• Business Ideas
  • Success Stories
  • व्यक्तित्व विकास
  • सफलता के रहस्य
  • Book Summary
  • Health Tips
Facebook Twitter Instagram LinkedIn Reddit RSS
Most Liked Posts
  • तेरे मेरे इर्द गिर्द : पुस्तक समीक्षा
  • Share Market में नुकसान होने के बावजूद भी लोग पैसा क्यों लगाते हैं?
  • Share market से पैसे कैसे कमाए? Profit बुक करें, मुश्किल नहीं हैं
  • Probo Earning App से पैसे कैसे कमाएं
  • Gyan Kamao का इस्तेमाल करके Gyankamao से पैसे कैसे कमाएं?
  • Freelancing से पैसे कमाने के आसान तरीकें
  • Facebook Ads (FB Advertisements) से कैसे करें कमाई?
  • मोटरसाइकिल (Bike) से पैसे कैसे कमाएं जा सकते हैं ?
Facebook Twitter Instagram Pinterest LinkedIn Reddit RSS
AchhiBaatein.Com
  • Business Ideas
  • Success Stories
  • व्यक्तित्व विकास
  • सफलता के रहस्य
  • Book Summary
  • Health Tips
AchhiBaatein.Com
जीवनी 8 Mins Read

महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह का जीवन परिचय

Jyoti YadavBy Jyoti YadavUpdated:Jan 5, 2023No Comments8 Mins Read
The martyr Shaheed Bhagat Singh
साझा करें
Twitter LinkedIn Pinterest Tumblr Reddit WhatsApp

भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियो और क्रांतिकारियों में भगत सिंह का नाम सबसे पहले आता है। हमारे देश को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने के लिए भगत सिंह ने चंद्रशेखर आजाद व अपने अन्य मित्रों के साथ मिलकर जंग छेड़ दी थी। भगत सिंह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत माता के लिए अपने प्राणों की आहुति हंसते-हंसते दे दी।

जब भगत सिंह को फांसी दी जा रही थी, तब भी तीनों देश भक्त (राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह) देश भक्ति के गीत ही गा रहे थे। भगत सिंह ने हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए कौन-कौन से कार्य किए हैं यह जानने के लिए उनकी जीवनी को जरूर पढ़ें।

भगत सिंह जीवनी

भगत सिंह को गर्म स्वभाव का व्यक्ति कहा जाता था, इन्हें ब्रिटिश असेंबली में बम फेंकने के जुर्म में अपने 2 साथियों सुखदेव और राजगुरु के साथ 31 मार्च को तब के पाकिस्तान के लाहौर शहर की जेल में बिना किसी व्यक्ति को सूचना दिए हुए अंग्रेजी गवर्नमेंट ने फांसी पर लटका दिया।

इनका जन्म सन 1907 में 27 सितंबर को हुआ था। भगत सिंह ने अपनी जिंदगी में जो कार्य किए उनके लिए भारत सदा उनका ऋणी रहेगा और जब जब देश प्रेम के लिए अपनी जान निछावर करने वाले व्यक्तियों का नाम लिया जाएगा, तब तब उसमें भगत सिंह का नाम अवश्य रहेगा।

भगत सिंह व्यक्तिगत जीवन परिचय

पूरा नामशहीद भगत सिंह
जन्म27 सितम्बर 1907
जन्म स्थानजरंवाला तहसील, पंजाब
माता-पिताविद्यावती, सरदार किशन सिंह सिन्धु
भाई-बहनरणवीर, कुलतार, राजिंदर, कुलबीर, जगत, प्रकाश कौर, अमर कौर, शकुंतला कौर
मृत्यु23 मार्च 1931, लाहौर
प्रसिद्धिशहीद-ए-आजम
धर्मसिक्ख

शहीदे आजम भगत सिंह का प्रारंभिक जीवन

एक पंजाबी सिख फैमिली में साल 1907 में 27 सितंबर को उस समय के पंजाब के नवांशहर जिले के खटकर कलां गांव में भगत सिंह का जन्म हुआ था। जब भगत सिंह का जन्म हुआ था, तब शायद उनकी माता को भी नहीं पता था कि 1 दिन उनका यह बेटा आगे चलकर भारत देश के लिए कुर्बान हो जाएगा और इतिहास में इसका नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।

भगत सिंह के पिता जी का नाम सरदार किशन सिंह था और इनकी माता जी का नाम विद्यावती था। भगत सिंह अपने माता पिता की तीसरी संतान थे। भगत सिंह के पैदा होने से पहले ही इनकी फैमिली स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी हुई थी और सक्रिय रूप से हर आंदोलन में शामिल होती थी।

भगत सिंह के पिता किशन सिंह और भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह गदर पार्टी के मेंबर थे। इस पार्टी का निर्माण अंग्रेजी हुकूमत को भारत से खदेड़ने के लिए अमेरिका में किया गया था। जब भगत सिंह पैदा हुए और थोड़े बड़े हुए तो परिवार के माहौल का उनके ऊपर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा, बाल काल से ही उनके अंदर देश प्रेम की भावना जागने लगी और वह बाल्यकाल से ही यह सोचने लगे कि बड़े होकर वह भी अंग्रेजों का अपने स्तर से पुरजोर विरोध करेंगे।

भगत सिंह का लाला लाजपत राय और रासबिहारी बोस से संपर्क

जब लाहौर के DAV विद्यालय में साल 1916 में भगत सिंह अपनी स्टडी कर रहे थे, तभी भगत सिंह की मुलाकात उस टाइम के बहुत ही प्रसिद्ध स्वतंत्रता आंदोलनकारी और गर्म मिजाज के व्यक्तित्व रखने वाले लाला लाजपत राय और रासबिहारी बोस से हुई।

उस टाइम तक लाला लाजपत राय पंजाब में बहुत ही ज्यादा फेमस हो गए थे। जब जलियांवाला बाग में अंग्रेजी अधिकारी के द्वारा निर्दोष लोगों पर गोलीबारी करके उनकी हत्या की गई, तब सिर्फ 12 साल की उम्र भगत सिंह ने पार की थी।

इस हत्याकांड का भगत सिंह के मन पर काफी बुरा इफेक्ट पड़ा था और हत्याकांड होने के अगले दिन भगत सिंह जलियांवाला बाग में गए और वहां पर उन्होंने थोड़ी सी मिट्टी को अपने हाथों में लिया और उसे जिंदगी भर अपने साथ एक निशानी के तौर पर रखा।

इस हत्याकांड के कारण भगत सिंह के मन में अंग्रेजों के प्रति बहुत ही ज्यादा नफरत पैदा हो गई और उन्होंने मन ही मन अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह करने का निर्णय बना लिया।

आजादी की लड़ाई

आजादी की लड़ाई में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सबसे पहले भगत सिंह ने नौजवान भारत सभा में शामिल होने का निर्णय लिया।इसके बाद भगत सिंह ने कीर्ति किसान पार्टी के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाया और उन्होंने “कीर्ति” मैगजीन के लिए काम किया।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, भगत सिंह बहुत ही अच्छे लेखक भी थे़, जो पंजाबी के अलावा उर्दू भाषा में भी पेपर लिखने का काम करते थे। भगत सिंह को साल 1926 में सेक्रेटरी का पद भारत सभा में प्रदान किया गया, जिसे उन्होंने सहर्ष रूप से स्वीकार कर लिया।

इसके बाद भगत सिंह ने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन को साल 1928 में ज्वाइन कर लिया। इस पार्टी का गठन एक अन्य दमदार क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी ने किया था।

इस पार्टी में शामिल होने के कुछ समय बाद ही अंग्रेजी गवर्नमेंट के द्वारा साइमन कमीशन का गठन किया गया, जिसमें कई अंग्रेज अधिकारी थे, जो भारत आए थे। साइमन कमीशन का भारत आना भारत के लोगों को अच्छा नहीं लगा।

इसलिए भगत सिंह ने अन्य लोगों के साथ मिलकर साइमन कमीशन का विरोध किया और साइमन कमीशन की टीम के सामने ही साइमन गो बैक के नारे लगाए, जिसके बाद अंग्रेज अधिकारी क्रोधित हो गए और उन्होंने भारतीय लोगों पर लाठीचार्ज करने का आदेश दे दिया और इसी लाठीचार्ज में सर पर लाठी लगने के कारण लाला लाजपत राय को काफी गंभीर चोट आई और कुछ समय पश्चात लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई।

लाला लाजपत राय की मृत्यु होने से भगत सिंह को काफी ज्यादा क्रोध आया और उन्होंने दुगनी रफ़्तार से अंग्रेजी गवर्नमेंट के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया। इसके बाद भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंग्रेजी अधिकारी सांडर्स का मर्डर करने का प्लान बनाया।

भगत सिंह हमेशा अपने साथियों से कहा करते थे कि अंग्रेजी गवर्नमेंट को काफी कम सुनाई देता है। इसीलिए उन्हें सुनाने के लिए बम फोड़ने की आवश्यकता है और अपने द्वारा कही गई इस बात को सच साबित करने के लिए साल 1929 को दिसंबर के महीने में भगत सिंह ने अपने साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर अंग्रेजी गवर्नमेंट की असेंबली हॉल में एक बम ब्लास्ट किया।

हालांकि इसमें किसी की जान नहीं गई, परंतु बम ब्लास्ट करने के बाद भगत सिंह वहां से भागे नहीं और उन्होंने इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगाते हुए अपनी गिरफ्तारी दी। इस गिरफ्तारी में बटुकेश्वर दत्त भी शामिल थे।

शहीद भगत सिंह की फांसी

असेंबली हॉल में बम फेंकने के कारण अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह के साथ सुखदेव और शिवराम राजगुरु पर कोर्ट केस चलाया और कोर्ट केस में इन तीनों पर आरोप साबित हुआ, जिसके बाद अंग्रेजी गवर्नमेंट ने इन तीनों को फांसी की सजा सुनाने का ऐलान किया।

हालाकी फांसी की सजा कोर्ट में सुनाने के दौरान भी भगत सिंह और उनके साथियों के माथे पर किसी भी प्रकार की चिंता नहीं दिखाई दी और लगातार भगत सिंह अपने साथियों के साथ अदालत में भी इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते रहे, जो इनके देश प्रेम को दर्शा रहा था।

फांसी की सजा सुनाने के बाद इन्हें जेल में डाल दिया गया, जहां पर भगत सिंह को और उनके साथियों को अंग्रेजी अधिकारी के द्वारा बहुत सारे कष्ट दिए जाते थे, परंतु भगत सिंह एक ऐसी मिट्टी में पैदा हुए थे,जहां वीर क्रांतिकारियों ने जन्म लिया है।

इसलिए उनके ऊपर अंग्रेजी गवर्नमेंट के अत्याचारों का कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा था। जेल में रहने के दौरान भी भगत सिंह ने अपने आंदोलन को जारी रखा। जेल में कई दिन ऐसे होते थे कि उन्हें खाने के लिए खाना भी नहीं दिया जाता था, ना ही उन्हें बाहर जाने दिया जाता था़, परंतु भगत सिंह ने हार नहीं मानी और उन्होंने जेल में भी कई बार अंग्रेजी अधिकारी के खिलाफ और अंग्रेज गवर्नमेंट के खिलाफ आंदोलन किया।

भगत सिंह ने साल 1930 में एक किताब भी लिखी थी, जिसका शीर्षक उन्होंने Why I Am Atheist रखा था।

शहीद भगत सिंह की कविता

“इतिहास में गूँजता एक नाम हैं भगत सिंह
शेर की दहाड़ सा जोश था जिसमे वे थे भगत सिंह
छोटी सी उम्र में देश के लिए शहीद हुए जवान थे भगत सिंह
आज भी जो रोंगटे खड़े करदे ऐसे विचारो के धनी थे भगत सिंह ..”

भगत सिंह की मृत्यु

अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा भगत सिंह और उनके साथियों को फांसी की सजा सुनाने के बाद लगातार भारत के लोग भगत सिंह और उनके साथियों की रिहाई की मांग करते रहे और लगातार होते हुए प्रदर्शन को देखकर अंग्रेजी हुकूमत काफी ज्यादा डर गई।

उन्हें यह लगने लगा कि कहीं जनता का विद्रोह और ज्यादा न भड़क जाए। इसीलिए साल 1931 में मार्च के महीने में 23 और 24 तारीख की आधी रात को ही अंग्रेजी गवर्नमेंट ने बिना किसी को सूचना दिए हुए भगत सिंह और उनके साथियों को फांसी पर लटका दिया और इस बार तीन महान क्रांतिकारी भारत माता के लिए हंसते-हंसते कुर्बान हो गए।

इनकी जीवनी भी पढ़ें

  • हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जीवन परिचय
  • सर्वाधिक प्रखर कुटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य की जीवनी
  • जगतगुरु आदि शंकराचार्य की जीवनी | Adi Shankaracharya Biography
  • दुनिया की एक मशहूर एथलीट PT Usha Biography
  • भारत कोकिला Sarojini Naidu का जीवन परिचय
  • बर्डमैन सलीम अली जीवनी
Previous Articleभारतीय वकील, लेखक, स्वतंत्रता सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी का जीवन परिचय
Next Article बेस्ट पॉप सिंगर Justin Bieber का जीवन परिचय
Jyoti Yadav
  • Website
  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn

Jyoti Yadav is a Digital Marketing analyst by profession and like to posts motivational and inspirational Hindi Posts. She has experience in Digital Marketing and specializing in organic SEO, social media marketing, Affiliate Marketing.

यह भी पढ़े

12 Mins Read

पल्लवी जोशी जीवनी ~ Pallavi Joshi Biography in Hindi

पूरा पढ़े
11 Mins Read

CDS Bipin Rawat Biography चीनी सेनाओं को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था

पूरा पढ़े
8 Mins Read

दुनिया के सबसे जुगाडू इन्सान बिजनेस मैग्नेट Richard Branson जीवनी

पूरा पढ़े

Leave A Reply Cancel Reply

Popular Posts
5 Mins ReadJul 25, 2020

छोटे Business Man के लिए Financial Planning के कुछ Tips

9 Mins ReadMar 9, 2025

भारत के राज्य, राजधानी और मुख्यमंत्री

7 Mins ReadAug 16, 2020

विश्व के प्रमुख देश उनकी राजधानी एवं मुद्राएँ | Country, Capital & Currency

6 Mins ReadDec 31, 2022

Blog, Blogging क्या हैं? क्या मुझे ब्लॉगिंग करनी चाहिए?

8 Mins ReadAug 15, 2020

जानिए पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के बारें में About Trademark, Copyright & Patent

Latest Posts
5 Mins ReadOct 13, 2024
तेरे मेरे इर्द गिर्द : पुस्तक समीक्षा
9 Mins ReadAug 6, 2023
Share Market में नुकसान होने के बावजूद भी लोग पैसा क्यों लगाते हैं?
9 Mins ReadAug 6, 2023
Share market से पैसे कैसे कमाए? Profit बुक करें, मुश्किल नहीं हैं
15 Mins ReadJul 17, 2023
Probo Earning App से पैसे कैसे कमाएं
1 2 3 … 184 Next
Categories
  • Blogging Tips (8)
  • Book Summary (35)
  • Business Ideas & Earn Money (31)
  • General (13)
  • General Knowledge (55)
  • Health Tips (53)
  • Hindi Essay (2)
  • Hindi Quotes (59)
  • Hindi Thoughts (39)
  • Let's Laugh (8)
  • Motivational Hindi Songs (47)
  • Motivational Hindi Stories (25)
  • Personality Development (50)
  • Success Stories (17)
  • अमर कहानियाँ (7)
  • चाणक्य नीति (19)
  • चुटकुले (9)
  • जीवनी (63)
  • धार्मिक परंपरा व आस्था (12)
  • प्रेरक प्रसंग (10)
  • महत्वपूर्ण जानकारियां (9)
  • रोचक घटनाये (3)
  • रोचक तथ्य (8)
  • लोक व्यवहार (33)
  • श्रीमदभागवत गीता अंश (9)
  • सफलता के मंत्र (73)
  • सफलता के रहस्य (54)
  • हिंदी कहानियाँ (93)
  • हिंदी दोहे और उक्तिया (1)
  • हिंदी शेर और शायरी (6)
  • हिन्दी कविताएं (40)
About Us

अच्छी बातें डॉट कॉम

AchhiBaatein is a famous Hindi blog for Famous Quotes and Thoughts, Motivational & Inspirational Hindi Stories and Personality Development Tips

DMCA.com Protection Status

Recent Comment
  • Sahil Solanki on आसान तरीकों से रोज 200 रूपए कैसे कमाए?
  • Rohini on खुद को सोने के सिक्के जैसा बनाइए अगर नाली में भी गिर जाए तो भी कीमत कम नहीं होती
  • Manisha mer on भीड़ हौंसला तो देती है, लेकिन पहचान छीन लेती है | Never follow the crowd
  • Umang pasaya on Free Fire Game खेलकर पैसे कैसे कमाएं?
Subscribe to Updates
सभी नए Posts अपने E-Mail पर तुरंत पाने के लिए यहाँ अपनी E-mail ID लिखकर Subscribe करें।

कृपया यहाँ Subscribe करने के बाद अपनी E-mail ID खोलें तथा भेजे गये Verification लिंक पर Click करके Verify करें

Powered by ® Google Feedburner

Copyright © achhibaatein.com 2013 - 2025 . All Rights Reserved
  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • Guest Column
  • Privacy Policy
  • Sitemap

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.