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तुम हो भी पास मेरे और नहीं भी हो तुम – Love Poem In Hindi By Raj Kumar Yadav

एक अनजाना प्यार न जाने कब से पल रहा है मेरी आँखों में,
तुम हो भी पास मेरे और नहीं भी हो तुम
सपनों में रोज तुम बतियाने को फैसला करता हूं
मेरी ख्वाहिशें सिर्फ सिमटी रह जाती है मेरे अधूरे सपनों में

शायद तुम्हे अंदाजा नहीं हो मगर दिल मेरा धड़कता है तेरे नाम से
ठहर जाता हूं मैं उस पल,जब तुम मुझे आवाज देती हो मेरे नाम से
मैं नहीं जानता तेरे दिल में क्या है
मुझे अपना हाल बखूबी पता है
तेरी गलियों के रास्ते बैठे है आज गुमसुम
सबसे होके बेखबर जिनके साथ घूमा करता हूं
चुनता हूं उन धूलों को जो तेरे नंगे पैरों को चूम के बिखर गये रास्तों में

यहीं उम्मीद है इस दिल को एक दिन तुम से बातचीत होगी
मेरे प्यार को कभी तुम अपने दिल से महसूस
करोगी
उन लम्हों का मेरा कबसे इंतजार है
इस दिल पे भला किसका अख्तियार है
मचल जाता है ये दिल बन जाता है मासूम
रोज मैं इस दिल से इक नकली ,इक झूठे वादे करता हूं
के तुम मिलोगी मुझसे चांदनी वाली रातों में,चांदनी के नरम उजालों में

– राजकुमार यादव (Raj Kumar Yadav)

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