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जीवनी 8 Mins Read

जर्मनी का सख्त शासक एडोल्फ हिटलर की जीवनी

Mahesh YadavBy Mahesh YadavUpdated:Jan 6, 2023No Comments8 Mins Read
Adolf Hitler Biography Quotes
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जर्मनी के नाजी पार्टी का महान नेता जिसे लोग एडोल्फ हिटलर के नाम से जानते हैं जर्मनी का एक सख्त शासक था। हिटलर ने 1933 से 1945 तक जर्मनी पर शासन किया। इतिहास के पन्नों में हिटलर का नाम अमर है कुछ लोग उन्हें महान शासक समझते हैं तो कोई उन्हें तानाशाह कह कर पुकारते हैं।

बहुत से इतिहासकार हिटलर को ही द्वितीय विश्वयुद्ध का सबसे बड़ा कारण मानते हैं लेकिन जर्मनी को गणतंत्र दिलवाने में हिटलर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, अपनी योग्यता तथा प्रतिभा के बल पर हिटलर ने जर्मनी में गणतंत्र की स्थापना की थी।

जर्मनी के इस महान तानाशाह के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करने के लिए उनकी जीवनी को अंत तक जरूर पढ़ें।

एडोल्फ हिटलर जीवनी

प्रथम विश्व युद्ध के बाद जहां दूसरे देशों में तानाशाही प्रवृति का दौर बढ़ा वहीँ जर्मनी में अडोल्फ हिटलर के नेतृत्व में नाज़ी दल की स्थापना हुई। हिटलर को ही दूसरे विश्व युद्ध शुरू होने की वजह माना जाता है। जर्मनी में हिटलर की भूमिका वैसी ही है जैसी इटली में मुसोलनी, तुर्की में मुस्तफा पाशा और फ्रांस में नेपोलियन बोनाबार्ट की है।

हिटलर उन नेताओं में से नहीं थी जो अच्छी सुविधाएँ दिलाने का वादा नहीं करते थे, बल्कि वह धार्मिक नेताओं की तरह मुक्ति दिलाने की बातें करते थे। प्रथम विश्व युद्ध से पहले तक तो हिटलर को कोई जानता भी नहीं था। चलिए दूसरे विश्व युद्ध के मास्टरमइंड माने जाने वाले हिटलर के बारे में विस्तार में जानते हैं।

नामएडोल्फ हिटलर
जन्म20 अप्रैल सन 1889
राष्ट्रीयताजर्मनी
माताक्लारा हिटलर
पिताएलोईस हिटलर
भाईबहन-गस्तव, इदा
पत्नीईवा ब्राउन
प्रसिद्धनाज़ी अध्यक्ष, जर्मन तानाशाह और जर्मनी के चांसलर

हिटलर का जन्म 20 अप्रैल सन 1889 में हंगरी के ऑस्ट्रिया में हुआ। हिटलर के पिता का नाम एलोईस हिटलर और माता का नाम क्लारा हिटलर था। यह कुल 6 भाई-बहन थे जिसमें से हिटलर चौथे स्थान पर आते थे हालाँकि बचपन में ही हिटलर 3 भाई बहनों की मृत्यु हो गई थी।

अडोल्फ हिटलर अपने स्कूल में काफी होशियार बच्चा था। उसका फाइन कला में काफी प्रेम था। पर उसके पिता को यह पसंद नहीं था। हिटलर के पिता चाहते थे कि वह किसी टेक्निकल स्कूल में प्रवेश करें। जिस के फलस्वरूप उन्हें लिंज़ में रेअल्स्चुल में भेज दिया।

हिटलर अपने पिता के झगड़ालू व्यवहार के कारण काफी परेशान था जिस की वजह से उसने अपने पिता से झगड़ा भी कर लिया था।

हिटलर की दिलचस्पियों को ना अपनाने के कारण उसकी रूचि पढ़ाई से काम होती गयी जिसका असर उसकी प्रोग्रेस पर भी हुआ। कुछ समय बाद उसके पिता की मृत्यु हो गयी जिसके पश्चात उसकी माता ने फाइन आर्टस की पढ़ाई के लिए अनुमति दे दी।

इसके बाद वह अपने कलाकार बनने के सपने को पूरा करने के लिए लिंज़ से विएना चला गया लेकिन कुछ बाधाओं के कारण उनका प्रवेश नहीं हो पाया।

कैसे शुरू हुई हिटलर की शुरुआती एंटी- सेमेटिक विचारों की कहानी?

सन 1907 के दिसंबर महीने में हिटलर की माँ की मृत्यु हो गयी जिस से हिटलर के परिवार को बहुत बड़ा झटका लगा। इसके बाद से ही हिटलर को काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उसे कुछ वर्षों के लिए अपने घर से दूर जाकर हॉस्टल में रहना पड़ा।

बाद में वह अपनी कलाकृतियों को बेच कर थोड़े बहुत पैसे कमा लेता था।

ऐसा कहा जाता है कि विएना में ही प्रचलित नस्लीय और धार्मिक पूर्वाग्रह से हिटलर में सेमेटिक विरोधी विचारों के बीज बोए गए। ऐसा भी कहा जाता है कि हिटलर जब युवा था तब उसने ऑस्ट्रिया के अधिकारों की निंदा करते हुए जर्मन अधिकारों में विशेष रूचि दिखाई। इस समय तक हिटलर ने यह विश्वास करना भी शुरू कर दिया था की यहूदी ही सभी भ्र्ष्टाचार, नैतिकता में विस्मृति और अराजकता के कारण हैं।

हिटलर प्रथम विश्व युद्ध में भी था शामिल

सन 1913 में हिटलर को म्युनिक के लिए विएना को छोड़ना पड़ा और इसके बाद वह 16 वीं बवेरियन इन्फेंट्री रेजिमेंट में शामिल हो गया। इसके अगले साल जब प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत ही तब वह उसमें अमेरिका और दूसरी यूरोपियन शक्तियों के खिलाफ शामिल हुआ।

उसने जर्मनी के पश्चिमी मोर्चे से लड़ाई लड़ी। फलस्वरूप वह एक बहादुर सैनिक साबित हुआ और इस दौरान वह दो बार घायल भी हुआ जिस की वजह से उसे पोमेरानिया के एक अस्पताल में ले जाया गया। इस बहादुरी से उसे आयरन क्रॉस से भी सम्मानित किया गया। बता दें कि यह विश्व युद्ध सन 1918 तक चला था।

एडोल्फ हिटलर के राजनितिक सफर की शुरुआत

प्रथम विश्व युद्ध के बाद सन 1919 में म्युनिक के एक बहादुर सैनिक ‘एर्न्स्ट रोएह्म’ जो कि वहां फौजी थे उनकी मदद से वहां की सेना में राजनीतिक अधिकारी के रूप में काम मिला। यहीं से हिटलर के राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई। कुछ ही समय में हिटलर ने अपने आप को एक लोकप्रिय प्रचारक और प्रवक्ता के रूप में मज़बूत किया।

इसके बाद वर्ष 1921 में वह राष्ट्रीय सामाजिक जर्मन वर्कर्स पार्टी का नेता बन गया, इसका आधिकारिक तौर पर नाम नाज़ी पार्टी था। हिटलर ने अपनी पार्टी का विकास करने के लिया एक अहम भूमिका निभाई। वर्ष 1923 के अंत में ही वह जर्मन राजनीती में करीब 56 हज़ार सदस्यों और समर्थकों के साथ उभरा।

हिटलर ने देशद्रोह की कोशिश भी की थी। जिसके फलस्वरूप उसे लैंडस्बर्ग के पुराने किले में सज़ा भी दी गयी।

कुछ समय बाद ही उसे रिहा कर दिया गया और इसके बाद फिर से उसने अपनी पार्टी का गठन किया जो कि राज्य का केंद्र बने रहने और नाज़ी आंदोलन के लिए थी। हिटलर ने इस समय तक काफी राज्यों को अपने समर्थन में कर लिया और इसके बाद हिटलर का राजनितिक सफर चलता ही रहा।

हिटलर बना दूसरे विश्व युद्ध का कारण

हिटलर पुरे ब्रिटेन में अपना अधिकार जमाना चाहता था जिसके लिए उसने कई देशों के साथ संधि भी की और कई राज्यों को अपने समर्थन में लिया। 1 सितम्बर सन 1939 से यूरोप को काबू करने के लिए दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत की। जैसे जैसे विश्व युद्ध आगे बढ़ता गया वैसे वैसे वह कई देशों पर अपना हक़ जमाता गया।

इस विश्व युद्ध के कारण बहुत सारी जानें गयीं और काफी सारा नुकसान हुआ। हिटलर को ही दूसरे विश्व युद्ध का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।

हालाँकि जैसे ही युद्ध आगे बढ़ता चला गया समय के अनुसार हिटलर की जीत हार में परिवर्तित होने लगी। हिटलर ने अपने सलाहकारों की बात सुनना बंद कर दिया जिस से उसका काफी नुकसान हुआ। धीरे धीरे हिटलर के हाथ से सब कुछ खोता चला जा रहा था। नतीजा यह हुआ कि 30 अप्रैल सन 1945 की रात को हिटलर ने आत्महत्या कर ली और वह दुनिया से चला गया।

एडोल्फ हिटलर के व्यक्तिगत जीवन के बारे में जानकारी

एडोल्फ हिटलर को बचपन से ही पढ़ाई का शौक था और उसे फाइन कला से काफी प्रेम था। वर्ष 1937 में हिटलर को नशा करने की आदत लग गई और यह आदत बढ़ती रही। इसके कारण वह काफी बिमारियों से ग्रस्त भी रहता था। यह आदत इतनी बढ़ गई थी कि यह वह हर रोज़ नशा करने लगा था।

सन 1929 में उसकी मुलाकात ईवा ब्राउन नाम की महिला से हुई जिससे उसकी नज़दीकियां बढ़ती चली गयीं। जब हिटलर को अपनी हार का एहसास होने लगा तब उसे अपनी मौत का डर होने लगा। रुसी सेना भी उसके करीब पहुँचने लगी जिसके फलस्वरूप उसने ईवा ब्राउन के साथ शादी करली और कुछ ही घंटों के बाद अपनी पत्नी के साथ ज़हर खाकर आत्महत्या करली।

इस तरह हिटलर का अंत हो गया।

एडोल्फ हिटलर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  1. हिटलर ने अपनी मूँछें इसलिए छोटी करवाई थीं ताकि उसे मास्क फिट हो सके।
  2. हिटलर को जानवरों से बहुत प्रेम था। इस बात का प्रमाण इससे मिलता है कि 1933 में सत्ता हासिल करने के बाद उसने घोषणा की ‘इस राज्य में किसी को भी जानवरों के साथ क्रूरता करने की अनुमति नहीं है।’
  3. हिटलर को अपनी मौत का इतना खौफ था कि उसने एक व्यक्ति को फ़ूड टेस्टर के रूप में रखा हुआ था।
  4. हिटलर ने कभी भी अकेले ही ध्यान शिविर का दौरा नहीं किया।
  5. हिटलर धूम्रपान के भी खिलाफ था। सन 1930 से सन 1940 के दौरान उसने धूम्रपान विरोधी जन आंदोलन भी चलाया था।

हिटलर के विचार

  1. यदि आप किसी झूठ को बार बार बोलेंगे तो आपके झूठ को सच मान लिया जाएगा।
  2. लोग कभी इस बात का विश्वास नहीं करते कि आपने क्या कहा है, बल्कि यह मानेंगे कि आप ने क्या किया है।
  3. ईश्वर हमारी प्रार्थना से तब तक प्रभावित नहीं होता जब तक हमारा दिल उसे न प्रभावित करदे।
  4. जो चीज़ मायने रखती है, वह सच नहीं बल्कि जीत है।
  5. किसी भी राज्य को नियंत्रित करने के लिए पहले उस राज्य के नागरिकों को नियंत्रण में लाना पड़ता है।
  6. मैं केवल उसके लिए लड़ता हूँ जिससे में प्यार करता हूँ, मैं उससे प्यार करता हूँ जिसका में सम्मान करता हूँ और मैं सम्मान उनका करता हूँ जिनको मैं जानता हूँ।

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