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Book Summary 10 Mins Read

How to win friends & influence people पुस्तक सारांश

Mahesh YadavBy Mahesh YadavUpdated:Feb 2, 2023No Comments10 Mins Read
Dale Cornegie's How To Win Friends and Influence People summary
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अगर आप चाहते हैं कि आपका काम बेहतर हो और आप अच्छे रिलेशन बनाना चाहते हैं साथ ही आप चाहते हैं कि लोग आपको ज्यादा से ज्यादा से ज्यादा पसंद करें, आपकी कंपनी Enjoy करें तो डेल कार्नेगी की यह बुक How to win friends and influence people आपको जरूर पढ़नी चाहिए।

इस किताब में कई सारे ऐसे Lessons बताए गए हैं जिसे आप अपनी लाइफ में अप्लाई कर सकते हैं। अगर आप इस किताब में बताए गए Lesson को सच में यूज करते हैं तो आप अपनी Personality को और बेहतर बना पाएंगे।

यह बुक सभी के लिए हैं इससे एक Married इंसान से लेकर Single, Leader, Students, Business owner, Entrepreneur कोई भी पढ़ सकता है।

Introduction

इस दुनिया में किसी भी इंसान को Influence (प्रभावित) करके उससे काम निकलवा पाना सच में एक Art है। इस किताब में जो प्रिंसिपल बताए गए हैं वह आपको ये Art सीखने में मदद करेंगे।

इस किताब में बताई गई बातों को जानकर आप ना सिर्फ लोगों को Influence करने की कला सीख सकते हैं बल्कि आप इन प्रिंसिपल को जानकर अपने कॉन्फिडेंस को भी बढ़ा सकते हैं।

लेकिन हां यह तभी हो पाएगा जब आप इन प्रिंसिपल को रियल लाइफ में प्रैक्टिस करेंगे। क्योंकि इन प्रिंसिपल को यूज करके आप अपने आसपास के लोगों से अपना काम आसानी से निकलवा सकते हैं तो चलिए सबसे पहले ऐसी टेक्निक पर बात करते हैं जिसका यूज करके आप किसी को भी आसानी से हैंडल कर सकते हैं।

Principal 1. Don’t criticize, condemn or complain

मतलब आपको लोगों को कड़वे या तीखे शब्दों से आलोचना या फिर बुराई नहीं करनी चाहिए।

इस किताब का सबसे पहला प्रिंसिपल हमें बताता है कि हमें किसी इंसान की बुराई करने से पहले उसे समझने की कोशिश करनी चाहिए। मतलब हमें समझना चाहिए कि वह आदमी जिस तरह से बर्ताव कर रहा है वह क्यों कर रहा है?

जब आप लोगों की बुराई करने की जगह उनकी स्थिति को समझने की कोशिश करेंगे तब ये चीज आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगी क्योंकि ऐसा करने से न सिर्फ आप दूसरे को समझ पाएंगे बल्कि अपने अंदर की सहनशीलता को भी बढा पाएंगे।

द ग्रेट अब्राहम लिंकन ने भी इस प्रिंसिपल को फॉलो किया है। अब्राहम लिंकन अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताते हैं कि पहले वह अपने विरोधियों की सबके सामने आलोचना किया करते थे।

इसकी वजह से एक बार एक विरोधी ने लिंकन की बात सुनकर उन्हें तलवार से मारने की धमकी दे दी थी जिससे वह काफी डर गए थे और इस घटना के बाद उन्होंने डायरेक्टली किसी भी विरोधी की आलोचना करना छोड़ दिया। यहां तक कि वह दूसरों को भी यही सलाह देते हैं कि उन्हें किसी की भी बुराई नहीं करनी चाहिए।

Principal 2. Give honest and sincere appreciation

मतलब आपको पूरी इमानदारी और साफ मन के साथ दूसरों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

किसी भी इंसान से कुछ भी करवाने का एक आसान लेकिन बहुत ही फायदेमंद तरीका है उस इंसान की साफ मन से तारीफ करना।क्योंकि तारीफ सुनना हर किसी को अच्छा लगता है और जब कोई किसी की तहे दिल से तारीफ करता है तो वह तारीफ उस इंसान के दिल पर अपनी गहरी छाप छोड़ जाती है।

आपकी की गई 1 तारीफ उस इंसान के दिल में जिंदगी भर याद रहती हैं इसलिए जब आप उसे कुछ करने के लिए कहते हैं तो वह खुशी-खुशी आपका काम करने के लिए तैयार हो जाता है।

अगर मैं इस प्रिंसिपल को एक एग्जांपल के साथ समझाऊं तो

एक बार एक कंस्ट्रक्शन साइट पर मैनेजर के कहने पर मजदूर उनके सामने सेफ्टी हेलमेट लगा लेते थे, लेकिन जैसे ही वह अपनी नजर किसी काम से दूसरी जगह पर लगाते थे वह अपना हेलमेट निकाल देते थे। मैनेजर को भी यह बात पता चल गई।

इसलिए उन्होंने मजदूरों को हेलमेट लगाने के लिए फोर्स करने की जगह कोई दूसरा तरीका निकाला। मजदूरों को हेलमेट लगाने के लिए डांटने के जगह मैनेजर ने उनसे पूछा कि क्या आप कोई हेलमेट अच्छे नहीं लग रहे हैं या फिर आपको इसकी फिटिंग अच्छी नहीं लग रही है?

साथ ही मैनेजर ने यह भी कहा कि अगर इन दोनों में से कोई बात नहीं है तो आपको अपनी सेफ्टी के लिए हेलमेट्स को पहनना चाहिए। क्योंकि वह नहीं चाहते हैं कि उनके कीमती वर्कर्स को चोट लगे। मैनेजर ने जब अपने मजदूरों को अपने लिए कीमती कहा तो मैनेजर की बातों को सुनकर मजदूरों ने रोजाना हेलमेट पहनना शुरू कर दिया और मैनेजर की यह तरकीब काम कर गई।

Principal 3. Arouse in the other person an egar want

मतलब आपको दूसरे व्यक्ति के मन में उत्सुकता जगानी होगी।

किसी भी काम को करवाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप उस काम को करने के लिए दूसरे को मोटिवेट कर दें। मान लीजिए आपके दिमाग में कोई बहुत ही अच्छा आइडिया आया है और आप चाहते हैं कि आप उस आइडिया पर काम करें तो ऐसे में आपको दूसरे लोगों के सामने इस तरह से पेश करना होगा।

जिससे उन्हें यह बिल्कुल भी महसूस ना हो कि वह आइडिया आपका है बल्कि उन्हें यह आइडिया अपना लगे। मतलब आपको अपने आईडिया को लोगों के दिमाग में पूरी तरह घोल देना है जिससे वो आपके आइडिया को अपना समझकर उस आईडिया में काम करने के लिए पूरी तरह खुद को झोंक दे।

बहुत से सक्सेसफुल लोग इस साइकोलॉजी का इस्तेमाल अपनी प्रोफेशनल लाइफ में करते हैं।

इस प्रिंसिपल को समझाने के लिए डेल कार्नेगी अपना एक एक्सपीरियंस शेयर करते हैं वह कहते हैं कि Brooklyn institute of arts and science के ब्रिलियंट स्टूडेंट के लिए वह एक बार अच्छे-अच्छे ऑथर्स को बुलाकर एक लेक्चर ऑर्गेनाइज करना चाहते थे।

लेकिन प्रॉब्लम यह थी कि सारे ऑथर्स अपने काम में काफी ज्यादा बिजी थे, इसीलिए डेल कार्नेगी ने 150 स्टूडेंट के साथ मिलकर खत लिखा और उन्होंने उन टीचर्स को भेज दिया जिसे कार्नेगी लेक्चर में बुलाना चाहते थे।

जैसे ही ऑथर्स को यह लेटर मिली वह अपना देश छोड़कर ब्रुकलैन चले आए। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस लेटर में 150 स्टूडेंट ने अपने साइन किए थे और लेखकों से यह विनती की थी अगर वह यहां आकर उन्हें सिखाएंगे तो यह उनके लिए बहुत गर्व की बात होगी।

इस तरह का लेटर पढ़कर तो कोई भी पिघल जाएगा। लेखकों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ तो यह थे कुछ प्रिंसिपल, जिसकी मदद से आप अपने आसपास के लोगों को आसानी से हैंडल कर सकते हैं। आप इस बात को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं कर सकते कि लोग अक्सर ऐसे लोगों की मदद करते हैं या उन लोगों की काम करते हैं जिन्हें वह पसंद करते हैं।

तो चलिए आगे के प्रिंसिपल में हम यह जानते हैं कि आखिर हम ऐसा क्या करें जिससे दूसरे लोग हमें पसंद करने लगे।

Principal 4. Become genuinely interested in other people.

मतलब आपको पूरे दिल से लोगों में इंटरेस्ट लेना शुरु करना होगा।

अगर आप चाहते हैं कि दूसरे लोग आपको पसंद करें और आप लोगों के साथ सच्ची दोस्ती बनाना चाहते हैं तो आपको हमेशा इस प्रिंसिपल को ध्यान में रखना चाहिए।

पूरे दिल से दूसरे में इंटरेस्ट लेने का मतलब होता है अगर आप चाहते हैं कि वह इंसान आपका दोस्त बन जाए तो आपको सच्चे दिल से उसके बारे में सोचना चाहिए और उसे अपना कीमती वक्त देना चाहिए।

क्योंकि सच्ची दोस्ती काम करने के लिए आप स्वार्थ को बीच में नहीं ला सकते क्योंकि जब Selfishness सामने रहती है तब सच्ची दोस्ती कभी कम नहीं होती लेकिन अगर आप साफ मन से किसी की मदद करेंगे या उसमें इंटरेस्ट लेंगे तभी आपकी दोस्ती हमेशा के लिए कायम हो पाएगी।

अगर मैं इस प्रिंसिपल को और बेहतर तरीके से समझाने की कोशिश करूं तो आप Imagine कीजिए कि आप किसी फॉरेनर से दोस्ती करने की सोच रहे हैं। ऐसे में अगर आप विदेशी से उसी की भाषा में बात करेंगे तो वह आपको पसंद करने लगेगा।

इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि हमें अपने अस्तित्व को भूल कर दूसरों की तरह बन जाना चाहिए बल्कि हमें दूसरों को समझने के लिए उनकी कुछ बातों को देखना चाहिए और उनकी बातों को समझने की कोशिश करनी चाहिए।

Principal 5. Remember the name of the person

हर इंसान के लिए उसका नाम बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि अगर किसी के लिए अपना नाम जरूर नहीं होता तो वह नहीं चाहता कि उसका नाम अमर हो जाए या फिर उसका नाम पूरी दुनिया में रोशन हो जाए।

फेमस राइटर शेक्सपियर ने एक बात बहुत ही खूब कहा है What’s in name ? मतलब कि नाम में क्या रखा है लेकिन शायद साहब ये बात सोचना भूल गए कि हर इंसान के लिए उसका नाम सबसे ज्यादा जरूरी होता है।

क्योंकि नाम ही वह चीज है जो एक आदमी को दूसरे आदमी से अलग बनाती है। इसीलिए अगर हम किसी इंसान को उसके नाम से बुलाए तो वह उसके लिए ज्यादा फायदेमंद होगा।

आपने ज्यादातर इस बात को नोटिस किया होगा कि जो लोग ऊंचे पद पर होते हैं वह अपने से नीचे काम कर रहे लोगों के नाम को याद नहीं रखते लेकिन अगर आप एक अच्छा लीडर बनना चाहते हैं तो आपको अपने से नीचे पद में काम कर रहे लोगों का नाम याद रखना चाहिए।

दुनिया के बड़े-बड़े महान बिजनेसमैन जैसे टाटा इस बात को भलीभांति समझते हैं और वह इस प्रिंसिपल को फॉलो भी करते हैं।

Principal 6. Talk in terms of other person’s interest

मतलब दूसरे इंसान के पसंद के हिसाब से बातें करें।

अगर आप चाहते हैं कि आप किसी इंसान से लंबे समय तक बिना बोर हुए बात कर पाए तो यह प्रिंसिपल आपको जरूर ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि जब आप इस प्रिंसिपल को ध्यान में रखकर अपनी बातचीत शुरू करेंगे तब आप को पता ही नहीं चलेगा कि कैसे आपने किसी से लंबी बातें कर ली।

हम लोगों की आदत होती है कि जब हम किसी इंसान से पहली बार मिलते हैं तो हम उनसे अपने ही बारे में बात करने लगते हैं जो कि एक बहुत ही गलत तरीका है।

इसलिए जब भी आप किसी नए व्यक्ति से मिले, तो आपको अपनी बात कहने के साथ साथ सामने वाले की बात को भी ध्यान से सुनना चाहिए।

लिटरेचर के प्रोफेसर William lyon जब 10 साल के थे तब उनकी आंटी के घर में एक आदमी उनकी आंटी से मिलने के लिए आया था। तब छोटे विलियम वहीं पर खेल रहे थे और तब उन्हें Boat बहुत ही ज्यादा पसंद थी उस आदमी ने कुछ देर आंटी से बात की और फिर उन्होंने विलियम से बात करना शुरू कर दिया।

जैसे ही उस आदमी ने विलियम से बात करना शुरू किया वैसे ही विलियम ने उस आदमी को अपने Boat के बारे में बताना शुरू कर दिया। जितनी जानकारी वह बोट के बारे में रखते थे शायद उन्होंने सारी बात बता रही थी लेकिन वह आदमी बड़े ही दिलचस्पी के साथ विलियम की हर एक बात को सुन रहा था।

बातचीत पूरी हो जाने के बाद जब व्यक्ति वापस चले गए। तब छोटे विलियम ने अपनी आंटी से उस आदमी की तारीफ करना शुरू कर दिया वह कहने लगे कि यह आदमी तो बहुत अच्छा है क्योंकि इन्हें भी मेरे तरह Boat बहुत पसंद है।

विलियम के ऐसा कहने पर उनकी आंटी ने उन्हें रोका और कहा कि विलियम यह अंकल न्यूयॉर्क में एक लॉयर हैं और इन्हें Boat बिल्कुल भी पसंद नहीं है लेकिन तुम इतने मन से बता रहे थे अपनी बात की वह तुम्हारी बातों को सुनने से रूक नहीं पाए और ऐसा इसलिए है क्योंकि वह एक जेंटलमैन आदमी है।

विलियम लियोन की कहानी हमें सिखाती है कि हमें हमेशा अपने बारे में ही बात नहीं करनी चाहिए बल्कि कई बार हमें दूसरों की बातों को भी सुनना चाहिए कि आखिर वह क्या कहना चाह रहे हैं क्योंकि दूसरों को समझने के लिए बहुत ही अच्छा तरीका होता है।

निष्कर्ष

इस किताब में बताए गए प्रिंसिपल को यूज करके आप आसानी से किसी भी इंसान को Influence करके अपने लिए काम करवा सकते हैं।

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Mahesh Yadav
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Mahesh Yadav is a software developer by profession and likes to posts motivational and inspirational Hindi Posts, before that he had completed BE and MBA in Operations Research. He has vast experience in software programming & development.

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