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तनाव को कैसे दूर किया जा सकता है?

Stress free life in Hindi

इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में आज लगभग हर इंसान तनाव (Stress) की स्थिति से गुजर रहा है।

और इस तनाव का मुख्य कारण मन में उठने वाले विचित्र “विचार” है क्योंकि इंसान के विचार ही उसके जीवन को दिशा देते है।

गलत विचारों से भले ही उसे आने वाले वक्त में कोई फायदा हो, परंतु वक्त से पहले उसके बारे में सोचने के कारण इंसान हमेशा तनाव (Tension) में रहता हैं।

आज हमारी जिन्दगी पहले से कहीं ज्यादा आसान हो चुकी है, पर समस्या यह है कि सुख-सुविधाओं के होते हुए भी इंसान तनाव से मुक्त नहीं हो पाता, हर कोई तनाव से राहत पाने के बारे में तरह-तरह के उपाय खोजता रहता है ।

प्रत्येक व्यक्ति जो तनाव में रहता है, तरह-तरह की दी जाने वाली सलाह को अपनाता है, डॉक्टरों के द्वारा बताए जाने पर विभिन्न तरह की दवाइयां खरीदकर उनमें पैसे खर्च करता है।

लेकिन कुछ समय बाद उसे यह अहसास हो जाता है कि दवाइयॉ खाने से हम कभी तनाव से मुक्त नहीं हो सकते। भले ही हमें दवा खाने के बाद नींद आ जाए परंतु वह नींद इतनी लाभदायी नहीं हो सकती, जितनी की एक सामान्य नींद।

हम इस लेख में कुछ चीजों का वर्णन करेंगे, जिन बातों को जीवन में अपनाकर आप जरूर अपने जीवन में तनाव मुक्त हो सकते हैं। आइए पहले यह समझते है कि

तनाव क्या होता है? What is stress?

तनाव एक मानसिक स्थिति है जिससे मनुष्य उदास, बेचैन रहता है जिसका प्रभाव मनुष्य में शारीरिक तौर पर भी पड़ता है।

हालांकि हमें तनाव और थकान के बीच छोटे से फर्क को समझना होगा।

बहुत सारे लोगों को थकने के बाद आराम की जरूरत होती है। परंतु वे किसी कारणवश आराम नहीं कर पाते। तब वे लोग खुद को तनाव रहित मानते हैं।

परंतु यह तनाव नहीं है, मनुष्य को इस वक्त सिर्फ अपनी नींद पूरी करने की आवश्यकता है।

तनाव शरीर में सिर्फ तब महसूस किया जाता है। जब हम शारीरिक रूप से स्वस्थ हो परंतु मानसिक रूप से हमें अपनी तबीयत ठीक नहीं लगती।

अर्थात मन में अजीबोगरीब विचार उठते हैं और हम असमंजस में पड़ जाते हैं, कि हमें क्या करना चाहिए और हम क्या कर रहे हैं।

ऐसी स्थिति केवल तब होती है जब आदमी मानसिक रूप से थक जाता है, उसे उस चीज की जरूरत होती है जिसके कारण उसका दिमाग ताजा हो सके।

अर्थात जब कोई व्यक्ति मानसिक रूप से अपनी समस्याओं से परेशान हो जाता है तो वह तनाव में रहने लगता है। जब भी हमारे सामने नई समस्या आती है उस वक्त हम खुद को तनाव में पाते हैं परंतु जब वह समस्या हम से होकर गुजर जाती है, हम तनाव से मुक्त हो जाते हैं।

तनाव हमारे शरीर में किस प्रकार आता है?

यह जानना भी बहुत जरूरी हो जाता है कि तनाव हमारे शरीर में किस प्रकार आते है, इसके मुख्य कारण क्या हैं, हम तनाव को किस प्रकार महसूस कर पाते हैंl

तनाव कोई वस्तु नहीं है जो हमें हमारे शरीर में प्रवेश होती हुई दिखाई दे, यह सिर्फ एक भ्रम है जो बिना दिखाई दिए हमें मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर बना देता है।

तनाव आने का मुख्य कारण हमारी समस्याएं ही होती हैं जब कुछ ऐसी समस्या हमारे सामने लक्ष्य बन कर आती है जिसका हल करना हमारे लिए कुछ असंभव होता है या हमें महसूस होता है कि हम उस समस्या से नहीं निपट सकते।

तो हम इस प्रकार की समस्याओं के बारे में सोचते सोचते हम तनाव को अपने शरीर में पनाह दे देते हैं।

फिर आगे हम तनाव के कारण अपने जीवन में बहुत परेशान से होने लगते हैं और अपने किए गए कार्यों को भी ढंग से परख नहीं सकते।

तब लोगों की नजरों में हम एक बीमारी के शिकार हो चुके होते वह बीमारी सिर्फ हमारा तनाव ही होता है अर्थात तनाव हमारे शरीर में समस्याओं के कारण पनपता है।

हमें जीवन में किस उम्र से तनाव महसूस होता है?

हमारे जीवन में तनाव प्रत्येक उम्र में रहता है परंतु हमें वह तब महसूस होता है जब हम कुछ जिम्मेदारियों को निभाने लग जाते हैं, हमारे सामने जिम्मेदारियों के साथ-साथ समस्याएं उत्पन्न होती रहती हैं।

एक व्यक्ति अपने जीवन में जिम्मेदारियों को तब समझता है जब वह किसी कार्य को नियमित रूप से करने लगता है।

क्योंकि ज्यादातर बच्चे अपने कार्यों को आधे अधूरे ही छोड़ देते हैं। हम उन्हें जिम्मेदार तो कह सकते हैं परंतु वे अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरीके से नहीं निभाते, इसलिए एक निश्चित उम्र ऐसी भी होती है जहां से प्रत्येक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को भली-भांति समझने लगता है।

हालांकि इसके लिए उम्र निश्चित नहीं होती बल्कि मनुष्य के हालात जिम्मेदारियां तय करती हैं, आर्थिक तंगी की वजह से बाल मजदूरी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

परंतु सामान्यतः 16 वर्ष में एक इंसान अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगता है और उसके जीवन में यही से तनाव आने भी प्रारंभ हो जाते हैं।

इसी उम्र से लोग ज्यादातर तनाव में नजर आते हैं क्योंकि यही से हमारा जीवन जिम्मेदारियों को उठाने के लिए जिम्मेदार रहता है, जो भी इस उम्र में बिना किसी कार्य के खाली बैठा रहता है। वही सबसे ज्यादा तनाव का शिकार बन पाता है ।

इस उम्र में जो लोग अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझ पाते, आगे चलकर वे सारी उम्र भर तनाव में घिरे रहते है। इसलिए हमें इस उम्र में यह कोशिश भी करनी चाहिए कि हम अपनी छोटी-छोटी जिम्मेदारियों को पूरी तरीके से निभा सकें।

यहीं से हमारे जीवन में हमें सफलता के मार्ग भी दिखाई देते हैं, परंतु हम इन मार्गों को तभी अपना सकते हैं जब अपनी छोटी मोटी जिम्मेदारियों को पूरी करते हैं।

यदि हमें तनाव से बचना है तो इस उम्र से ही अपनी जिम्मेदारियों को बिना बोझ समझे पूरी करनी चाहिए।

तनाव से बचने के उपाय

अक्सर जब हमें चोट लग जाती है या शरीर किसी तरह से रोगी हो जाता है तो हमें डॉक्टर के पास तुरंत जाने की सलाह दी जाती है। लेकिन जब इंसान मानसिक तौर पर स्वस्थ महसूस नहीं करता, उसे बेचैनी, उदासी होती है तो उसे कोई भी मनोचिकित्सक के पास जाने के लिए नहीं कहता

कई बार यही समस्या आगे चलकर डिप्रेशन का भी कारण बन जाती है जिससे इंसान आत्महत्या तक कर लेता है।

तनाव से बचने के लिए बहुत सारे उपाय हैं जिन्हें हम अपनाने पर तनाव से मुक्त हो सकते हैं।

1. हमें अपने कार्यों में हमेशा व्यस्त रहना चाहिए।

हमें अपने कार्यों में व्यस्त रहना चाहिए इसका मतलब यह भी नहीं, कि हमें कभी भी खाली नहीं बैठना चाहिए इसका मतलब सिर्फ यह है, हमें अपने प्रत्येक कार्य समय पर पूरे कर लेने चाहिए।

जब भी हम अपने कार्यों को वक्त से पहले या वक्त पर समाप्त करते हैं। तो हमें किसी भी चीज का तनाव नहीं रहता या तनाव में आने का मौका नहीं मिलता।

जब भी हम अपने कार्यों को वक्त पर समाप्त करते हैं तो हमें एक आनंद सा महसूस होता है,और हम उस वक्त खुश नजर आते हैं।

हमें जब भी खुशी होती है तो हमारे मन में अच्छे विचार आते हैं और अच्छे विचारों के साथ हमारा वक्त अच्छी तरीके से गुजर पाता है। और तनाव का कोई भी मौका नहीं मिलता।

2. अच्छी किताबों से दोस्ती करनी चाहिए।

भले ही हमारे जीवन में हमारी अपने साथ वालों से दोस्ती ना हो,परंतु किताबों से हमेशा ही हमें अच्छी दोस्ती निभानी चाहिए।

क्योंकि किताब हमें कभी भी धोखा नहीं देती परंतु लोग हमें धोखा दे सकते हैं और जब भी कोई हमें धोखा देता है तो हम उस वक्त बहुत ही दुखी हो जाते हैं, हमारे मन में बुरे विचार आने लगते हैं कि शायद मुझ में कुछ कमी होगी जिसकी वजह से उसने मुझे धोखा दिया होगा।

जब हम किताबों से दोस्ती करते हैं तो हमें कभी धोखा नहीं मिलता जब धोखा मिलता भी है तो कुछ न कुछ ऐसी सीख मिलती है जो हमारे जीवन में काम आती है, हम उसी चीज से अपने जीवन में आगे बढ़ने के मार्गों को ढूंढ पाते हैं।

3. अपनी समस्याएं अपने चाहने वालों के साथ शेयर करें

यह हम पर निर्भर करता है कि हम अपनी समस्या किसे बताते हैं। जिसे अपनी समस्या बताते हैं वह हमें सांत्वना देता है या फिर हमारी समस्याओं को और भी बढ़ा देता है।

हमें अपनी समस्याएं सिर्फ उन्हीं लोगों के साथ शेयर करनी चाहिए जो हमें अच्छी तरीके से समझते हैं जो हमारे साथ खुश रहते हैं।

कई बार ऐसा भी होता है कि हम अपनी समस्याएं उन लोगों को बता देते हैं जो हमारे लिए उस समस्या को और भी बड़ी कर जाते हैं ।

हमें बड़ी ही सावधानी के साथ अपनी समस्याएं किसी को बतानी चाहिए ताकि हमारा तनाव दूर हो सके और वह हमें हमारी समस्या का हल बताने में सहायता करें।

4. ज्यादा वक्त सिर्फ अपने पसंदीदा कार्य में बताएं।

कई बार हम अपना वक्त यूं ही बेकार के कामों में गुजार देते हैं और हमें बाद में यह भी महसूस होता है कि हमने अपना वक्त इस बेकार के कार्य में खाली बर्बाद किया।

हमें अपने वक्त की कीमत पहचानी चाहिए। जब भी हम अपना वक्त बर्बाद करते हैं तो हमें उसके बाद अत्यधिक तनाव महसूस होता है इसलिए हमें अपना कीमती वक्त सिर्फ अपने पसंद के कार्यों में ही बिताना चाहिए। जिस कारण हमें आनंद महसूस हो सके।

5. अपने पसंद के गाने ज्यादा से ज्यादा सुनें।

हमें अपने तनाव को दूर करने के लिए सबसे आसान तरीका यही लगता है कि जब भी हम खाली बैठे रहते हैं हमें अपने पसंद के गाने सुनने चाहिए क्योंकि हमारी पसंद ही हमारे तनाव को दूर कर सकती है ।

जब भी हम अपने पसंद के गाने चलाते हैं तो हमारा माइंड फ्रेश होने लगता है और हम उन गानों को गुनगुनाने लगते हैं।

इसलिए हमें तनाव से मुक्त होने के लिए (Stress free) खाली वक्त को अपने पसंद के गानों को सुनने में यूज करना चाहिए।

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