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जीवनी 8 Mins Read

कंप्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज की जीवनी

Mahesh YadavBy Mahesh YadavNo Comments8 Mins Read
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चार्ल्स बैबेज पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंने गणित के माध्यम से कंप्यूटर का आविष्कार किया था। मशीनी कंप्यूटर का आविष्कार करने वाले सबसे पहले व्यक्ति चार्ल्स बैबेज थे। लेकिन उनके द्वारा बनाए गए कंप्यूटर को चलाना काफी जटिल था इसीलिए बाद में कंप्यूटर में काफी बदलाव किए गए और उसे आसान बनाया गया।

चूंकि चार्ल्स बैबेज ने कंप्यूटर का आविष्कार किया था इसीलिए उन्हें कंप्यूटर का जनक कहा जाता है। चार्ल्स बैबेज एक महान गणितज्ञ, वैज्ञानिक, आविष्कारक और यांत्रिक इंजीनियर थे। वर्तमान में लोग जो प्रोग्रामिंग करते हैं उसकी प्रेरणा भी चार्ल्स बैबेज के कार्यों से ही ली गई है।

कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में चार्ल्स बैबेज अद्वितीय स्थान रखते हैं। चार्ल्स बैबेज के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस जीवनी को पढ़ें।

चार्ल्स बैबेज जीवनी

इंग्लैंड के लंदन शहर में चार्ल्स बैबेज का जन्म साल 1791 में 26 दिसंबर को हुआ था और उनकी मृत्यु साल 1871 में 18 अक्टूबर को हुई थी। चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर के पितामह के तौर पर पूरी दुनिया भर में जाना जाता है और दुनिया भर के लगभग सभी देशों की किताबों में चार्ल्स बैबेज के बारे में अवश्य पढ़ाया जाता है।

चार्ल्स बैबेज ने काफी रिसर्च करके गणित की कैलकुलेशन करने वाली मशीन का आविष्कार किया था। इसके अलावा भी इन्होंने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया था, जिसके कारण ही आगे चलकर के मॉडर्न कंप्यूटर की खोज हो सकी। चार्ल्स बैबेज मार्क्सवाद के आदर्शों पर चलने वाले Carls Marks से बहुत ही ज्यादा प्रभावित है। चार्ल्स बैबेज को बचपन से ही गणित और साइंस के सब्जेक्ट में बहुत ही ज्यादा इंटरेस्ट था और अपने इसी इंटरेस्ट के कारण चार्ल्स बैबेज काफी जिज्ञासु प्रवृत्ति के इंसान बने।

चार्ल्स बैबेज का व्यक्तिगत परिचय

जन्मदिन26 दिसम्बर
जन्म साल1791
जन्म स्थानलंदन, इंग्लैंड
मृत्यु दिन18 अक्टूबर
मृत्यु साल1871 (उम्र 79)
मृत्यु की जगहमार्लीबोन, लंदन, इंग्लैंड
राष्ट्रीयताअंग्रेज़
क्षेत्रगणित, इंजीनियरिंग, राजनीतिक अर्थव्यवस्था, कंप्यूटर विज्ञान
संस्थानट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज
प्रसिद्धिगणित, कंप्यूटिंग
प्रभावरोबर्ट वुडहाउस , गस्पर्ड मोंगे , जॉन हेर्स्चेल
प्रभावितकार्ल मार्क्स, जॉन स्टूवर्ट मिल
रिलीजनक्रिश्चियन

चार्ल्स बैबेज का प्रारंभिक जीवन

कंप्यूटर के जनक के तौर पर पूरे वर्ल्ड में फेमस चार्ल्स बैबेज का जन्म साल 1791 में इंग्लैंड देश के लंदन शहर में 26 दिसंबर के दिन हुआ था। चार्ल्स बैबेज के पिता एक बैंकर थे और उनका नाम बेंजामिन बेबेज था। चार्ल्स बैबेज के पिता की टोटल 4 संतानें थी, जिसमें से चार्ल्स बैबेज चौथे नंबर की संतान थे।

चार्ल्स बैबेज का जन्म जिस खानदान में हुआ था, वह बहुत ही संपन्न खानदान था। बड़े होकर के चार्ल्स बैबेज ने काफी अच्छी स्टडी की और अपनी पढ़ाई के दम पर ही उन्होंने आविष्कारक, दार्शनिक, यांत्रिक इंजीनियर, गणितज्ञ जैसी उपाधि हासिल की।

दुनिया भर में चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर के जनक के तौर पर जाना जाता है और इन्हीं की थिंकिंग के कारण मॉडर्न कंप्यूटर को क्रिएट किया गया था। इन्होंने ही सबसे पहले यांत्रिक कंप्यूटर को क्रिएट किया था।

चार्ल्स बैबेज का विवाह

साल 1814 में चार्ल्स बैबेज ने जार्जियाना व्हिटमोर नाम की लड़की से शादी कर ली और शादी करने के बाद टोटल 8 बच्चों के पिता चार्ल्स बैबेज बने। हालांकि आगे चलकर के इन 8 बच्चों में से सिर्फ 3 बच्चे ही जिंदा रह पाए, बाकी सभी की किसी ना किसी कारण से मृत्यु हो गई।

चार्ल्स बैबेज की शिक्षा

आपकी इंफॉर्मेशन के लिए बता दें कि अपनी प्रारंभिक एजुकेशन चार्ल्स बैबेज ने अपने घर से ही पूरी की थी। चार्ल्स बैबेज को पढ़ाने के लिए चार्ल्स बैबेज के पिता ने एक टीचर को हायर किया था, जो चार्ल्स बैबेज को उनके घर पर ही आकर पढ़ाने का काम करता था।

अपनी प्रारंभिक पढ़ाई को पूरी करने के बाद चार्ल्स बैबेज के माता-पिता ने चार्ल्स बैबेज को आगे की स्टडी करने के लिए होल्मबुड़ स्कूल में एडमिशन करवा दिया और यहीं से चार्ल्स बैबेज ने 12वीं कक्षा को पास किया।

चार्ल्स बैबेज 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की स्टडी करने के लिए साल 1810 में ट्रिनिटी कॉलेज कैंब्रिज चले गए। चार्ल्स बैबेज यहां पर अक्टूबर के महीने में गए थे और यहां पर पहुंचने के बाद चार्ल्स बैबेज, ट्रिनिटी कॉलेज में अंग्रेजी और गणित की स्टडी करने लगे।

चार्ल्स बैबेज को पहले से ही गणित में बहुत ही ज्यादा इंटरेस्ट था। इसके अलावा उन्होंने साइंस की‌ Field में भी काफी सफलता हासिल की थी।चार्ल्स बैबेज ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से ही अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी।

कंप्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज

चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है। इसके साथ ही इन्हें कंप्यूटर का फादर भी कहा जाता है।साल 1822 में चार्ल्स बैबेज ने कंप्यूटर की खोज की थी और साल 1822 में ही चार्ल्स बैबेज ने जिस कंप्यूटर की खोज की थी,उसका नाम उन्होंने “डिफरेंशियल इंजन” रखा था।

चार्ल्स बैबेज का विज्ञान का सफर

जब चार्ल्स बैबेज ने अपने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी, तो उसके बाद उन्होंने कई जगह पर जॉब के लिए अप्लाई किया था, परंतु हर जगह उन्हें नौकरी देने से मना कर दिया जाता था, क्योंकि चार्ल्स बैबेज के पास किसी बड़े आदमी की सिफारिश नहीं थी।

कई बार तो चार्ल्स बैबेज ने कॉलेज में भी पढ़ाने के लिए अप्लाई किया था, परंतु चार्ल्स बैबेज को कॉलेज में भी पढ़ाने का मौका नहीं मिला, तभी साल 1815 में रॉयल इंस्टिट्यूट में चार्ल्स बैबेज को अपने विचार प्रकट करने का मौका मिला‌।

चार्ल्स बैबेज ने रॉयल इंस्टीट्यूट के इस सम्मेलन में हिस्सा लिया और वहां पर उन्होंने खगोल साइंस के ऊपर अपने विचार प्रकट किए।

चार्ल्स बैबेज ने अपने साथियों के साथ मिलकर के एक रॉयल सोसायटी का गठन किया था और चार्ल्स बैबेज को इस रॉयल सोसायटी का मेंबर साल 1816 में सिलेक्ट किया गया। अपनी ग्रेजुएशन को पूरा करने के बाद जब चार्ल्स बैबेज ने कई जगह पर नौकरी के लिए अप्लाई किया और उनकी नौकरी नहीं लगी, तो उसके बाद उन्होंने खुद से ही डिफरेंट टाइप के एक्सपेरिमेंट करना स्टार्ट कर दिया

1819 में फर्स्ट कैलकुलेशन इंजन बनाने का काम चार्ल्स बैबेज ने स्टार्ट किया था और लगातार इस पर काम करते हुए चार्ल्स बैबेज ने अपनी मेहनत से साल 1822 में पहला कैलकुलेशन इंजन बनाने में सफलता हासिल की। यह पल चार्ल्स बैबेज के लिए बहुत ही खुशी का पल था।

रॉयल सोसायटी बनाने के अलावा चार्ल्स बैबेज और उनके दोस्तों ने मिलकर के घोस्ट क्लब सोसायटी और रॉयल एनालिटिकल सोसाइटी भी बनाई थी। इसके बाद एस्ट्रोनॉमीकल सोसाइटी चार्ल्स बैबेज ने साल 1820 में क्रिएट की। इसके बाद भी उन्होंने अविष्कार करने बंद नहीं किए थे।

वह लगातार अपना दिमाग नई-नई प्रकार की मशीनों का निर्माण करने में लगाते थे और इसी प्रकार एक्सपेरिमेंट करते करते साल 1822 में चार्ल्स बैबेज ने पहले कंप्यूटर को खोज निकाला अर्थात उसका आविष्कार किया।

चार्ल्स बैबेज ने एनालिटिकल इंजन का जब अविष्कार किया था, तब गणित की कैलकुलेशन करने में लोगों को काफी ज्यादा सरलता प्राप्त हुई थी, परंतु इसमें सबसे बड़ी जो दिक्कत थी, वह यह थी कि यह मशीन बहुत ही ज्यादा बड़ी थी और इसीलिए इस मशीन को ऑपरेट करने में काफी ज्यादा खर्चा चार्ल्स बैबेज को उठाना पड़ता था, साथ ही यह मशीन लोगों की सुविधा के अनुसार भी नहीं थी।

Charles Babbage, A mathematician, philosopher, inventor and mechanical engineer

आपकी इंफॉर्मेशन के लिए बता दें कि, यह मशीन वजन में बहुत ही भारी थी और इस मशीन को रखने के लिए एक कमरे की जगह लगती थी। चार्ल्स बैबेज को ब्रिटिश गवर्नमेंट ने इस मशीन का निर्माण करने के लिए पैसे दिए थे।

इस मशीन को चलाने के लिए भाप का सहारा लिया जाता था, क्योंकि यह मशीन भाप के द्वारा ही चलती थी। इस मशीन का आविष्कार करने के बाद भी चार्ल्स बैबेज ने अविष्कार बंद नहीं की है और उन्होंने लगातार नई नई चीजों के ऊपर रिसर्च की और इसी प्रकार चार्ल्स बैबेज ने डिफरेंशियल इंजन नाम की मशीन का आविष्कार किया।

आपकी इंफॉर्मेशन के लिए बता दें कि, चार्ल्स बैबेज के द्वारा आविष्कार किए गए डिफरेंशियल इंजन के कारण ही बाद में आगे चलकर के मॉडर्न कंप्यूटर को क्रिएट किया गया।

चार्ल्स बैबेज के बच्चों के नाम

  • बेंजामिन हर्शल बैबेज (1815-1878)
  • चार्ल्स व्हिटमोर बैबेज (1817-1827)
  • (मेजर-जनरल) हेनरी प्रीवोस्ट बैबेज (1824-1918)
  • अलेक्जेंडर फोर्ब्स बैबेज (1827-1827)
  • जॉर्जियाई व्हिटमोर बैबेज (1818 – ????)
  • एडवर्ड स्टीवर्ट बैबेज (1819-1821)
  • फ्रांसिस मूर बैबेज (1821 – ????)
  • डगल्ड ब्रोमहेड (ब्रोमहिल्ड?) बैबेज (1823-1901)

चार्ल्स बैबेज की मृत्यु

79 साल की उम्र में साल 1871 में 18 अक्टूबर को इंग्लैंड देश के लंदन शहर के मार्लीबोन नाम की जगह पर कंप्यूटर के जनक के तौर पर जाने जाने वाले चार्ल्स बैबेज ने इस धरती पर अपनी आखिरी सांसें ली।

हालांकि चार्ल्स बैबेज ने जो दुनिया को दिया है, आज पूरी दुनिया उनका आभार मान रही है।

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