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पूर्वजन्म का हिसाब ~ कहानी

Rebirth ki kahani

क्या आपको भी कभी लगता है कि हम पूर्व जन्म के हिसाब को बराबर करने के लिए इस पृथ्वी पर आए हैं या फिर आपको कभी ऐसा महसूस होता है कि आप अपने पूर्व जन्म में किए गए अधूरे कार्यों को इस जन्म में पूरा कर रहे हैं या करेंगे?

ऐसे विचार अक्सर लोगों के मन में आते हैं कि हम अपने पूर्व जन्म के कर्मों को किस प्रकार जान पाएंगे?

या हमें यह किस प्रकार पता चल पाएगा कि हम पूर्व जन्म में किस प्राणी के रूप में इस पृथ्वी में थे? और हमने क्या कार्य किए?

कई लोगों का मानना होता है कि मैं अपने पूर्व जन्म में किए गए कर्मों का हिसाब या सजा इस जन्म में सह रहा हूं, हालांकि यह कहना निश्चित तौर पर सही नहीं होगा कि हम अपने पूर्व जन्म के कर्मों को इस जन्म में सहन कर रहे हैं।

लेकिन फिर भी बहुत सारी मान्यताओं के अनुसार हम अपने पूर्व जन्म के कर्मों को इस जन्म में भी पूर्ण कर सकते हैं। साथ ही वे लोग जिन्होंने अपने पूर्व जन्म में बुरे कर्म किए है, तो वह उन बुरे कर्मों का भोग इस जन्म में करता है।

जो व्यक्ति पूर्व जन्म में अच्छे कर्म कर चुका होता है वह इस जन्म में भी एक अच्छा (संपन्न) प्राणी बन कर जन्म लेता है, सभी आनंद का अनुभव कर पाता है।

वहीं कुछ लोग यह भी मानते है कि जो व्यक्ति पिछले जन्म में मरते वक्त जिस चीज का ख्याल अपने मन में रखता है वह उसी चीज को अगले जन्म में हासिल करता है।

अगर हम बात करते हैं पूर्व जन्म के हिसाब की तो यहां बहुत सारी मान्यताएं ऐसी है जिनके अलग-अलग विचार रहे हैं परंतु उन विचारों में से कुछ बातें तो मेल खाती हैं, जिनमें प्रत्येक व्यक्ति अपना विश्वास जाहिर करता हैं।

कुछ बातें अलग अलग होने के कारण लोगों को असमंजस में डाल देती है कि क्या हम सही में अपने पूर्व जन्म के हिसाब बराबर कर पाते हैं या फिर हमारा पूर्व जन्म पूर्व ही रह जाता है और हमारा वर्तमान जन्म एक विशेष रूप से हमें आगे बढ़ाता है।

क्या होता है जन्म?

जब हम इस पृथ्वी में किसी प्राणी के रूप में अवतार लेते हैं तो हम जिस जाति या रूप में जन्म लेते हैं हम उन्हीं के जैसे कार्यों को अपने जीवन में अपनाते हैं, वैसे ही कार्यों को करने लगते हैं, जैसे हमारे पूर्वज किया करते हैं।

कोई प्राणी एक जानवर के रूप में जन्म लेता है, तो वह अपने संपूर्ण जीवन में वैसे ही कार्य तथा खान-पान करता है जैसे उसके पूर्वज किया करते थे या करते हैं।

प्रत्येक प्राणी अपने जीवन में कुछ न कुछ कर्म करता है और उन्हीं का भोग उसे अपने संपूर्ण जीवन में करना पड़ता है।

यदि कोई एक इंसान के रूप में जन्म लेता है तो उसे अपने संपूर्ण जीवन मानव के कर्मों के हिसाब से करना पड़ता है, वैसा ही खान-पान व रहन-सहन वह अपने जीवन में अपना लेता है।

वह इस जीवन में जैसे कर्म करता है वैसे ही हमें भोगना पड़ता है इसीलिए हमें मनुष्य के तौर पर प्राप्त इस जन्म में अपने कर्मों को हमेशा बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए।

जब हम अच्छे कर्म करेंगे तभी हमें अच्छे फल भोग सकेंगे अर्थात इस पृथ्वी में एक प्राणी ही अपने जन्म से मरण तक प्रत्येक कार्यों का भोग खुद के लिए अपनाता है।

इस विषय में कोई भी प्राणी खुद के कर्मों से दूसरे के कर्मों का चयन नहीं कर सकता। वह जैसे कर्म करता है उसे उसी का फल उसी हिसाब से मिलता है,अर्थात उसके कर्मों का फल दूसरे लोगों के कार्यों पर निर्भर नहीं करता।

पूर्व जन्म के कर्मों का प्रभाव

यदि हम अपने वर्तमान में अच्छी सुख सुविधाएं, अच्छे ज्ञान के साथ अपना जीवन यापन करते हैं तो शायद हमने पिछले जन्म में बहुत सारे दुखों को सहन करते हुए अन्य लोगों को खुश रखा होगा।

यदि हम अपने इस जीवन में दुखों का भोग कर रहे हैं और हमेशा दुखी रहते हैं, जिसमें भगवान भी हमें कभी खुश नहीं रखना चाहता तो वास्तव में ही हमने अपने अगले जन्म में बहुत सारे लोगों को दुख देकर खुद के लिए खुशी हासिल की होगी।

इसी बात से हम अपने पूर्व जन्म का अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारा वर्तमान जीवन किस प्रकार चल रहा है हमारे वर्तमान में कौन सी समस्याएं मिल रही हैं इसलिए जो लोग हमारे पूर्व जन्म का हिसाब बताते हैं, इन लोगों के विचार भी यही होते हैं कि हम अपनी वर्तमान जीवन शैली में कितने खुश व कितने दुखी हैं।

हमें अपने अगले जन्म में भी एक अच्छा प्राणी बनने के लिए व अच्छा जीवन जीने के लिए इस जीवन में प्रत्येक कार्यों को इस प्रकार करना चाहिए कि जिससे किसी अन्य लोगों को दुख ना पहुंचे, वे लोग हमें बद्दुआ ना दे सके।

पूर्व जन्म का हिसाब ~ कहानी

कहते हैं ना कि प्रत्येक व्यक्ति या प्राणी अपने अगले जन्म का हिसाब इस जन्म में बराबर करता है यदि वह अगले जन्म में अच्छे कर्म करके आया होगा तो उसे इस जन्म में भी जरूर अच्छे ही कर्म का भोग करना होगा।

यदि वह अपने पिछले जन्म में लोगों के साथ अत्याचार करके आया होगा तो वह इस जन्म में अपने उस जन्म के सभी कर्मों का हिसाब चुकता करेगा।

ऐसा ही होता है एक व्यक्ति के साथ जो अपने अगले जन्म में बहुत ही अच्छे कर्म करके आया था

उसने अपने अगले जन्म में उन सब असहाय लोगों की सहायता की जिन लोगों को उसकी जरूरत थी। इस प्रकार इस व्यक्ति ने अपने अगले जन्म में प्रत्येक कर्म इस प्रकार किए कि उसे आने वाले अगले जन्म में किसी भी चीज की कमी न हो सके, वह एक अच्छा जीवन जीने लायक रह सके।

जब वह अपना नया जीवन प्राप्त करता है तो वह फिर भी एक मानव के रूप में ही ईश्वर द्वारा इस पृथ्वी पर भेजा जाता है।

क्योंकि ईश्वर के अनुसार उसने प्रत्येक वह कार्य अपने अगले जीवन में किए जिसे एक अच्छा व्यक्ति समझा जा सकता है इस कारण भगवान के पास ऐसा कोई भी मौका न था जिसे देखकर भगवान इस व्यक्ति को इस जन्म में जानवर या अन्य योनि में अवतार दे सके।

भगवान ने इस व्यक्ति के अच्छे कर्मों को देखकर इसे फिर से एक अच्छे इंसान के रूप में जन्म दिया।

यह व्यक्ति भी भगवान द्वारा ली गई सभी परीक्षाओं में खरा उतरा और सभी मुश्किलों को पार कर अपने जीवन में लगातार अच्छे कार्यों को करता रहा।

इसके साथ हमेशा ऐसी घटनाएं होती रहती है जिसके कारण इसे लगता है कि वह यहां उपस्थित प्रत्येक मकान व महल को पहले भी देख चुका है।

उसे हमेशा यही महसूस होता परंतु वह समझ नहीं पाता है कि उसने यह दृश्य पहले देखा तो कब। यूं ही एक दिन वह व्यक्ति एक गुरु जी के आश्रम में चला जाता है। तो उसे उस आश्रम में जाते समय ऐसा लगता है कि वह इस आश्रम में पहले भी कई बार आ चुका है, भले ही वह इस जीवन में गुरुजी के आश्रम में पहली बार जा रहा था।

गुरुजी अत्यधिक ज्ञानी होने के कारण उस व्यक्ति को देखते ही समझ गए कि यह व्यक्ति इस पृथ्वी में दोबारा व्यक्ति के रूप में जन्म लेकर आया है।

जब वह व्यक्ति गुरु जी को अपनी मनोदशा के बारे में बताता है तो गुरुजी उसे स्पष्ट रूप से बता देते हैं कि वह इस पृथ्वी में तथा इस क्षेत्र में दोबारा जन्म लेकर आया है इस प्रकार वो व्यक्ति इस बात से चौक जाता है, कि वह दोबारा भी व्यक्ति के रूप में ही जन्म ले पाया और वह अपने कर्मों से अत्यधिक प्रसन्न होता है ।

क्योंकि कहा जाता है वही व्यक्ति दूसरी बार व्यक्ति के रूप में जन्म लेता है जो इस संसार में सबसे अच्छे कर्मों में से एक कर्म करता है।

इस प्रकार हमें अपने जीवन में प्रत्येक कर्म को सोच समझ कर करना चाहिए क्योंकि हमारे पुराने कर्मों का हिसाब भी हमें अगले जन्म में भुगतना पड़ सकता है, अर्थात बेहतर जीवन जीने के लिए बेहतर कर्मों को करना आवश्यक है।

क्या हमें पूर्व जन्म के कर्म भोगने पड़ते हैं?

हां, इस बात का शत प्रतिशत लोगों को विश्वास होने लगा है कि हम अपने पूर्व जन्म के कर्मों को इस जन्म में भोंगते हैं इस बात का ज्ञान होने के कारण आज बहुत सारे लोग अपने जीवन में अच्छे कर्मों को करना चाहते हैं।

पुनर्जन्म (Rebirth) के बारें में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में बताया हैं, अत: विश्वास न होने की मुझे कोई वजय नज़र नहीं आती।

हालांकि लोग कई बार मन को नियंत्रित न करने की वजह से बुरे कर्म करने के किए मजबूर हो जाते है।

कई लोग सिर्फ जीवन में आनंद खोजते हैं। उन्हें सिर्फ अपनी खुशी से मतलब होता है जिसके लिए कई बार वे अपनी जिम्मेदारियां भी भूल जाते हैं।

ऐसे ही लोग जिन्हें पूर्व जन्म का ज्ञान नहीं होता वे लोग अपनी खुशी के लिए अन्य लोगों को दुख देने के लिए तैयार रहते हैं, बिना दया के किसी भी जानवर व अन्य प्राणियों को मौत के मुंह सुला देते हैं।

इन लोगों को अपने अगले जन्म की बिल्कुल भी चिंता नहीं होती ऐसे ही लोग अपना अगला जीवन बड़े ही दुखों, निर्धनता के साथ यापन करते हैं और वे लोग अपने पूर्व जन्म के कर्मों को इस जन्म में भोगते हैं।

वास्तविकता~

जीवन की वास्तविकता यही है कि हमें अपने जन्म के कर्मों का हिसाब बराबर करना होता है। इसीलिए हमें अपने जीवन में अच्छे कर्म करने चाहिए ताकि हम वर्तमान के साथ साथ अगले जन्म में भी एक अच्छा जीवन प्राप्त कर सकें, हमें अपने जीवन में प्रत्येक दुखों को झेलने की क्षमता रखनी चाहिए।

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