है और उसकी बीमारी ठीक हो गई है तो उसकी बीमारी सच में ठीक हो जाती है यह सब सुनने में बहुत जादुई लगता है लेकिन ऐसा सच में होता है।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जिस तरह का यकीन हम अपने सबकॉन्शियस माइंड को दिलाते हैं वह उन्हीं बातों को स्वीकार कर लेता है। जिसकी वजह से हमारी सोच ही या फिर कही गई बातें सच हो जाती है।

सबकॉन्शियस माइंड के पावर को समझने के बाद भी बहुत से लोग इसका सही इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। क्यों? क्योंकि उन्हें यह समझ नहीं आता कि अपने दिमाग की इस ताकत को असल जिंदगी में कैसे उतारा जाए।

लेखक कहते हैं कि अपने दिमाग की ताकत को अपनी जिंदगी में उतारने से पहले आपको यह समझना होगा कि आप किस चीज से हील(प्रभावित) होते हैं मतलब ऐसी कौन सी चीज है जो आपको ज्यादा इफेक्ट करती हैं।

अपने दिमाग की पावर को आजमाने के लिए आप अपने दिमाग में एक आइडिया सोचे फिर उस आइडिया को पूरा करने के लिए प्लान बनाएं और ऑप्शन डिसाइड कीजिए फिर धीरे-धीरे देखें आपका दिमाग आपको कहां ले जाता है।

लेकिन इस बीच अपने दिमाग में एक भी बुरे ख्याल आने ना दें क्योंकि ऐसा करना आपकी सारी मेहनत को बेकार कर देगा। आखिर में लेकिन सबसे जरूरी चीज प्रार्थना कीजिए और अपनी प्रार्थना के ऊपर विश्वास कीजिए।

Mental Healing की प्रैक्टिकल टेक्निक

हमारी दुआ सही समय पर सुनी जाती हैं ना तो पहले पूरी होती है और ना ही बाद में। कुछ चीजें पहले होनी होती है तो कुछ चीजें बाद में होने के लिए बची रह जाती है।

अगर आप किसी बीमारी को या फिर किसी भी तरह की सिकनेस को दूर करना चाहते हैं तो आपको Pass over technique का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि यह टेक्निक कहती है कि आपको अपने दिमाग में चल रहे विचारों को Store करते हुए आगे बढ़ते जाना चाहिए।

जैसे मान लीजिए कोई सिंगर है जिसे ऑडियंस के सामने गाना गाना है लेकिन उसका गला अचानक खराब हो गया तो उसे यह सोचना होगा कि उसका गला ठीक हो रहा है और उसकी तबीयत अब धीरे-धीरे ठीक होती जा रही हैं।

दूसरी टेक्निक का नाम है विजुलाइजेशन टेक्निक। यह टेक्निक बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि इस टेक्निक में आपको उस चीज की तस्वीर अपने दिमाग में कैद करनी होती है जो आप चाहते हैं मान लीजिए आपको एक मोबाइल चाहिए तो आपको ऐसे में अपने दिमाग में मोबाइल की Image बनानी होगी कि किस तरह का मोबाइल आप चाहते हैं।

हो सके तो आपको अपने दिमाग में मोबाइल की हर एक फीचर की डिटेल दिखानी होगी। अपने विजुलाइजेशन को और बेहतर करने के लिए आप उसे उसी पेपर पर या फिर अपने मोबाइल पर ड्रॉ कर सकते हैं।

या फिर उसकी इमेज को अपने मोबाइल के वॉलपेपर पर सेट कर सकते हैं और उसका प्रिंट आउट निकाल कर वॉल पर लगा सकते हैं। इस तकनीक के द्वारा आप हर वह चीज हासिल कर सकते हैं जो आपका दिल चाहता है।

आखरी टेक्निक का नाम है स्लीपिंग टेक्निक। इस टेक्निक में जब आप सो रहे होते हैं तब आपकी बॉडी से आपका स्ट्रेस और टेंशन कम होते रहता है। जिसकी वजह से सोते समय हमारा सबकॉन्शियस माइंड एक्टिव हो जाता है यहां तक कि जो सपने हम सोते हुए देखते हैं वह भी हमारी सबकॉन्शियस माइंड की वजह से ही आता है।

जब आप सो रहे होते हैं तब आपका सबकॉन्शियस माइंड आपको वह सारी चीजें देने की तैयारी करता है जिसके बारे में आपने इतने समय से सोचा है जैसे आपने विजुलाइजेशन किया है तो आपके दिमाग में वही सारी बातें आती हैं।

और यह सारी बातें आपके दिमाग में इस तरह फिट हो जाती है कि आप अगली बार जो भी ऑप्शन लेते हैं वह इन्हीं चीजों को पूरा करने के लिए लेते हैं।

निष्कर्ष

इस Book Summary में हमने कुछ बहुत ही बेहतरीन चैप्टर्स के बारे में बताया है जो आपको दिमाग को समझने में मदद करेगी आपको यह बुक समरी कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

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