Site icon AchhiBaatein.com

निर्णय तो आपको ही लेना हैं

Decision making in Hindi

जब यह जीवन आपका है, इस में आने वाले दुख भी आपके हैं, मंजिलें आपकी है और प्रयास आपके हैं। तो फिर आप अपने जीवन में सही निर्णयों का चयन (Decision making) खुद क्यों नहीं कर पाते?

क्यों आप बार-बार अन्य लोगों से अपने जीवन में आने वाले प्रत्येक कार्य को बेहतर करने के लिए दूसरों की राय लेते हैं? क्या आपको खुद पर विश्वास नहीं रहता कि आप भी अपने कार्यों को बेहतर कर सकते हो?

ऐसा ही होता है अधिकतर उस व्यक्ति के साथ जिसे अपने ही फैसलों पर यकीन नहीं हो पाता। शायद उसे अपने कार्यों को करने से डर लगता होगा या खुद के कार्य बेहतर लगते ही नहीं होंगे।

तभी वह अन्य लोगों से राय लेकर अपने कार्यों को करता होगा।

यह बात कभी मत भूलना जब भी आप संकट में पड़ते हो उस वक्त उस संकट से बाहर आने के लिए आपको कोई भी अच्छा निर्णय (Good Decision) नहीं दे सकता।

क्योंकि यह दुनिया का रिवाज ही है यदि आप कुछ अच्छे कार्य करोगे तो वो अपनी राय जरूर देंगे। ताकि आप अपने लक्ष्य को बदलने के लिए मजबूर हो सके।

परंतु जब आप कभी बड़ी समस्या में पड़ जाते हो तो कोई व्यक्ति अपना निर्णय उस समस्या को हल करने में नहीं देगा।

पर दुर्भाग्यवश यह जानते हुए भी लोग अच्छे कार्यों को करने से पहले सौ बार सोचते हैं और दूसरों की राय लेकर कार्य करते है।

यह जीवन आपका है तो निर्णय आप ही लेंगे।

हालांकि हर बार जीवन में यह नहीं हो सकता कि आप के निर्णय सदैव सही साबित हो और आप हमेशा अपने निर्णय से खुश हो क्योंकि कई बार हम निर्णय तो सही लेते हैं परंतु हमें उन निर्णयों का परिणाम सही नहीं मिल पाता। अतः हमें इस बात से दुखी नहीं होना चाहिए।

क्योंकि जब भी हम किसी कार्य में असफल हो जाते हैं तो हमें वह असफलता इतने अनुभव दे जाती है कि आने वाले वक्त में प्रत्येक कार्य को हम उससे भी बेहतर करने लगते हैं इसलिए हमें अपने जीवन में प्रत्येक निर्णय खुद लेने की क्षमता रखनी चाहिए।

जब भी हम निर्णय लेते हैं तो वह निर्णय इस संसार में सबसे अच्छे निर्णय होते हैं।

क्योंकि हमें हमारे अलावा कोई दूसरा बेहतर नहीं जान सकता इसीलिए हमें आत्मनिर्भर बनना चाहिए, हमें खुद के कार्यों को खुद की जिम्मेदारी समझकर पूरे मन से करनी चाहिए।

तभी हमें इस जिंदगी से अच्छे अनुभव मिल सकते हैं और हम एक बेहतरीन जीवन की तरफ आगे बढ़ने लगते हैं ।

हम आज आपको ऐसी कहानी बताएंगे जिसमें दो व्यक्तियों के जीवन का वर्णन किया गया है। इसमें एक अपने जीवन के प्रत्येक निर्णय लेता है और सफलता की राह पर चलते हुए अपनी मंजिल में पहुंचता है अर्थात अपनी मन की इच्छाएं पूरी कर लेता है।

परंतु दूसरा व्यक्ति जो हमेशा अपने कार्यों में अन्य लोगों के निर्णयों को अपनाता है और वह कभी भी अपने बनाए हुए लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाता और आत्मनिर्भर बनने की वजह दूसरों पर निर्भर हो जाता है।

पहला व्यक्ति जो हमेशा ही दूसरे लोगों से निर्णय को लेकर अपने कार्यों को प्रारंभ करता है वह एक व्यापारी था।

उस व्यापारी को हमेशा अपने लिए सही निर्णय लेने में बहुत सारी परेशानियां होती थी क्योंकि वह अपने बचपन से ही छोटे छोटे फैसले भी दूसरों की सलाह पर लिया करता था।।

वह व्यापारी अपने पूर्वजों की धन दौलत से तो एक व्यापारी बन गया। परंतु उसे व्यापार को किस तरह से बढ़ाया जाए इसके बारे में बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था?

इसलिए वह अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए हमेशा अपने दोस्तों से राय मांगा करता, वह अपने दोस्तों के द्वारा दिए जाने वाली सलाह पर आंख मूंदकर विश्वास करता।

उस व्यापारी का व्यापार आज तक तो ठीक ही चल रहा था।

परंतु अब उसके मित्र खुद उसके व्यापार को चौपट करके अपना व्यापार शुरू करना चाहते हैं और वह हमेशा उस व्यापारी को बुरे निर्णय अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

वक्त के साथ धीरे धीरे व्यापारी का व्यापार चौपट होने लगता है परंतु उसे फिर भी समझ नहीं आता है कि उसे अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए खुद के निर्णय लेने चाहिए या नहीं।

वह फिर भी अपने दोस्तों पर विश्वास करता है और उनसे ही आगे भी निर्णय लेता रहता है, परंतु उसके सभी निर्णय हमेशा ही नुकसानदायक रहते हैं l

जब उसे अपने व्यापार में होते हुए नुकसान का अहसास होने लगता है, तब व्यापारी को लगता है कि उसकी किस्मत ही खराब होगी जिस कारण उसका व्यापार गिर रहा है ।इस प्रकार व्यापारी अपने जीवन में बहुत बड़ी गलती कर बैठता है और अपने अच्छे खासे व्यापार को लगातार नीचे की तरफ लाता है।

और 1 दिन हालात आते हैं कि उसे अपना काम धंधा बंद करके घर पर बैठना पड़ता है।

आज अपनी इस दशा का वह खुद ही जिम्मेदार है क्योंकि वह व्यापारी कभी भी खुद के निर्णय लेता ही नहीं था और ना ही खुद के निर्णयों को अंजाम देने की कोशिश करता, जो अंत में उसकी बर्बादी का कारण बनता है।

अतः व्यापारी की यह कहानी हमें सीख देती है कि हमें सफल बनने के लिए अपने जीवन में खुद के निर्णय लेने चाहिए ना कि अन्य लोगों के ।

अन्य लोग हमेशा हमारे नुकसान तथा अपने फायदे के लिए सोच समझकर निर्णय देते हैं हमें अपने निर्णयों से भले ही असफलता मिले परंतु आगे अच्छे अनुभव लेने का मौका भी मिलता है और यह अनुभव हमारे जीवन में आखिरी सांस तक हमारी सफलता के लिए काम आते हैं ।

दूसरा व्यक्ति जो एक किसान होता है वह अपने जीवन में खुद के निर्णय चुनता है और अपना जीवन एक अच्छे मार्ग की ओर ले जाता है। किसान को कभी भी अन्य लोगों की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि वह अपने बचपन से ही खुद के निर्णय खुद चुनता आ रहा है।

वह अपने जीवन में इतने अनुभव ले चुका है कि कभी भी उसके निर्णय उसके लिए गलत साबित नहीं हो सकते, अच्छे निर्णयों को चुनने का कारण सिर्फ किसान का अनुभव रहा है।

किसान भी अपने जीवन के प्रारंभिक दिनों में कुछ गलत निर्णय चुनता था परंतु अपनी गलतियों से सीख लेकर वह आज कभी भी गलत निर्णय चुनता ही नहीं,अपने लक्ष्य में निरंतर प्रगति करता रहता है ।

उसके निर्णय उसके लिए इतने फायदेमंद रहते हैं कि वह लगातार अपने जीवन में एक छोटे से किसान से एक बडे किसान बनने की तरफ जाता हुआ नजर आता है ।

यह किसान पहले एक छोटा सा आदमी था,लोगों के खेतों में काम करता परंतु धीरे-धीरे अपनी मेहनत, सूझबूझ और सही निर्णय लेने के कारण जिन खेतों में वह कार्य करता था, वह उन खेतों को खरीद कर उनका मालिक बन जाता है और अपने ही खेतों में फिर काम करता है।

इस कारण धीरे-धीरे उसके सही निर्णयों से लगातार वह किसान उन्नति करता है। समय के साथ किसान ने अन्य लोगों के खेत भी खरीद लिए जिसके कारण वह अब एक संपन्न किसान बन गया।

किसान ने अपने जीवन में इतनी प्रगति कर ली थी कि अब उसके पास खेतों का बड़ा समूह था उसने इतने खेत खरीद लिए थे कि वह अब खुद आराम से बैठ कर उन खेतों में नौकर लगवा देता है।

आज किसान अपने खेतों में बहुत सारे नौकर रखकर उनसे काम करवाता है, खेतों में होने वाले अनाज को बेच कर खेतों में काम के लिए रखे गए मजदूरों को वेतन देता है l

ऐसे ही किसान ने अपने जीवन में हमेशा सही निर्णय लेते हुए अपना लक्ष्य हासिल कर लिया। किसान आज किसान खाट पर बैठे बैठे बड़े आराम से बैठकर अपनी खेती बाड़ी का काम देखता है।

इस तरह किसान को अब अपने जीवन में धन दौलत की कमी नहीं रहती और वह एक बड़ा किसान बन जाता है।

इस प्रकार उसने बिना किसी से निर्णय लिए खुद की समझदारी और सूझबूझ के दम पर अपने निर्णयों से अकेले सफलता तक का मार्ग तय किया।

अतः वही लोग सफल होते हैं जो खुद निर्णय लेकर उन निर्णयों को अपनाते हैं क्योंकि दुनिया में राय तो हर कोई दे देता है परंतु हर किसी की राय मानकर हम कई बार लक्ष्य की तरफ बढ़ने की बजाय लक्ष्य से गुमराह हो जाते हैं।

इसलिए हमारी राय खुद के लिए सबसे बेहतर होती है और जब हमारे पास आत्मविश्वास होता है तो हम अपने जीवन में हमेशा सही निर्णय लेते हैंl

सही निर्णय के बल पर हम अपनी मंजिल का सफर मेहनत के साथ तय करते रहते हैं और वही मेहनत एक दिन हमारी सफलता का राज बनती है।

सीख-

इन दोनों कहानियों से हमें यह सीख मिलती है कि जो अपने जीवन में खुद के लक्ष्यों को पाने के लिए खुद के निर्णयों का सहारा लेता है अक्सर वही अपनी मंजिल में पहुंच पाते हैं। इसीलिए हमें अपने जीवन में खुद के निर्णय लेने बहुत आवश्यक होते हैं भले ही हमारे निर्णय हमें असफल क्यों ना कर दे।

परंतु एक दिन खुद के बनाए लक्ष्य तक पहुंचने में हमारे निर्णय ही हमारी मदद करते हैं।

Exit mobile version