• Business Ideas
  • Success Stories
  • व्यक्तित्व विकास
  • सफलता के रहस्य
  • Book Summary
  • Health Tips
Facebook Twitter Instagram LinkedIn Reddit RSS
Most Liked Posts
  • तेरे मेरे इर्द गिर्द : पुस्तक समीक्षा
  • Share Market में नुकसान होने के बावजूद भी लोग पैसा क्यों लगाते हैं?
  • Share market से पैसे कैसे कमाए? Profit बुक करें, मुश्किल नहीं हैं
  • Probo Earning App से पैसे कैसे कमाएं
  • Gyan Kamao का इस्तेमाल करके Gyankamao से पैसे कैसे कमाएं?
  • Freelancing से पैसे कमाने के आसान तरीकें
  • Facebook Ads (FB Advertisements) से कैसे करें कमाई?
  • मोटरसाइकिल (Bike) से पैसे कैसे कमाएं जा सकते हैं ?
Facebook Twitter Instagram Pinterest LinkedIn Reddit RSS
AchhiBaatein.Com
  • Business Ideas
  • Success Stories
  • व्यक्तित्व विकास
  • सफलता के रहस्य
  • Book Summary
  • Health Tips
AchhiBaatein.Com
जीवनी 8 Mins Read

बिहार विभूति डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह का जीवन परिचय

Mahesh YadavBy Mahesh YadavUpdated:Jan 5, 2023No Comments8 Mins Read
भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक तथा राजनीतिज्ञ अनुग्रह नारायण सिंह
साझा करें
Twitter LinkedIn Pinterest Tumblr Reddit WhatsApp

अनुग्रह नारायण सिंह भारत के महान राजनीतिज्ञ, शिक्षक और स्वतंत्रता सेनानी थे इतना ही नहीं अनुग्रह नारायण सिंह जी भारत के उप मंत्री होने के साथ-साथ वित्त मंत्री भी थे उन्होंने बखूबी हमारे देश को काफी समय के लिए संभाला था।

महात्मा गांधी जी द्वारा किए गए चंपारण सत्याग्रह में इन्होंने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। अनुग्रह नारायण सिंह जी बिहार के आधुनिक निर्माता थे। जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था।‌ देश को आजादी दिलाने में उनके कार्य अविस्मरणीय है। इस महान व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उनकी इस जीवनी को अवश्य पढ़ें।

अनुग्रह नारायण सिंह जीवनी

अनुग्रह नारायण सिंह का जन्म वर्ष 1887 में हुआ था। इन्हें बाबू साहब और बिहार विभूति की उपाधि प्राप्त थी। आधुनिक बिहार का निर्माण करने में अनुग्रह नारायण सिंह ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी।

इसके अलावा उन्होंने अपने जीवनकाल में अंग्रेजों का पुरजोर विरोध भी किया था। इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए विभिन्न प्रकार के अहिंसक आंदोलन और सत्याग्रह में भाग लिया था और गांधीजी के साथ मिलकर भी इन्होंने कई आंदोलन किए थे।

अपने कॉलेज के दिनों में इन्हें ऐसे कई लोग मिले, जो भारत देश को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए प्रयासरत थे, उनका अनुग्रह नारायण सिंह पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा। अनुग्रह नारायण सिंह ने 1946 में 2 जनवरी से लेकर अपनी मृत्यु तक बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला और जिम्मेदारी के साथ अपने मंत्रालय की सभी जिम्मेदारियों को पूरा किया।

अनुग्रह नारायण सिंह व्यक्तिगत परिचय

पूरा नामअनुग्रह नारायण सिंह
अन्य नामअनुग्रह बाबू
जन्म18 जून ,1887
जन्मभूमि बिहार
मृत्यु5 जुलाई, 1957
मृत्यु स्थानपटना
विद्यालयकलकत्ता विश्वविद्यालय, प्रेसीडेंसी कॉलेज (कलकत्ता)
भाषाहिन्दी,अंग्रेज़ी
पुरस्कार-उपाधिबिहार विभूति
नागरिकताभारतीय
पार्टीभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पदबिहार के प्रथम उप मुख्यमंत्री
कार्य काल2 जनवरी, 1946 से 05 जुलाई,1957
शिक्षास्नातक, बी. एल., क़ानून में मास्टर डिग्री और डॉक्टरेट
विशेष योगदानभारत की स्वतन्त्रता, अहिंसक आन्दोलन, सत्याग्रह

अनुग्रह नारायण सिंह का प्रारंभिक जीवन

विशेश्वर दयाल सिंह जी के परिवार में जन्मे नारायण सिंह की जन्मतिथि वर्ष 18 वर्ष 1897 है। इनका जन्म बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले के पोईआवा नाम के गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ था।

इनके पिताजी अपने इलाके के काफी दमदार और दबंग छवि वाले व्यक्ति माने जाते थे। लोग इनके पिताजी को इनके इलाके में वीर पुरुष कहकर बुलाते थे।

अनुग्रह नारायण सिंह की शिक्षा

अनुग्रह नारायण सिंह ने साल 1900 में औरंगाबाद के मिडिल स्कूल में एडमिशन लिया। इसके बाद साल सन 1904 में अनुग्रह नारायण सिंह ने गया जिले में स्थित स्कूल में एडमिशन लिया और स्कूल की पढ़ाई गया से पूरी करने के बाद वह पटना चले गए जहां पर उन्होंने साल 1908 में कॉलेज में एडमिशन लिया।

अनुग्रह नारायण सिंह जब पटना कॉलेज में आए, तो उस समय देश के पढ़े लिखे लोगों के दिल में अंग्रेजों की गुलामी करने का बहुत ही बड़ा दुख था और वह अंग्रेजों की गुलामी और अंग्रेजी शासन के राज से बहुत ही ज्यादा परेशान थे।

पटना आने के बाद अनुग्रह नारायण सिंह भी इससे अछूते नहीं रह पाए, उनके मन के अंदर भी अंग्रेजों की गुलामी को जड़ से उखाड़ फेंकने का ज्वार उमड़ने लगा।

पटना में ही अनुग्रह नारायण सिंह की मुलाकात योगीराज अरविंद और सुरेंद्र नाथ बनर्जी जैसे लोगों से हुई और इन लोगों से मिलने के बाद तो इनके अंदर भारत माता की सेवा करने के लिए और भी ज्यादा हिम्मत आ गई और इन्होंने भारत माता की सेवा करने के रास्ते पर आगे बढ़ने का फैसला किया।

अनुग्रह नारायण सिंह ने ही “बिहारी छात्र सम्मेलन’ नाम की संस्था को सरफुद्दीन के साथ मिलकर बनाया और इस संस्था में राजेंद्र बाबू जैसे होनहार विद्यार्थियों के साथ काम करने का मौका अनुग्रह नारायण सिंह को प्राप्त हुआ।

अनुग्रह नारायण सिंह की राजनैतिक जिंदगी

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि, कॉलेज में आने के बाद इनकी मुलाकात कई ऐसे लोगों से हुई जो देश को अंग्रेजो की गुलामी से आजाद कराने के बारे में विचार करते थे।

इसीलिए इनके मन में अंग्रेजों के प्रति बहुत ही ज्यादा नफरत भर गई थी।इस प्रकार अंग्रेजो के खिलाफ अपना पहला बिगुल अनुग्रह नारायण सिंह ने चंपारण से अपने सत्याग्रह आंदोलन को स्टार्ट करके किया।

इसके बाद उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलन में भाग लिया। बिहार विभूति कहे जाने वाले अनुग्रह नारायण सिंह को जब जब मौका मिला तब तब उन्होंने अंग्रेजों का पुरजोर तरीके से विरोध किया और जिंदगी में कभी भी अंग्रेजों का समर्थन नहीं किया।

अनुग्रह नारायण सिंह यहीं पर नहीं रुके वह महात्मा गांधी और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के साथ मिलकर राष्ट्रीय आंदोलन में भी जुड़े और उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका राष्ट्रीय आंदोलन में निभाई।

अनुग्रह नारायण सिंह: आधुनिक बिहार के निर्माता

अनुग्रह नारायण सिंह को आधुनिक बिहार का निर्माता भी कहा जाता है। यह हमारे देश के उन गिने-चुने सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले नेता थे, जिन्होंने अपने स्टूडेंट की लाइफ से लेकर अपनी जिंदगी के आखिरी दिनो तक समाज एवम सम्पूर्ण देश की सेवा की।

बिहार राज्य के लिए इन्होंने जो काम किया, उसके लिए इन्हें बिहार के लोग प्यार से “बिहार विभूति‘ कह कर बुलाते हैं।

अनुग्रह नारायण सिंह: बिहार के पहले उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री

अनुग्रह नारायण सिंह को बिहार विभूति के अलावा बाबू साहब भी कहा जाता था। साल 1937 में यह बिहार प्रांत के पहले वित्त मंत्री बनने में सफल हुए। यह 1937 से लेकर सन 1957 तक कांग्रेस विधायक दल के उप नेता थे। इसके बाद साल 1946 में जब दूसरे मंत्रिमंडल का निर्माण किया गया, तो उसमें अनुग्रह नारायण सिंह को वित्त मंत्री और श्रम मंत्रालय दोनों डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी दी गई और इन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ दोनों विभागों के कार्य को संभाला।

श्रम मंत्रालय को संभालने के दरमियान अनुग्रह नारायण सिंह ने मजदूरों की प्रॉब्लम के समाधान के लिए जो भी नियम और कानून तथा प्रावधान बनाए थे, उसका आज भी इस्तेमाल मजदूरों की भलाई के लिए किया जाता है।

अनुग्रह नारायण सिंह ने खाद़ बीज, मिट्टी और मवेशी में सुधार लाने के लिए अनेक प्रकार की रिसर्च और शोध के काम करवाए थे। इसके अलावा अनुग्रह नारायण सिंह ने पहली बार जापानी पद्धति से धान की पैदावार करने की विधि के बारे में खूब प्रचार-प्रसार लोगों के बीच में करवाया, ताकि लोग आधुनिक पद्धति से धान की पैदावार कर सकें।

अनुग्रह नारायण सिंह और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन

बचपन से ही अनुग्रह नारायण सिंह के दिल में देश की सेवा करने का सैलाब उमड़ रहा था और बड़े होने पर उन्हें अपनी इच्छा पूरा करने का मौका भी अवश्य मिला।

वर्ष 1910 में अनुग्रह नारायण सिंह ने बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स में एडमिशन लेकर अपने कोर्स की पढ़ाई चालू की। इसी साल गांधी जी के साथ काम करने वाले महामना पोलक साहब बिहार राज्य के पटना में आए और वहां पर आकर उन्होंने अफ्रीका में रहने वाले प्रवासी भारतीयों के बारे में विभिन्न प्रकार की बातें कहीं, जिनका अनुग्रह नारायण सिंह पर गहरा प्रभाव पड़ा।

इसी साल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में कांग्रेस का अखिल भारतीय कांग्रेस अधिवेशन हुआ, जिसके अंदर अनुग्रह नारायण सिंह ने अपने दोस्तों के साथ जाकर भाग लिया।

इस अधिवेशन में महामना और गोखले जैसे लोगों ने काफी जोरदार भाषण दिया और उनके द्वारा दिए गए भाषण को सुनने के बाद अनुग्रह नारायण सिंह और भी ज्यादा प्रभावित हुए।अनुग्रह नारायण जब पढ़ाई कर रहे थे, तभी उन्होंने संगठन शक्ति और कार्य के संचालन की काबिलियत को अपने अंदर ला लिया था।

अनुग्रह नारायण सिंह का प्रोफेसर बनना

अपनी पढ़ाई को पूरी करने के बाद अपने दोस्तों के कहने पर अनुग्रह नारायण सिंह ने बिहार राज्य के भागलपुर जिले में स्थित तेज नारायण जुबिल कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर की पोस्ट के लिए अप्लाई कर दिया और सहयोग से इनका सिलेक्शन इस पोस्ट के लिए हो भी गया।इसके बाद इन्होंने इस पोस्ट पर नौकरी करना स्टार्ट कर दिया।

अनुग्रह नारायण सिंह का प्रोफेसर के पद से इस्तीफा

साल 1916 में अनुग्रह नारायण सिंह ने अपने प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया और फिर वह पटना में वकालत करने के लिए चले गए।

अनुग्रह नारायण सिंह की मृत्यु

बिहार विभूति और बाबू साहब के नाम से पहचाने जाने वाले अनुग्रह नारायण सिंह का निधन एक बीमारी के कारण साल 1957 में बिहार राज्य के पटना जिले में 5 जुलाई को उनके घर पर ही हो गया।

इनके निधन के बाद उस समय के मुख्यमंत्री ने कुल 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा बिहार राज्य में की थी। जब इनका अंतिम संस्कार किया गया, तो उस टाइम इनके चाहने वाले लोगों की काफी भीड़ इनके अंतिम संस्कार में शामिल हुई।

साल 1946 में 2 जनवरी से लेकर अपनी मौत होने तक अनुग्रह नारायण सिंह ने बिहार राज्य के उपमुख्यमंत्री और सह वित्त मंत्री के पद पर रहकर कार्यभार संभाला।

इनकी जीवनी भी पढ़ें

  • भारत कोकिला Sarojini Naidu का जीवन परिचय
  • बर्डमैन सलीम अली जीवनी
  • टेलीफोन के आविष्कारक एलेग्जेंडर ग्राहम बेल का जीवन परिचय
  • अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन का जीवन परिचय
  • एक महान दार्शनिक प्लेटो का जीवन परिचय
  • PM नरेंद्र मोदी (संघर्ष, प्रतिबद्धता, सकारात्मकता और साहस के धनी) का जीवन परिचय
  • फोर्ड मोटर्स के संस्थापक, असेम्ब्ली लाइन के अविष्कारक हेनरी फोर्ड का परिचय
Previous Articleबेस्ट पॉप सिंगर Justin Bieber का जीवन परिचय
Next Article राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का जीवन परिचय
Mahesh Yadav
  • Website
  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn

Mahesh Yadav is a software developer by profession and likes to posts motivational and inspirational Hindi Posts, before that he had completed BE and MBA in Operations Research. He has vast experience in software programming & development.

यह भी पढ़े

12 Mins Read

पल्लवी जोशी जीवनी ~ Pallavi Joshi Biography in Hindi

पूरा पढ़े
11 Mins Read

CDS Bipin Rawat Biography चीनी सेनाओं को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था

पूरा पढ़े
8 Mins Read

दुनिया के सबसे जुगाडू इन्सान बिजनेस मैग्नेट Richard Branson जीवनी

पूरा पढ़े

Leave A Reply Cancel Reply

Popular Posts
5 Mins ReadJul 25, 2020

छोटे Business Man के लिए Financial Planning के कुछ Tips

9 Mins ReadMar 9, 2025

भारत के राज्य, राजधानी और मुख्यमंत्री

7 Mins ReadAug 16, 2020

विश्व के प्रमुख देश उनकी राजधानी एवं मुद्राएँ | Country, Capital & Currency

6 Mins ReadDec 31, 2022

Blog, Blogging क्या हैं? क्या मुझे ब्लॉगिंग करनी चाहिए?

8 Mins ReadAug 15, 2020

जानिए पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के बारें में About Trademark, Copyright & Patent

Latest Posts
5 Mins ReadOct 13, 2024
तेरे मेरे इर्द गिर्द : पुस्तक समीक्षा
9 Mins ReadAug 6, 2023
Share Market में नुकसान होने के बावजूद भी लोग पैसा क्यों लगाते हैं?
9 Mins ReadAug 6, 2023
Share market से पैसे कैसे कमाए? Profit बुक करें, मुश्किल नहीं हैं
15 Mins ReadJul 17, 2023
Probo Earning App से पैसे कैसे कमाएं
1 2 3 … 184 Next
Categories
  • Blogging Tips (8)
  • Book Summary (35)
  • Business Ideas & Earn Money (31)
  • General (13)
  • General Knowledge (55)
  • Health Tips (53)
  • Hindi Essay (2)
  • Hindi Quotes (59)
  • Hindi Thoughts (39)
  • Let's Laugh (8)
  • Motivational Hindi Songs (47)
  • Motivational Hindi Stories (25)
  • Personality Development (50)
  • Success Stories (17)
  • अमर कहानियाँ (7)
  • चाणक्य नीति (19)
  • चुटकुले (9)
  • जीवनी (63)
  • धार्मिक परंपरा व आस्था (12)
  • प्रेरक प्रसंग (10)
  • महत्वपूर्ण जानकारियां (9)
  • रोचक घटनाये (3)
  • रोचक तथ्य (8)
  • लोक व्यवहार (33)
  • श्रीमदभागवत गीता अंश (9)
  • सफलता के मंत्र (73)
  • सफलता के रहस्य (54)
  • हिंदी कहानियाँ (93)
  • हिंदी दोहे और उक्तिया (1)
  • हिंदी शेर और शायरी (6)
  • हिन्दी कविताएं (40)
About Us

अच्छी बातें डॉट कॉम

AchhiBaatein is a famous Hindi blog for Famous Quotes and Thoughts, Motivational & Inspirational Hindi Stories and Personality Development Tips

DMCA.com Protection Status

Recent Comment
  • Sahil Solanki on आसान तरीकों से रोज 200 रूपए कैसे कमाए?
  • Rohini on खुद को सोने के सिक्के जैसा बनाइए अगर नाली में भी गिर जाए तो भी कीमत कम नहीं होती
  • Manisha mer on भीड़ हौंसला तो देती है, लेकिन पहचान छीन लेती है | Never follow the crowd
  • Umang pasaya on Free Fire Game खेलकर पैसे कैसे कमाएं?
Subscribe to Updates
सभी नए Posts अपने E-Mail पर तुरंत पाने के लिए यहाँ अपनी E-mail ID लिखकर Subscribe करें।

कृपया यहाँ Subscribe करने के बाद अपनी E-mail ID खोलें तथा भेजे गये Verification लिंक पर Click करके Verify करें

Powered by ® Google Feedburner

Copyright © achhibaatein.com 2013 - 2025 . All Rights Reserved
  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • Guest Column
  • Privacy Policy
  • Sitemap

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.